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24 घंटे में पुलिस ने यूं सुलझाया केस, किडनैप' हुई 23 साल की अमेरिकी लड़की, Yahoo से हेल्प, Whatsapp से लीड
नई दिल्ली में अपहरण का एक ऐसा मामला सामने आया जिसने स्थानीय पुलिस के साथ-साथ अमेरिकी दूतावास को भी परेशानी में डाल दिया. चाणक्यपुरी पुलिस स्टेशन में अमेरिकी दूतावास ने पिछले दिनों 23 साल की एक अमेरिकी युवती की किडनैपिंग की शिकायत दर्ज कराई. वहीं पुलिस ने भी बिना देरी हाईटेक तरीके से जांच करते हुए 24 घंटे के भीतर युवती को सही सलामत रेस्क्यू कर लिया. किडनैपिंग के इस मामले में कई ऐसे भी खुलासे हुए जिसने आलाधिकारियों को हैरान कर दिया. जानते हैं इस किडनैपिंग की पूरी कहानी...
युवती ने अमेरिकी नागरिक सेवा, मां से किया संपर्क
अमेरिकी युवती क्लो रेनी 3 मई को दिल्ली आई. वह देश के कई इलाकों में घूमी. 9 जुलाई को उसने अमेरिकी नागरिक सेवा को मेल करके बताया कि उसके साथ एक शख्स ने मारपीट की और उसका शारीरिक शोषण किया. इसके बाद 10 जुलाई को उसने अपनी मां सैंड्रा को वीडियो कॉल कर आप बीती सुनाई.
मां ने उससे और जानकारी जुटाने की कोशिश तभी एक युवक ने वीडियो कॉल कट कर दी. परेशान मां ने वक्त गंवाए अमेरिकी दूतावास से संपर्क कर मामले की जानकारी दी. इसके बाद अमेरिकी दूतावास ने चाणक्यपुरी थाने में 15 जुलाई को अपहरण का केस दर्ज करवाया.
पुलिस ने बिना देरी कई एंगल पर किया काम
पुलिस ने युवती की लोकेशन का पता लगाने के लिए अमेरिकी नागरिक सेवाओं को ईमेल भेजने के लिए लड़की द्वारा इस्तेमाल किए गए आईपी एड्रेस को लेने लिए Yahoo.com से मदद मांगी. साथ ही साथ दिल्ली पुलिस ने इमिग्रेशन डिपार्टमेंट से भी उसका इमिग्रेशन फॉर्म मांगा, जिसमें युवती ने अपना रहने का पता खसरा नंबर 44 और 45, ग्रेटर नोएडा बताया था.
पुलिस तब वहां पहुंची तो वह पता रेडिसन ब्लू होटल का निकला. पुलिस ने वहां पूछताछ की तो पता चला कि ऐसी किसी लड़की ने होटल में चेक-इन ही नहीं किया. इसके बाद में युवती जिस व्हाट्सएप नंबर का इस्तेमाल कर रही थी, उसका आईपी एड्रेस का पता लगाया.
IP एड्रेस के जरिए नाइजीरियाई युवक तक पहुंची पुलिस
व्हाट्सएप से मिली जानकारी से पता चला कि पीड़िता ने वॉट्सएप वीडियो कॉल करते समय किसी के वाई-फाई डेटा लिया था. इसके बाद पुलिस ने आईपी एड्रेस से जुड़े मोबाइल नंबर और कॉमन एप्लीकेशन फॉर्म (सीएएफ) में दिए गए वैकल्पिक मोबाइल नंबर की जांच की, जिसके बाद पुलिस ने इस नंबर को सर्विलांस पर डाल दिया.
इसी के आधार पर पुलिस ने गुरुग्राम से 31 साल के नाइजीरियाई युवक ओकोरोफोर चिबुइके ओकोरो उर्फ रेची को पकड़ लिया. इसी के मोबाइल के आईपी एड्रेस का इस्तेमाल पर युवती ने अपनी मां को व्हाट्सएप कॉल किया था.
युवक ने चौंकाने वाले किए खुलासे
पुलिस ने जब नाइजीरियाई युवक से पूछताछ की तो उसने बताया कि युवती ग्रेटर नोएडा के इम्पेरिया रेजीडेंसी में रह रही है. पुलिस वहां पहुंची और लड़की का पता लगा लिया. इसके बाद जब पुलिस ने उससे पूछताछ हुई तो युवती ने बताया कि अपने माता-पिता को इमोशनल ब्लैकमेल करने के लिए उसने खुद के अपहरण की झूठी कहानी रची थी.
पुलिस को पड़ताल में यह भी पता चला कि उसका वीजा पिछले महीने 6 जून को ही खत्म हो गया था. उसने फेसबुक के जरिए ओकोरोफोर चिबुइके ओकोरो से दोस्ती की थी और भारत आने के बाद वह उसके साथ रह रही थी. इतना ही नहीं पुलिस ने बताया कि युवक का भी पासपोर्ट एक्सपायर हो गया है. अब उसके खिलाफ वैध पासपोर्ट और वैध वीजा के बिना भारत में अधिक समय तक रहने को लेकर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
गाना गाने के शौक ने दोनों को मिलाया
पुलिस ने बताया कि युवती यूएसए विश्वविद्यालय से ग्रैजुएशन कर रही है. वह वॉशिंगटन डीसी में रहती है. उसके पिता यूएस आर्मी में अधिकारी रहे हैं. उसे गाना गाने का शौक है. वहीं नाइजीरियाई युवक 2017 में नेटवर्क एडमिनिस्ट्रेटर का कोर्स करने के लिए भारत आया था. इसे भी गाना गाने का शौक है. कोर्स पूरा करने के बाद उसने स्टेज शो करने शुरू कर दिए. दोनों को गाना गाने का शौक है, इसीजिए दोनों की फेसबुक के जरिए दोस्ती हो गई. पुलिस इस मामले में अभी जांच कर रही है