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दादरी में लाइब्रेरी का उद्घाटन साबित हुआ हवा हवाई, फ़र्ज़ी निकले सारे दावे

Admin Delhi 1
14 April 2023 6:05 AM GMT
दादरी में लाइब्रेरी का उद्घाटन साबित हुआ हवा हवाई, फ़र्ज़ी निकले सारे दावे
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नॉएडा: दादरी के मिहिर भोज इंटर कॉलेज में 15 दिन पहले जिस लाइब्रेरी के उद्घाटन में बड़े बड़े दावे किए गए थे वहाँ सब कुछ हवा हवाई साबित हुआ है। लाइब्रेरी के उद्घाटन में बड़े-बड़े दिग्गज नेता शामिल हुए थे। निशुल्क लाइब्रेरी के दरवाजे पर ताला लटका हुआ है। 15 दिन पहले लाइब्रेरी का लोकार्पण हुआ था। लेकिन आज तक लाइब्रेरी 1 दिन भी नहीं खुली। लाइब्रेरी में धूल और कचरे का भंडार लगा हुआ है। जिसकी सफाई करने वाला कोई भी नहीं है। लोगों का कहना है कि उद्घाटन में आए नेता बड़े-बड़े वादे कर वाह वाही लूटकर फुर हो गए। लाइब्रेरी को सुचारू रूप से शुरू करने की मांग कर रहे है।

दादरी के मिहिर भोज इंटर कॉलेज में 30 अप्रैल को लाइब्रेरी का उद्घाटन किया गया था। लाइब्रेरी उद्घाटन में डॉ महेश शर्मा, विधायक तेजपाल सिंह नगर, अमित चौधरी, वेदराम भाटी जैसे बड़े-बड़े दिक्कत नहीं था शामिल हुए थे। लेकिन लाइब्रेरी उद्घाटन के करीब 15 दिन बाद भी लाइब्रेरी पर ताला चढ़ा हुआ है और घुल का भंडार जमा हुआ है। लोगों का कहना है कि यहां कार्य सिर्फ दिखावे के लिए होते है असल रूप में उनका यही हश्र होता है।

लाइब्रेरी में उपलब्ध नहीं कोई भी सुविधा:

दादरी के पास चिटहैरा गांव के रहने वाले अभिषेक भाटी ने बताया कि वह गवर्नमेंट जॉब्स के लिए तैयारी कर रहे हैं। जिसके लिए वह लाइब्रेरी में जाकर पढ़ाई करते हैं। उन्होंने बताया कि नहीं बताया कि मिहिर भोज इंटर कॉलेज में लाइब्रेरी के उद्घाटन के बाद अभी तक एक भी दिन लाइब्रेरी खुली नहीं है। ना ही लाइब्रेरी में किसी तरह की सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि लाइब्रेरी के खुलने के लिए अभी तक कोई तिथि भी तय नहीं की गई है।

प्राइवेट लाइब्रेरी वाले मांगते हैं मुंह मांगी रकम:

वही दादरी के रहने वाले ओम रोसा ने बताया कि वह यूपीएससी की तैयारी कर रहे है। दादरी में जो प्राइवेट लाइब्रेरी खुली हुई है उनके संचालक मुंह मांगी फीस मांगते हैं। दादरी में निशुल्क सार्वजनिक पुस्तकालय के उद्घाटन से राहत की सांस मिली थी, लेकिन 15 दिन हो गए हैं वह अभी तक खुली ही नहीं है। और ना ही कोई सुविधाएं उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि कॉलेज प्रबंधन ने जो वादे किए थे वह हवा में थे। केवल अपने राजनैतिक आकाओं को खुश करने के लिए निशुल्क लाइब्रेरी खोलने का ड्रामा किया गया था। उन्होंने जल्द लाइब्रेरी खोलने की मांग की है।

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