- Home
- /
- दिल्ली-एनसीआर
- /
- अवैध रूप से चल रहे कॉल...
अवैध रूप से चल रहे कॉल सेंटर का सीबीआई ने किया भंडाफोड़, दो को धर दबोचा
दिल्ली क्राइम न्यूज़: केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने पश्चिमी दिल्ली में अवैध रूप से कॉल सेंटर चलाने वाले दो लोगों को गिरफ्तार किया है। ये लोग खुद को इंटरपोल और यूरोपोल का अधिकारी बताकर विदेशी नागरिकों से वसूली करते थे। सीबीआई की ओर से दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक शादीपुर की तंग गलियों में स्थित इस कॉल सेंटर का संचालक जयवीर शर्मा था। छापे के दौरान जांच एजेंसी को ई-वॉलेट में बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी समेत 1.30 करोड़ की राशि मिली है। इस कथित धोखाधड़ी के मामले में विजय और विशाल नाम के शख्स को गिरफ्तार किया गया है। सूत्रों के मुताबिक ये ज्यादातर फंड क्रिप्टो करेंसी में लेते थे और विजय का ई वॉलेट खाता 'वजीर एक्स' में है। अधिकारियों के मुताबिक ये लोग विदेशी नागरिकों को यह कह कर डराते थे कि उनका डेटा चोरी हो गया है जिसका इस्तेमाल गैर कानूनी गतिविधियों में किया जा सकता है। उन्हें यह कहकर भी धमकाया जाता था कि उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हो गया है। गिरफ्तारी से बचने और केस बंद कराने के लिए खातों में क्रिफ्टो करेंसी और गिफ्ट कार्ड कोड के जरिये पैसे मंगाए जाते थे। उन्हें यह भी आश्वासन दिया जाता था कि केस बंद होने के बाद उनके पैसे लौटा दिए जाएंगे। एजेंसी
नौकरी का झांसा देकर ठगी में दो गिरफ्तार: प्राइवेट सेक्टर में नौकरी दिलवाने का झांसा देकर देशभर के सैकड़ों लोगों से ठगी करने वाले गैंग का रोहिणी जिला साइबर थाना पुलिस ने खुलासा किया है। पुलिस ने इस संबंध में मास्टर माइंड समेत दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान हल्द्वानी, उत्तराखंड निवासी जुबैर खान और उत्तम नगर निवासी अनिल शर्मा के रूप में हुई है। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर 11 मोबाइल फोन और 220 सिमकार्ड व अन्य सामान बरामद किया है। पिछले दिनों रोहिणी निवासी राजेश कुमार ने नेशनल क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर ठगी की एक शिकायत दी थी। पीड़ित ने बताया कि उसने कई वेबसाइट पर नौकरी के लिए अपना बायोडाटा डाला था। उसके पास एक महिला का कॉल आया। महिला ने उसे नौकरी के लिए इंटरव्यू करने के लिए बुलाया। वह नेताजी सुभाष प्लेस इलाके में इंटरव्यू देने गया। इंटरव्यू के बाद उसे प्राइवेट कंपनी में नौकरी के लिए ऑफर लैटर भी दे दिया गया। पीड़ित से उसी दिन सिक्योरिटी डिपोजिट के नाम 6500 रुपये ले लिए गए। लंबा समय बीतने के बाद भी उसे न तो नौकरी मिली और न ही उसके पैसे वापस मिले। इसके बाद उसने पुलिस से शिकायत की।
पुलिस ने नेताजी सुभाष प्लेस स्थित कॉल सेंटर पर छापेमारी की। वहां पुलिस को आठ महिलाएं व दो पुरुष मिले। दो महिलाओं ने बताया कि इन सभी को जुबैर नामक युवक ने नौकरी पर रखा हुआ है। 30 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी में सार्वजनिक उपक्रम के पूर्व कार्यकारी निदेशक गिरफ्तार दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने निजी कंपनी को 30 करोड़ का चूना लगाने के आरोप में सार्वजनिक उपक्रम के पूर्व कार्यकारी निदेशक को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान मयूर विहार निवासी अजय खेड़ा के रूप में हुई है। आरोपी ने निजी कंपनी में कानूनी सलाहकार के रूप में काम करते हुए अपने बेटे को अमेरिका ब्रांच का मैनेजर बनवा दिया। बाद में दो अन्य कंपनियों की मदद से आरोपी ने शिकायतकर्ता कंपनी को 30 करोड़ का चूना लगा दिया। वारदात के आरोपी अजय और उसके बेटे सिद्धार्थ खेड़ा ने अपनी कंपनी से इस्तीफा दे दिया। सबूत मिटाने की नियत से आरोपियों ने कंपनी कंप्यूटर की हार्डडिस्क भी बदल दी। अपराध शाखा के विशेष आयुक्त रविंद्र सिंह यादव ने बताया कि पिछले दिनों सीगल मैरीटाइम एजेंसीज प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी ने 30 लाख रुपये धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी। कंपनी का काम विदेशों से सामान लाने और ले जाने का है। वर्ष 2010 में सीगल ने अपनी एक शाखा अमेरिका में भी शुरू की। उस समय आरोपी अजय खेड़ा सीगल में कानूनी सलाहकार के रूप में काम करते थे।
अजय ने कंपनी के पूर्व प्रमोटरों से गुजारिश की कि वह सीगल के अमेरिका यूनिट का जिम्मा उनके बेटे सिद्धार्थ को दिलवा दें। सिफारिश के बाद सिद्धार्थ को अमेरिका स्थित शाखा में मैनेजर बनाकर रख लिया गया। सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था। अचानक वर्ष 2018 के बाद कंपनी का कारोबार कम होता गया। इसके बाद 2021 तक कंपनी घाटे में पहुंच गई। इसकी पड़ताल की गई तो पता चला कि कंपनी को मिलने वाला कारोबार दो अन्य कंपनियों को मिल रहा है। जिनकी देखभाल अजय खेड़ा कर रहा है। इनमें से एक कंपनी को वह सीगल की ही शाखा बताकर सीगल के पुराने ग्राहकों से कारोबार कर रहे थे। कंपनी के कर्मचारियों को मिलाकर इन लोगों ने फर्जी बिलों का भी इस्तेमाल किया।