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राजधानी दिल्ली में प्रदूषण को देखते हुए गे्रडेड रिस्पॉन्स सिस्टम को भी लागू करने की तैयारियां

Admin Delhi 1
21 Sep 2022 6:02 AM GMT
राजधानी दिल्ली में प्रदूषण को देखते हुए गे्रडेड रिस्पॉन्स सिस्टम को भी लागू करने की तैयारियां
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दिल्ली न्यूज़: दिल्ली में बरसात के बावजूद प्रदूषण स्तर संतोषजनक और अच्छी श्रेणी से मध्यम दर्जे में पहुंच गया है। दिल्ली के प्रदूषण को देखते हुए गे्रडेड रिस्पॉन्स सिस्टम को भी लागू करने की तैयारियां हो रही हैं। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने इस साल जीआरएपी को पहले ही लागू करने के साथ प्रदूषण बढऩे का इंतजार न करते हुए तीन दिन के पूर्वानुमान के आधार पर ही लागू किया जाएगा। इस साल प्रदूषण नियंत्रण के लिए प्रदूषण की श्रेणियों के हिसाब से प्रतिबंध लागू होंगे और इस साल पहली बार हर व्यक्ति को अपनी ड्यूटी भी निभानी होगी। वर्ष 2017 में लागू किए गए जीआरएपी को आयोग ने हाल ही में संशोधित किया है। इस साल चार अलग-अलग चरण में जीआरएपी लागू किया जा रहा है। अभी वायु गुणवत्ता सूचकांक 130 है और 201 से 300 के बीच खराब श्रेणी में एक्यूआई आते ही लोगों को अपने वाहनों कार, बाइक आदि के इंजन की ट्यूनिंग करवानी होगी। टायर में हवा जांच, प्रदूषण नियंत्रण का प्रमाणपत्र, रेड लाइट पर या ज्यादा देर तक खड़े होने पर वाहन बंद करने होंगे। इसके साथ ही खुले में कूड़ा न डालने न ही जलाने पर सख्ती होगी। प्रदूषण करते कोई नजर आया तो शिकायत 311 ऐप, ग्रीन दिल्ली ऐप, समीर ऐप पर की जा सकेगी।


वायु गुणवत्ता बेहद खराब होने 301 से 400 के बीच होने पर प्राइवेट गाडिय़ों का इस्तेमाल कम कर सार्वजनिक वाहनों का प्रयोग करना होगा, वाहनों में एयर फिल्टर बदलवाना होगा। पहली अक्तूबर से जनवरी तक धूल से जुड़ी गतिविधियों, तोडफ़ोड़, निर्माण को मंजूरी नहीं होगी। इसके सााि ही गंभीर 401 से 450 होने पर साइकल, सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करने, वर्क फॉर्म होम करने, कोयले या लकड़ी का इस्तेमाल बंद किया जाएगा। बता दें कि देश में करीबन 141.4 मिलियन हेक्टेयर में फसल होती हैं और इसमें 600 मिलियन टन अवशेष होते हैं जिसमें करीबन 140 टन जलाए जाते हैं।

पंजाब, हरियाणा, यूपी और राजस्थान में अकेले 39 टन से ज्यादा कृषि अवशेष जलाए जाते हैं। पर्यावरण विशेषज्ञ रविंद्र खईवाल कई कारण गिनवाते हुए बताते हैं कि इस साल पंजाब, हरियाणा की ओर से पराली जलाने के मामलों में 20 से 30 प्रतिशत तक की कमी आएगी। इसके पीछे वह सरकारी उपाय, जागरूकता, फसल बदलाव, मशीनों की उपलब्धता को बताते हैं। पंजाब, हरियाणा और यूपी के चलते ही दिल्ली में प्रदूषण बढ़ता है और पीएम-2.5 वृद्धि पिछले दशक में बहुत तेजी से हुई है और हर साल 106 लोगों की मौत भी सांस संबंधी रोगों के कारण सीधे प्रदूषण से हो रही है। वहीं मंगलवार को बारिश से पहले दिल्ली में प्रदूषण का असर दिख रहा था और आनंद विहार ऐसा इलाका रहा जो कि बहुत खराब-303 दर्ज किया। हांलाकि मुंडका-172, शादीपुर-180, अशोक विहार-124, वजीरपुर-143 सहित कई इलाके थे जो कि खराब से कुछ ही दूर दिखाई दिए।

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