दिल्ली-एनसीआर

कैसे गिरेगा भ्रष्टाचार का नमूना, अंतिम चरण में ध्वस्तीकरण की तैयारियां

Admin4
17 Aug 2022 11:07 AM GMT
कैसे गिरेगा भ्रष्टाचार का नमूना, अंतिम चरण में ध्वस्तीकरण की तैयारियां
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ट्विन टावर पूरी तरह से पुलिस के पहरे में है। यहां आवाजाही की मनाही है। बैरिकेड कर मुख्य सड़क को बंद कर दिया गया है। टावर में विस्फोटक लगने से यह क्षेत्र में अति संवेदनशील की श्रेणी में आ गया है। अंतिम ब्लास्ट होने तक यहां हर वक्त कड़ा पहरा रहेगा।

ट्विन टावर को ध्वस्त करने की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। 25 अगस्त को होने वाले फुल रिहर्सल और 28 को होने के वाले अंतिम ब्लास्ट के दिन छह घंटे तक नोएडा-ग्रेनो एक्सप्रेसवे बंद रहेगा। ब्लास्ट के लिए तय समय से तीन घंटे पहले और तीन घंटे बाद तक एक्सप्रेसवे के करीब 15 किमी लंबे दायरे में वाहनों के आवागमन पर पूरी तरह रोक लगा दी जाएगी। मुख्य मार्ग के अलावा एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ की सर्विस रोड समेत और उससे जुड़ी अंदरूनी सड़कों पर भी वाहनों के चलाने पर रोक होगी। छह घंटे की वाहनों के आवागमन पर रोक लगाने के लिए डायवर्जन प्लान तैयार कर लिया गया है।

दरअसल, जिस ट्विन टावर को विस्फोटक लगाकर गिराया जाना है। यह एक्सप्रेसवे से चंद कदम की दूरी पर है। सुरक्षा कारणों से इसके आसपास की अंदरूनी सड़कों के अलावा दोनों तरफ से फरीदाबाद फ्लाईओवर समेत नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे को दोनों तरफ से नोएडा ट्रैफिक विभाग ने बंद करने का फैसला किया है। इसका प्राथमिक खाका तैयार कर लिया गया है। इसे अंतिम रूप दिया जाना बाकी है। 25 अगस्त को फुल रिहर्सल और 28 अगस्त को अंतिम ब्लास्ट किया जाना है।

इस तैयारी में ग्रेटर नोएडा की तरफ जाने वाले ट्रैफिक को महामाया फ्लाईओवर के पास से सेक्टर-37, शशि चौक, सिटी सेंटर, सेक्टर-71 होकर फेज दो की तरफ निकाला जाएगा। इसी तरह से परी चौक की तरफ से आने वाले ट्रैफिक को जेपी अस्पताल से पहले लेफ्ट टर्न लेकर बांध मार्ग पर डायवर्ट किया जाएगा। इस मार्ग से वाहन चालक सेक्टर-94 तक आएंगे। यहां से महामाया की तरफ आकर गंतव्य की तरफ जा सकेंगे।

डायवर्जन प्लान

एनएसइजेड से एल्डिको चौक और सेक्टर-108 जाने के लिए एल्डिको चौक से पंचशील अंडरपास की ओर जाना होगा।

एनएसइजेड, सेक्टर-83 से सेक्टर-92 चौक और श्रमिक कुंज जाने के लिए एल्डिको चौक से पंचशील अंडरपास की तरफ जाना होगा।

सेक्टर-93 श्रमिक कुंज चौक से सेक्टर-82 जाने के लिए श्रमिक कुंज चौक से गेझा तिराहा की ओर ट्रैफिक डायवर्ट किया जाएगा।

सेक्टर-105 हाजीपुर, सेक्टर-108 से एल्डिको चौक होकर सेक्टर-83, फेज-2 एनएसइजेड जाने वालों को सेक्टर-105 और108 चौक से गेझा तिराहा या नोएडा एक्सप्रेसवे की ओर भेजा जाएगा।

सेक्टर-82 श्रमिक कुंज से फरीदाबाद फ्लाईओवर का उपयोग कर सेक्टर-132 जाने वाले वाहनों को श्रमिक कुंज चौक से सेक्टर-108 की ओर डायवर्ट किया जाएगा।

ट्विन टावर मामले में डायवर्जन का खाका तैयार कर लिया गया है। दोनों दिन करीब छह से सात घंटे एक्सप्रेसवे पर आवाजाही प्रभावित रहेगी। जल्द ही प्लान को अंतिम रूप दिया जाएगा। - गणेश प्रसाद साहा, डीसीपी ट्रैफिक

सियान टावर में विस्फोटक लगाने का काम पूरा

ट्विन टावर में विस्फोटक लगाने का काम जारी है। सियान (29 मंजिला) टावर में विस्फोटक लगाने का काम पूरा कर लिया गया है। वहीं एपेक्स (32 मंजिला) के 14 तलों पर विस्फोटक लगाया जाना बाकी है। विस्फोटक लगा रही कंपनी एडिफिस के सूत्रों के मुताबिक काफी तेज गति से काम चल रहा है। ऊपरी तल से इसकी शुरुआत की गई थी। पहले दिन दोनों टावरों के तीन-तीन तलों में विस्फोटक लगाए गए थे। कंपनी का दावा है कि अगर कोई अड़चन नहीं आई तो 22 अगस्त तक विस्फोटक लगाने का काम पूरा कर लिया जाएगा।

आरडब्ल्यूए अब भी असंतुष्ट

एमराल्ड कोर्ट आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष यूबीएस तेवतिया ने कहा कि सुपरटेक ने पहले 40 पिलरों की मरम्मत शुरू की थी। आपत्ति करने के बाद उन्होंने केवल 10 अन्य पिलरों को मरम्मत करने का वादा किया है। उनका कहना है कि यहां के कम से कम 300 पिलरों व कॉलम की मरम्मत होनी चाहिए। बिल्डर ने खुद से स्ट्रक्चरल ऑडिट नहीं कराया और अब उनकी खुद की ऑडिट के आधार पर चिह्नित किए गए पिलरों की ही मरम्मत का काम चल रहा है। उनका कहना है कि यह 50 पिलर को केवल सैंपल के लिए चिह्नित किए गए थे। इससे ज्यादा की मरम्मत की दरकार है। आरडब्ल्यूए का कहना है कि धूल आदि से बचाने के लिए ट्विन टावर के आसपास के टावरों को जिओ फाइबर टेक्सटाइल से ढक दिया गया है। इसका असर महिलाओं, बुजुर्गों, मरीजों आदि पर पड़ रहा है। उस साइड के फ्लैटों में एसी नहीं चलाया जा रहा है। इससे उनको काफी समस्या हो रही है। लोग खिड़की तक खोलने से परहेज कर रहे हैं।

सीबीआरआई के और अड़ंगे का अब भी डर

सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट (सीबीआरआई) ने स्ट्रक्चरल ऑडिट को लेकर अपना एक्सपर्ट ओपिनियन नहीं दिया है। ऐसे में बिल्डर और एडिफिस इंजीनियरिंग को अभी भी भय सता रहा है कि सीबीआरआई कोई अड़ंगा डाल सकती है। अगर ऐसा हुआ तो विस्फोटक लगाने के काम के अलावा अंतिम ब्लास्ट पर भी असर पड़ सकता है।

ट्विन टावर ब्लास्ट फैक्ट फाइल

16 विशेषज्ञ और 30 मजदूर संभाल रहे काम

7000 लोगों को खाली करना होगा घर

100 मीटर के दायरे में कोई भी नहीं होगा

3700 किलोग्राम विस्फोटक का होगा प्रयोग

28 अगस्त को होगा अंतिम ब्लास्ट

सात दिन का मिला है ग्रेस पीरियड

2:30 बजे आठ से दस सेकेंड में ढहा दिए जाएंगे ट्विन टावर

सेक्टर 93-ए में सुपरटेक के ट्विन टावर 21 अगस्त को दोपहर 2:30 बजे आठ से दस सेकेंड में ढहा दिए जाएंगे। इसके लिए 3500 किलो विस्फोटक का इस्तेमाल किया जाएगा। ट्विन टावर के अंतिम ब्लास्ट के लिए एडिफिस इंजीनियरिंग ने मंगलवार को कार्ययोजना पेश की।

पूरा हो चुका है 99.96 प्रतिशत काम

बैठक में प्राधिकरण, प्रदूषण विभाग, दक्षिण अफ्रीका की कंपनी जेट डिमोलिशन, एडिफिस इंजीनियरिंग, बिल्डर, आरडब्ल्यूए के अलावा अन्य एजेंसियों के पदाधिकारी शामिल हुए। जेट डिमोलिशन के केविन स्मिथ व मार्टिनेस समेत एडिफिस के अन्य पदाधिकारियों ने बताया कि अंतिम ब्लास्ट के लिए सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। 99.96 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। 11 प्राइमरी और सात सेकेंडरी तल पर पिलर में छेद किए जा चुके हैं। सभी पिलर पर जिओ फाइबर टेक्सटाइल लपेटा गया है। केवल नौ पिलरों में यह काम बचा है। विस्फोट के बाद बचे हुए मलबे के निस्तारण के लिए 31 जुलाई तक एडिफिस इंजीनियरिंग अंतिम कार्ययोजना प्रस्तुत करेगी। विस्फोट के बाद उड़ने वाली धूल से लॉन और आसपास के छोटे पौधों को बचाने के लिए प्लास्टिक शीट से ढहा जाएगा। इसकी भी अंतिम कार्ययोजना 31 जुलाई तक देनी होगी।

2 से 20 अगस्त तक लगेंगे विस्फोटक, कैमरे की निगरानी होगी

2 से 20 अगस्त तक ट्विन टावर में विस्फोटक लगाने का काम शुरू होगा। जेट डिमोलिशन के वरिष्ठ पदाधिकारी इस दौरान नोएडा में उपस्थित रहेंगे। पलवल में 60 प्रतिशत विस्फोटक आ चुका है। जल्द ही इसे नोएडा लाया जाएगा। विस्फोटकों को लगाने के बाद इसकी सुरक्षा के लिए कैमरे से निगरानी होगी। एडिफिस इंजीनियरिंग के पदाधिकारियों को छोड़कर कोई भी इमारत परिसर में नहीं जा सकेगा।

सीबीआरआई देगा सुझाव तब होगा स्ट्रक्चरल ऑडिट

एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज आरडब्ल्यूए की ओर से ट्विन टावर के नजदीकी टावरों की मजबूती की जांच के लिए स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने की मांग की गई है। हालांकि, एडिफिस ने यूके की एक कंपनी से विस्फोट से होने वाले संभावित कंपन को लेकर एक रिपोर्ट तैयार कराई है। इसमें बताया गया है कि टावर गिरने के बाद अधिकतम कंपन 34एमएम प्रति सेकेंड की संभावना है। यहां की इमारतें भूकंप के जोन-5 के तहत 300 एमएम प्रति सेकेंड के कंपन के मानक को आधार बनाकर तैयार की गईं हैं। ऐसे में एडिफिस का कहना है कि स्ट्रक्चरल ऑडिट की कोई जरूरत नहीं है। हालांकि, प्राधिकरण की ओर से दिए गए निर्देश के मुताबिक, सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआई) जांच करने के बाद सलाह देगा। अगर सुझाव में ऑडिट कराने के लिए कहा जाता है तो इसे कराना होगा। इसके लिए सीबीआरआई को बिल्डर 70 लाख रुपये का भुगतान तीन दिन में करेगा।

कौन से स्थान होंगे खाली, एक सप्ताह में होगा तय

बैठक में बताया गया कि पुलिस व फायर विभाग और एडिफिस इंजीनियरिंग के लोग समन्वय स्थापित करते हुए एक सप्ताह में यह तय करेंगे कि कहां-कहां के स्थानों को अंतिम ब्लास्ट के दिन खाली कराया जाएगा। पहले 50 मीटर के दायरे के सभी टावरों को खाली कराने का फैसला किया गया था।

लोहे की चादर की ऊंचाई बढ़ेगी

विस्फोट के बाद मलबे और धूल को एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज परिसर में जाने से रोकने के लिए 30 मीटर ऊंची लोहे की चादर लगाई जा रही है। इसकी ऊंचाई और बढ़ाई जाएगी। इस बाबत 30 जुलाई तक ऊंचाई के निर्धारण पर फैसला हो जाएगा।

150 मीटर की दूरी पर होगा रिमोट

अंतिम ब्लास्ट के दिन 150 मीटर की दूरी पर रिमोट होगा। यहां छह वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहेंगे, जो विस्फोट के लिए रिमोट का बटन दबाएंगे। इमारत में विस्फोट के दौरान 30 मिनट तक के लिए आसपास की सभी सड़कों पर ट्रैफिक रोका जाएगा। एक्सप्रेसवे पर भी यह लागू होगा। ध्वस्तीकरण के बाद कितनी धूल उड़ेगी। इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। कुछ देर तक आसमान में धूल ही धूल रहेगी।

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