अगर मुखर्जीनगर की तरह लक्ष्मीनगर में हुआ हादसा तो मचेगी भारी तबाही
दिल्ली: पूर्वी दिल्ली में लक्ष्मी नगर कोचिंग संस्थानों का एक ऐसा केंद्र है जो बैंकिंग सेवाओं, चार्टर्ड अकाउंटेंसी और वाणिज्य परीक्षा की तैयारी कराने वाले कोचिंग सेंटरों की भरमार है ।इसके साथ ही यहां कई अंग्रेजी सिखाने वाले कोचिंग सेंटर भी हैं।
विकास मार्ग के दोनो तरफ कोचिंग खुले हुए है। कुछ मुख्य मार्ग पर है,तो कुछ अंदर गलियों में। इनमें से कुछ केंद्र बहुमंजिला इमारतों से चलाए जाते हैं, कुछ एक कमरे से संचालित होते हैं। यहां यदि मुखर्जी नगर जैसा हादसा हो जाए तो काफी तबाही मच सकती है।
मुखर्जी नगर में कोचिंग में लगी भीषण आग से काफी नुकसान हुआ,मगर खैरियत यह रही कि किसी खास के हताहत होने की कोई खबर नहीं है। लक्ष्मीनगर मेट्रो से लेकर निर्माण विहार मेट्रों तक 100 से ज्यादा कोचिंग सेंटर है। यदि ऐसा हादसा लक्ष्मीनगर में हो जाए तो माल के साथ ही जान की भी काफी हानि होने की संभावना है। इसके कई कारण है, जिसमें से कुछ मुख्य कारण यह है -
सड़कों पर अतिक्रमण
लक्ष्मीनगर इलाके में विकास मार्ग के दोनो तरफ लक्ष्मीनगर और शकरपुर की तरफ दोनो और सडक़ पर अतिक्रमण की भरमार है। दोनो तरफ की सडक़ पर बहुतायात में सडक़ पर ठेले वालों का कब्जा है। वहीं अंदर की ज्यादातर गलिया काफी संकरी है। ऐसे में आग लगने की स्थिति में फायद ब्रिगेड की गाडिय़ों का समय पर पहुंचना तो छोडि़ए आग तक पहुंचना ही भारी मशक्कत का काम है।
ज्यादातर कोचिंग का एक ही प्रवेश द्वार और वह भी संकरा : यहां स्थित ज्यादातर कोचिंग सेंटरों में प्रवेश का एक ही दरवाजा है। ऐसे में यहां आग लगने या किसी अन्य तरह की अप्रिय घटना होने पर निकलने का केवल एक ही रास्ता होने पर घबराहट में बच्चों में भगदड़ मचने पर चोटिल हो सकते हैं या अंदर की फंसे रह सकते हैं।
ऊपरी मंजिलों पर हैं ज्यादातर कोचिंग
ज्यादातर कोचिंग ऊपरी मंजिलों पर संचालित है। इसके पीछे कारण माना जाता है कि ग्राउंड फ्लोर का किराया ज्यादा होता है,तो ऐसे में कोचिंग संचालक ऊपरी मंजिलों पर अपने कोचिंग संचालित करते है। इनमें से ज्यादातर में आने और जाने की एक ही सीढिय़ा होती है और ज्यादातर में सीढिय़ां भी संकरी ही होती है। ऐसे में आग लगने पर संकरी सीढिय़ों के चलते आग लगने पर बच्चों के फंसने की ज्यादा संभावना रहती है।
संकरी गलियां : बहुत से कोचिंग सेंटर यहां संकरी गलियों मे है,या कुछ ऐसे भी है,जो है मुख्यमार्ग पर मगर उनका रास्ता बराबर से संकरी गली में है। ऐसे में यहां आग लगने पर फायर बिग्रेड को आग पर काबू पाने में काफी मशक्कत करनी पड़ेगी। इसके साथ ही संकरी गलियां होने के कारण बच्चों को बाहर निकलने में भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
संकरी गलियों में फैला बिजली के तारों का जाल
यहां गलियां तो संकरी है,मगर बिजली की खपत ज्यादा है। ऐसे में यहां की संकरी गलियों में बिजली के तारों का जाल फैला हुआ है। कई इलाकों में ओवर लोडिंग की समस्या है, ऐसे में यहां शॉर्टसर्किट होने पर आग के भीषण रूप से फैलने की संभावना है।
आपस में चिपकी हुई हैं इमारतें
विकास मार्ग के दोनो तरफ लक्ष्मीनगर और शकरपुर संकरी गलियों और घनी आबादी वाले इलाके है। ऐसे में यहां ज्यादातर व्यापारिक प्रतिष्ठानों की इमारते आपस में चिपकी हुई है। यदि एक इमारत में आग लग जाए तो फैलने पर दूसरी इमारत के इसकी चपेट में आने की संभावना काफी ज्यादा रहती है। जिससे आग विकराल रूप ले सकती है।
क्षमता से ज्यादा छात्र:
ज्यादातर कोचिंग में उनकी कक्षाओं की क्षमता से ज्यादा छात्रों की क्लास चलती है। अंदाजन एक क्लास में 80 से 100 छात्र होते है,जबकि क्षमता के हिसाब से देखा जाए तो बामुश्किल 60 से 70 छात्रों की क्षमता होती है। ऐसे में क्षमता से ज्यादा छात्र होने पर यदि कोई आग लगने का हादसा हो जाए,तो नुकसान अपने आप बढ़ा हो जाएगा ।
ज्यादातर इमारते पुरानी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं
ज्यादातर इमारते काफी पुरानी है। इनमें से ज्यादातर का पहले रिहायशी इस्तेमाल होता था, मगर एजुकेशन हब बनने पर ज्यादातर में या तो कोचिंग खुल गए है या छात्रों के रहने के लिए पीजी बन गए है। नियमानुसार जितने भी कोचिंग सेंटर चल रहे है उनमें फायर सेफ्टी को देखते हुए दो एंट्री-एज्जिट होने चाहिए । इसके साथ ही आग से निपटने के लिए अग्रिशमनयंत्र,हौज रील, फायर अलार्म होने चाहिए। मगर अधिकतर कोचिंग सुरक्ष के इन मानकों को पूरा नहीं करते हैं।
2019 में सील हुए थे कोचिंग सेंटर
पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मीनगर में साल 2019 में सूरत में हुए हादसें के बाद निगम द्वारा चैकिंग के बाद दो कोचिंग सेंटरों को सील कर दिया गया था,जबकि दो को नोटिस जारी किया गया था। उस वक्त नगर निगम ने लक्ष्मीनगर में 27 कोचिंग सेंटरों को नोटिस जारी किया था, जो असुरक्षित परिसरों से संचालित हो रहे थे। इनमें से दो कोचिंग सेंटरों को अग्नि सुरक्षा मानदंडों का पालन नहीं करने के लिए नोटिस जारी किया गया था।