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जेल की रोटी खाने के है शौक़ीन तो हो जाइए तैयार, जल्द मिलेगी आउटलेट पर जेल की रोटी
दिल्ली एनसीआर स्पेशल न्यूज़: दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा में जेल की रोटी खाने की अगर इच्छा हो तो अब जेल जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अगर योजना परवान चढ़ी तो आने वाले कुछ माह में आम लोगों को भी जेल की रोटी व नमक जेल के बाहर आसानी से जेल के रोटी आउटलेट पर मिल सकेगी। ऐसे में वह लोग जिनकी कुंडली में जेल जाने का दोष ज्योतिष बताते है उन लोगों को इस जेल जाने से बचने के जेल की रोटी खाने व नमक खाने के उपाय भी बताते हैं। ऐसे लोग अक्सर अपने परिचितों के माध्यम से जेल के बाहर ही जेल की रोटी का जुगाड़ कराने की मशक्कत में अक्सर जेल के अफसरों से गुहार लगाते दिखाई देते है। जिसमें नेता से लेकर बिजनेसमेन, बिल्डर और सरकारी महकमों के अधिकारी व कर्मचारी भी है। यूपी के डीजी जेल आनंद कुमार के मुताबिक एक पायलट प्रोजेक्ट जेल की रोटी के आउटलेट के रूप में शुरू करने की तैयारी है। इससे जेल के राजस्व में भी वृद्वि होगी। वहीं दूसरी ओर बंदियों को भी जेल के अंदर ही रोजगार मुहैया हो जायेगा। पायलट प्रोजेक्ट दस जिलों में शुरू करने की तैयारी है। जिसमें से एक गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) भी है।
उत्तर प्रदेश भर में कुल 73 जेल हैं। जेल विभाग उत्तर प्रदेश के 10 जिला जेलों के उत्पाद की बिक्री के साथ ही आउटलेट पर रोटियां भी बेचने जा रहा है। पहले चरण में सेंट्रल जेल फतेहगढ़, आगरा, वाराणसी, बरेली और नैनी होगें। इसके अलावा जिला जेल गौतमबुद्ध नगर, मथुरा, अलीगढ़ मेरठ व लखनऊ जेल के आउटलेट पर रोटी व नमक मिलेगा। यह पायलट प्रोजेक्ट सफल हुआ तो बाकी अन्य जिलों की जेलों में भी यह व्यवस्था शुरू की जाएगी। जेल की रोटी की बिक्री से आने वाले रुपए जेल विभाग में ही जरूरतों की चीजों पर खर्च किया जायेगा। जिस जेल की रोटी बेची जाएगी उन जेलों के कैदी और बंदी जेल के अंदर रोटियां बनाएंगे। इसके बाद यह रोटियां जेल के आउटलेट पर प्रतिदिन पहुंचा कर बेची जाएंगी। डीजी जेल आनंद कुमार के मुताबिक अभी रोटी के मूल्य आदि तय नहीं किए गए हैं, लेकिन जल्द ही जेल विभाग बैठक कर रोटी का रेट यह तय करेगा। ग्रेटर नोएडा के लुक्सर गांव स्थित गौतमबुद्ध नगर जिला जेल के जेल अधीक्षक अरूण प्रताप सिंह के मुताबिक उन्हें भी ऐसी जानकारी मीडिया के माध्यम से मिली है। अगर शासन स्तर या जेल मुख्यालय से ऐसा कोई आदेश आता है तो जेल परिसर में ही रोटी के लिए आउटलेट खोल दिया जायेगा।
केरल के कन्नूर जेल में है रोटी व बिरयानी आउटलेट: कुंडली में जेल जाने के दोष को कटाने के लिए पूरे देश में ही लोग ज्योतिषियों के उपायों पर अमल करने के लिए जेल की रोटी खाने की व्यवस्था अपने अपने स्तर से करते है। जिसे देखते हुए बिजनेस माड्यूल केरल के कन्नूर की सेंट्रल जेल से निकला। जहां जेल के बंदी रोटी व बिरयानी और करी बनाते है और आउटलेट के माध्यम से बेचते है। वर्ष 2012 में शुरू हुए जेल की रोटी व बिरयानी के आउटलेट का टर्नओवर आज तीन करोड़ के आसपास तक पहुंच चुका है। वहीं तिहाड़ जेल में बंदी बेकरी व अन्य खाने का सामान बना कर टीजे ब्रांड से बेचते है। तिहाड़ जेल का सालाना टर्नओवर चालीस करोड़ के आसपास है। जिसमें से 15 करोड़ की कमाई सीधे जेल को हो रही है।