- Home
- /
- दिल्ली-एनसीआर
- /
- रेप का झूठा आरोप लगाने...
दिल्ली-एनसीआर
रेप का झूठा आरोप लगाने पर हाई कोर्ट का आदेश- नेत्रहीन बच्चों की सेवा करे महिला
Renuka Sahu
2 Aug 2022 1:23 AM GMT
x
फाइल फोटो
पैसे के विवाद को लेकर दुष्कर्म का गलत मुकदमा दर्ज कराने वाली महिला के आचरण को दिल्ली उच्च न्यायालय ने अनुचित बताते हुए कहा कि इस तरह की प्रवृति पर रोक लगाने की जरूरत है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पैसे के विवाद को लेकर दुष्कर्म का गलत मुकदमा दर्ज कराने वाली महिला के आचरण को दिल्ली उच्च न्यायालय ने अनुचित बताते हुए कहा कि इस तरह की प्रवृति पर रोक लगाने की जरूरत है। न्यायालय ने इस मामले में शिकायतकर्ता महिला और आरोपी व्यक्ति के बीच हुए आपसी समझौते के आधार पर दुष्कर्म का मुकदमा रद्द कर दिया। हालांकि न्यायालय ने महिला को अनुचित आचरण और कानून का दुरुपयोग करने के लिए नेत्रहीन बच्चों के स्कूल में दो माह तक सेवा करने का आदेश दिया।
पेड़ों की देखरेख करने का निर्देश
जस्टिस जसमीत सिंह ने इस मामले में आरोपी व्यक्ति को भी 50 पेड़ लगाने और पांच साल तक उनकी देखरेख करने का भी आदेश दिया है। अदालत ने मुकदमे को रद्द करते हुए कहा है कि पीड़ित महिला का आचरण बेहद अनुचित है। न्यायालय ने कहा है कि महिला ने खुद माना है कि वह मानसिक अवसाद से गुजर रही थी जिसके परिणाम स्वरूप गुमराह और गलत सलाह के आधार पर आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज करा दिया।
कोर्ट ने महिला को दो माह तक सप्ताह में पांच दिन, तीन घंटे नेत्रहीन बच्चों के स्कूल में समाजसेवा और काम करने का आदेश दिया है। साथ ही आरोपी को रोहिणी इलाके में 50 पेड़ लगाने और पांच साल तक इनकी देखरेख करने का आदेश दिया है।
Next Story