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हाईकोर्ट का नगर निगम को आदेश: पार्क बनाओ, 54 लाख खुद जुटाओ
एनसीआर गाजियाबाद: हाईकोर्ट का आदेश गाजियाबाद नगर निगम के अधिकारियों को भारी पड़ रहा है। हाईकोर्ट ने कहा, एक माह के भीतर पार्क को विकसित किया जाए। 54 लाख रुपये कहां से आएगा? यह निगम के अफसर खुद तय करें। हाईकोर्ट के आदेश के बाद निगम में हड़कंप मचा हुआ है।
बता दें, हिंडनपार के कड़कड़ माडल के एक पार्क को हरा भरा करने के नाम पर 54 लाख रूपए ठिकाने लगाने का मामला निगम अधिकारियों के गले की फाॅश बन गया है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एक माह के भीतर पार्क को विकसित करने के आदेश दिए है। ये भी साफ किया कि फंड की व्यवस्था कहां से की जाती है, ये निगम के अधिकारी सुनिश्चित करें।
पर्यावरण विद सुशील राघव ने एक जनहित याचिका के माध्यम से पूरे प्रकरण को अदालत के सामने उठाया था। याचिका के माध्यम से खुलासा किया कि 54 लाख रूपए की लागत से कड़कड़ माडल के पार्क को विकसित किया जाना था। जिस ठेकेदार एजेंसी को काम दिया गया, उसके द्वारा केवल फुटपाथ बनाते हुए इतिश्री कर ली गई, बाकी पैसा ठेकेदार एवं निगम के अधिकारी डकार गए। राघव के द्वारा पूरे मामले को एक लेटर के माध्यम से शासन के सामने भी उठाया गया था, लेकिन कोई सुनवायी नहीं हुई।
वहीं राघव का कहना है कि साइट चार औद्योगिक क्षेत्र के एक अन्य पार्क के बड़े हिस्से को कूड़ा रिसाइकिल प्लांट में तब्दील करने एवं एक अन्य पार्क में फायर हाइडेंट लगाने के प्रकरण को लेकर उनके द्वारा एनजीटी में शरण लेने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य पूर्ण पहलू ये है कि यूपीएसआईडीसी की लिखित आपत्ति के बाद भी निगम के हेल्थ विभाग के द्वारा कूड़ा रिसाइकिल प्लांट लगाने का काम बंद नहीं किया है।