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मानसून सत्र में हो सकता है एचईसीआइ का मसौदा: यूजीसी अध्यक्ष
दिल्ली न्यूज़: भारतीय उच्च शिक्षा आयोग को बनाने का कार्य तेज हो गया है। भारतीय उच्च शिक्षा आयोग (एचईसीआइ) विधेयक का मसौदा लगभग अपने अंतिम चरण में है। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि शिक्षा मंत्रालय द्वारा मानसून सत्र के दौरान इस विधेयक को संसद में पेश किया जाएगा।
एनईपी में बहुत सारे सुधार मौजूद जिनमें एक एचईसीआई: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी) में बहुत सारे सुधार मौजूद हैं जिनमें से एक एचईसीआइ है। जब एचईसीआइ बनेगा तो यूजीसी, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) और अन्य नियामकों का इसमें विलय हो जाएगा। कुमार ने बताया कि यूजीसी और शिक्षा मंत्रालय एचईसीआइ विधेयक के मसौदे पर काम कर रहे हैं और यह अंतिम दौर में है। यूजीसी अध्यक्ष ने उम्मीद जताई की जुलाई में शुरू होने वाले मानसून सत्र में इस विधेयक को संसद में पेश किया जा सकता है। हालांकि उन्होंने कहा कि संसद में विधेयक से अधिनियम की प्रक्रिया में जो समय लगता है, वह तो लगेगा है।
एचईसीआई के होंगे चार स्वतंत्र अंग: देशभर में उच्च शिक्षा के लिए वर्तमान में यूजीसी, एआइसीटीई, तकनीकी शिक्षा, शिक्षक शिक्षा, कौशल विकास से संबंधित शिक्षा परिषद समेत कुल 14 नियामक काम कर रहे हैं। इस कारण विश्वविद्यालय और संस्थानों को अपने यहां संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए बारी-बारी से सभी नियामकों के पास जाना पड़ता है। एचईसीआइ का गठन कर के इन सभी को एक ही नियामक के अंतर्गत लाने की योजना है। एचईसीआइ के चार स्वतंत्र अंग होंगे, इनमें राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा नियामकीय परिषद (एनएचईआरसी), मानक निर्धारण के लिए सामान्य शिक्षा परिषद (जीईसी), वित पोषण के लिए उच्चतर शिक्षा अनुदान परिषद (एचईजीसी) और मान्यता के लिए राष्ट्रीय प्रत्यायन परिषद (एनएसी) होगा।