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जेपी के 22 हजार खरीदारों को फ्लैट मिलने की उम्मीद बढ़ी
नोएडा: दिवालिया हो चुकी जेपी इंफ्राटेक की परियोजनाओं में फंसे 22 हजार खरीदारों को फ्लैट मिलने की उम्मीद बढ़ गई है. यमुना प्राधिकरण की हुई बोर्ड बैठक में सुरक्षा कंपनी के फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई.
जेपी इंफ्राटेक को सुरक्षा कंपनी टेकओवर कर रही है. यमुना एक्सप्रेसवे बनाने के बदले जेपी को 500-500 हेक्टेयर की पांच एलएफडी (लैंड फॉर डेवलमेंट) मिली थीं. अब ये एलएफडी सुरक्षा को मिलेंगी. इनमें चार एलएफडी यमुना प्राधिकरण और एक एलएफडी नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र में हैं. जेपी ने नोएडा की एलएफडी में एक दर्जन से अधिक हाउसिंग प्रोजेक्ट लांच किए थे. परियोजना में खरीदारों ने 2010-11 में बुकिंग कराई थी.
फ्लैट को लेकर आवंटियों ने 2016 से कानूनी लड़ाई शुरू की. इसमें करीब 22 हजार फ्लैट खरीदार फंसे हैं. इन खरीदारों को फ्लैट मिल सके, इसके लिए सुरक्षा ने जेपी की हाउसिंग परियोजनाओं को पूरा करने के लिए टोल वसूलने का समय और एलएफडी में एफएआर बढ़ाने की मांग की थी. सुरक्षा ने एनसीएलटी को अपना प्लान सौंपा था. एनसीएलटी ने सुरक्षा और यमुना प्राधिकरण से इस पर बातचीत कर सहमति बनाने के लिए कहा था. इसी प्लान पर बोर्ड बैठक में चर्चा हुई और फिर सुरक्षा की दोनों मांगों पर मुहर लगा दी गई. नोएडा की एलएफडी में अभी 1.5 से 1.8 एफएआर का प्रयोग हुआ है. बोर्ड बैठक में इसे बढ़ाकर 2.6 कर दिया गया. इससे परियोजनाओं में अतिरिक्त फ्लैट बन सकेंगे. साथ ही इनके पूरे होने से फंसे हुए निवेशकों को फ्लैट मिल सकेगा.
50 हजार किसानों को अतिरिक्त मुआवजा मिलेगा ग्रेटर नोएडा से आगरा तक एक्सप्रेसवे में किसानों की जमीन गई है. सुरक्षा कंपनी को प्रभावित किसानों के अतिरिक्त मुआवजे का 1698 करोड़ रुपये एकमुश्त देना होगा. इस फैसले से करीब 50 हजार किसानों को अतिरिक्त मुआवजा मिल सकेगा. यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि सुरक्षा के प्रस्ताव को अब सरकार को भेजा जाएगा. सरकार की अनुमति के बाद इसे एनसीएलटी में भेजा जाएगा. इसके बाद इस पर अमल शुरू हो जाएगा.