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हमारी सभ्यता में देवताओं को भी उनकी पत्नियों के नाम से जाना जाता है: जेएनयू वीसी

Rani Sahu
13 Jan 2023 4:01 PM GMT
हमारी सभ्यता में देवताओं को भी उनकी पत्नियों के नाम से जाना जाता है: जेएनयू वीसी
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नई दिल्ली (आईएएनएस)| जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय की कुलपति शांतिश्री धुलिपुडी पंडित का कहना है कि दुनिया में हम एकमात्र सभ्यता हैं जहां देवताओं को भी उनकी पत्नियों के नाम से जाना जाता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया जैसे कि उमापति, सीतापति, लक्ष्मीपति। जेएनयू की वीसी ने 'उमापति, लक्ष्मीपति, सीतापति' नामों का हवाला देते हुए कहा कि हमारे प्राचीन ग्रंथों में भी पतियों को उनकी पत्नियों के नाम से जाना जाता था।
उन्होंने कहा कि अगर हर एक मां अपने बेटों को वैसे ही संस्कार दे जैसे जीजामाता ने शिवाजी को दिए गए थे, तो बलात्कार व घरेलू हिंसा जैसी घटनाओं में कमी आएगी।
इसके साथ ही कुलपति ने कहा, मुझे जेएनयू की पहली महिला वाइस चांसलर बनाने के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देती हूं। उन्होंने कहा कि जेएनयू की पहली महिला कुलपति के रूप में उनकी नियुक्ति वामपंथियों और तथाकथित उदारवादियों के चेहरे पर करारा तमाचा है। कुलपति का कहना है कि अगर हमें शक्तियां चाहिए तो हमें राजमाता जीजाबाई जैसा बनना होगा।
जेएनयू की कुलपति ने महिला सशक्तिकरण पर आयोजित छत्रपति शिवाजी महाराज की मां जीजामाता की जयंती के उपलक्ष्य में एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) माय होम इंडिया द्वारा आयोजित एक समारोह को संबोधित कर रहीं थी। यह बातें उन्होंने इसी समारोह के दौरान कही। उन्होंने जीजाबाई को एक गुमनाम नायक और भारतीय सभ्यता का गौरव बताया।
इसके साथ ही जेएनयू की कुलपति का कहाना कि उनका विश्वविद्यालय पिछले 75 साल से झूठी बुनियाद पर इतिहास लिख रहा है, लेकिन अब इसमें बदलाव दिखने लगा है। कुलपति ने कहा कि गलत और झूठे बुनियाद पर इतिहास नहीं लिखा जाना चाहिए, अब इसमें सुधार हो रहा है। उन्होंने यह भी दावा किया कि तमिलनाडु भारत का सर्वाधिक हिंदूकृत राज्य है। उन्होंने उल्लेख किया कि वह गैर-हिंदी भाषी राज्य से जेएनयू की पहली कुलपति हैं।
पंडित ने कहा कि जीजामाता ने शिवाजी में मूल्यों को स्थापित किया, जिन्होंने भारत के अंतिम हिंदू साम्राज्य 'हिंदवी स्वराज' की स्थापना की, जो 1761 में पानीपत की तीसरी लड़ाई तक चला।
माय होम इंडिया के संस्थापक एवं भाजपा के राष्ट्रीय सचिव सुनील देवधर ने इस कार्यक्रम में कहा कि महिलाओं का शोषण और उत्पीड़न जो देख नहीं सकती थी ऐसी थी हमारी जिजाबाई। जिजाबाई ने शिवाजी को भारतीय संस्कृति पढ़ाई, रामायण और महाभारत के पाठ पढ़ाकर संस्कार दिए।
वहीं राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि हम सभी को हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा समरसता के आवाहन को आगे लेकर जाने की जरूरत हैं। हमे महिलाओं के प्रति समरस होने की अवश्यकता हैं। राष्ट्र की प्रतिष्ठा में, उसके विकास में, उसके समृद्धि में 50 प्रतिशत योगदान वहां की महिलाओं का होता हैं।
--आईएएनएस
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