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हृदय रोग एवं मधुमेह चिकित्सीय सम्मेलन सम्पन्न: डाॅ वी के जगनाणी

Shantanu Roy
19 Aug 2022 12:55 PM GMT
हृदय रोग एवं मधुमेह चिकित्सीय सम्मेलन सम्पन्न: डाॅ वी के जगनाणी
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बड़ी खबर
दिल्ली। विगत वर्षों भाँति इस वर्ष भी हृदय रोग एवं मधुमेह सम्बन्धित चिकित्सीय सम्मेलन का ऑनलाइन आयोजन किया है । इस दो दिवसीय सम्मेलन में देश एवं विदेश के गणमान्य चिकित्सकों ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया। झारखण्ड आई ए सी सी (इण्डियन एसोसिएशन ऑफ क्लिनिकल कार्डियोलाॅजिस्ट्स) द्वारा आयोजित कार्डियोजोन एवं कार्डायबकाॅन ʼ२२ वेब काॅनक्लेव का संचालन राँची के सुप्रसिद्ध मधुमेह एवं हृदय रोग विशेषज्ञ डाॅ वी के जगनाणी ने किया। वाराणसी की डाॅ पल्लवी मिश्र ने अध्यक्ष सभ्बोधन में हार्ट फेल्योर की नूतन उपचार पर व्याख्यान प्रस्तुत किया । राँची के सुप्रसिद्ध मधुमेह रोग विशेषज्ञ, डाॅ अजय छाबड़ा ने सी जी एम एस (कण्टिनूअस ग्लूकोज माॅनिटरिंग सिस्टम की उपयोगिता पर व्याख्यान प्रस्तुत किया।
सिंगापुर से एस्टीम्ड स्पीकर डाॅ दीपिका अग्रवाल ने कोविड १९ के दूरगामी प्रभावों पर चर्चा करते हुए बताया कि हमें अभी इस विषय पर संवेदनशील रहने की आवश्यकता है । वाराणसी से पैनेशिया हास्पिटल के निदेशक डाॅ आशुतोष मिश्र ने कार्डायबकाॅन सचिव संवाद में मधुमेह के उपचार में नूतन उपचार एवं ओषधियों के उपयोग से लाभ पर विस्तार से बताया। पटना से बंका आई हॉस्पिटल के निदेशक डाॅ सुधांशु बंका ने मधुमेह एवं नेत्र दान की उपयोगिता पर व्याख्यान प्रस्तुत किया; उन्हें इस व्याख्यान के लिए रिवाइण्ड पायनियर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। राँची की सुप्रसिध्द मधुमेह रोग विशेषज्ञ डाॅ नुपुर वाणी ने कार्डायबकाॅन ओरेशन के अन्तर्गत टाइप १ मधुमेह में इन्सुलिन के उपयोग के विषय में बताया। एवं डाॅ विनय ढाण्ढनिया ने डायबेटिक फुट के त्वरित उपचार एवं मधुमेह नियन्त्रण के महत्व को बताया; चिकित्सीय सेवा, शोध एवं ज्ञान के लिए उन्हें फेलो ऑफ कार्डायबकाॅन से सम्मानित किया गया।
स्टार स्पीकर एवं वृक्क रोग विशेषज्ञ डाॅ अमित लंगोटे ने मुंबई से डायबेटिक नेफरोपैथी पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए बताया कि मधुमेह में वृक्क के आरम्भिक उपचार से रोग को बढ़ने से बचाया जा सकता है । राँची के सुप्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डाॅ नीरज प्रसाद ने डिस्लिपीडिमिया में एल डी एल के उच्च स्तर के लिए नूतन ओषधि बेम्पेडोईक एसिड के उपयोग से हृदयाघात से बचा जा सकता है । राँची के सुप्रसिद्ध मधुमेह एवं हृदय रोग विशेषज्ञ डाॅ वी के जगनाणी ने मधुमेह एवं उच्च रक्तचाप के उपचार पर अपना व्याख्यान दिया। अमेरिका की डाॅ सुप्रिया नरसिम्हन ने उभरते हुए मंकी पाॅक्स के प्रति सजग रहने के लिए बताया । इस रोग में वायरस संक्रमण के कारण होता है । उन्हें इस व्याख्यान के लिए कार्डियोजोन स्टार स्पीकर से सम्मानित किया गया। अमेरिका के ही हृदय रोग विशेषज्ञ डाॅ शिशिर मुराराका ने अपने कार्डियोजोन एस्टीम्ड स्पीकर सम्बोधन में हार्ट फेल्योर में बायोमार्कस की उपयोगिता पर व्याख्यान प्रस्तुत किया।
बिलासपुर के डाॅ कमला कान्त तिवारी ने हार्ट फेल्योर के उचित उपचार से होने वाले मृत्यु दर में कमी पर व्याख्यान प्रस्तुत किया । लखनऊ की डाॅ स्मिता सिंह ने इकोकार्डियोग्राफी द्वारा पल्मोनरी आर्टरी का माप एवं उसके उपचार से होने वाले लाभ के बारे में बताया। बिहार से डाॅ निशान्त कुमार ने नियमित व्यायाम से हृदय को होने वाले लाभ के बारे में व्याख्यान प्रस्तुत किया । कुवैत से कार्डियोजोन अध्यक्ष डाॅ राजेश राजन ने अध्यक्षीय सम्बोधन में अनियन्त्रित रक्त शर्करा के कारण होने वाले हृदय में वसा जमा हो सकता है। ओमान से डाॅ सुमन ओ एस ने हार्ट फेल्योर के नूतन उपचार एवं गाइड लाइन्स पर व्याख्यान प्रस्तुत किया । दमन के डाॅ सागरसिंह सोलंकी ने प्रेसिडेन्सिल ओरेशन प्रस्तुत किया । हैदराबाद के डाॅ मधुकर चीरला ने हृदय सम्बन्धित जाँच एवं उनकी उपयोग पर व्याख्यान प्रस्तुत किया।
दिल्ली के डाॅ अंशुमान ने हिमोडायनामिक्स इन इको पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। वडोदरा से डाॅ प्रगनेश शाह ने हृदय रोग में यौन सम्बन्धित भ्रान्तियों को दूर करते हुए कहा कि उचित उपचार के उपरान्त सम्भोग किया जा सकता है। मुंबई के डाॅ मनोज गरेला ने मधुमेह में नूतन ओषधि ओरल जी एल पी १ रिसेप्टर एगोनिस्ट के उपयोग एवं बिना सुई के मधुमेह नियन्त्रण पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। दिल्ली के डाॅ दीपक जैन ने डिस्लिपीडिमिया के उपचार में पी सी एस के ९ के उपयोग को बताया । राँची के डाॅ अंकित श्रीवास्तव ने मधुमेह उपचार से विभिन्न उलझनों से बचाव के लिए डापाग्लिफ्लोजिन कि उपयोगिता के बारे में बताया। जयपुर के डाॅ राकेश चौधरी ने हृदयाघात के उपचार के उपरान्त स्ट्रेस टेस्ट की उपयोगिता बताई। डाॅ एजिलान डोरायस्वामी ने थ्राॅम्बोलिसिस के लिये उपयोग में आने वाले विभिन्न ओषधि एवं उनकी विशेषता बताई। हैदराबाद के डाॅ फराज फरिश्ता ने इवोग्लिपटिन का मधुमेह में उपयोग एवं विशेषता पर व्याख्यान प्रस्तुत किया।
ब्रिटेन से डाॅ बिजी सोमन ने पल्मोनरी हाईपरटेन्शन के नूतन गाइड लाइन्स पर व्याख्यान प्रस्तुत किया । सिक्किम की डाॅ प्रेरणा छेत्री ने गर्भाधान उपरान्त होने वाले पेरिपार्टम कार्डियोमायोपैथी, कारण एवं उपचार पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। भुवनेश्वर के डाॅ वाय जे के रेड्डी ने लिनाग्लिपटिन एवं एथरोस्क्लेरोसिस पर व्याख्यान प्रस्तुत किया । सूरत के डाॅ मितेश चौहान ने नवयुवक एवं युवतियों में उच्च रक्तचाप के उपचार को आवश्यक बताया और कहा कि तैल, तनाव एवं तम्बाकू तथा नियमित व्यायाम एवं उचित ओषधि का सेवन चिकित्सीय परामर्श से करना चाहिए। राँची के सुप्रसिद्ध बाल रोग विशेषज्ञ डाॅ आनन्द जगनाणी ने बड़ों में टीका के महत्व को बताया । कार्डियोजोन के संचालक डाॅ वी के जगनाणी ने हृदय रोग की रोकथाम में डिस्लिपीडिमिया के नियन्त्रण के महत्व को बताया।
इस चिकित्सीय सम्मेलन के संचालन में हैदराबाद से डाॅ तनुश्री लैशराम; धनबाद से डाॅ रजनी चौधरी, डाॅ सुनील सिन्हा, डाॅ उदय शंकर; बैंगलोर से डाॅ अश्विन एस; भुवनेश्वर से डाॅ इन्दिरा पाण्डा; धर्मपुर से डाॅ वेंकटेश प्रभु; केरल से डाॅ सन्तोष, डाॅ शफीक; दिल्ली से डाॅ शशि कान्त मिश्र, डाॅ अंशुमान फुल, डाॅ रवि गुप्ता, डाॅ रत्ना सूद, डाॅ अमीन जाड़िया, डाॅ कपिल खन्ना; राँची से डाॅ वी के जगनाणी, डाॅ जय शंकर, डाॅ अवनिन्द्र सिंह, डाॅ सुदीप्त सिन्हा, डाॅ राकेश कुमार, डाॅ शशि सिन्हा, डाॅ जे एल माथुर, डाॅ शान्ति माला, डाॅ अजय सिंह, डाॅ अल्फ्रेड पैट्रिक, डाॅ सतीश दत्त, डाॅ अलका ग्वालरे, डाॅ अमर कुमार, डाॅ जितेन्द्र कुमार; हजारीबाग से डाॅ देवाशीष नन्दी; जयपुर से डाॅ रूपम शर्मा; गोवा से डाॅ नोएल जोस फेल्नर राॅड्रिग्स डी एक्वीनो हेनरीक्स; देवघर से डाॅ जिआउल हक, डाॅ निशान्त चौरसिया; चण्डीगढ़ से डाॅ चित्राली सिंह; कोयम्बटूर से डाॅ कार्तिक प्रभु; जमशेदपुर से डाॅ पंकज कुमार, डाॅ सन्तोष गुप्त, डाॅ राम नरेश राय, डाॅ अनुराग जयसवाल; ओमान से डाॅ राजकुमार; कलकत्ता से डाॅ कौशिक चाकी; त्रिपुरा से डाॅ अनिर्बन भौमिक; बोकारो से डाॅ रेणुका वर्मा; भोपाल से डाॅ मनीष केडिया; देहरादून से डाॅ कुमार गौरव शर्मा; डिबरुगढ़ से डाॅ दर्पण गोगोई; सूरत से डाॅ विस्मय परमार एवं लुधियाना से डाॅ मानव वधेरा ने विभिन्न व्याख्यान की अध्यक्षता की तथा अपने विचार रखे ।
कार्डियोजोन एवं कार्डायबकाॅन को सुचारू रूप से संचालित करने में चिकित्सा प्रतिनिधियों का विशेष योगदान रहा । आदित्य सिन्हा, अमरेश कुमार, अत्नेश कुमार, आनन्द झा, अभिषेक सिंह, अंशु शेखर, अनिल चौहान, आशुतोष मिश्र, अविनाश गुप्त, अविनाश भारती, बतूल गफ्फार, विकाश दूबे, विनीत सिंह, चन्दन कुमार, देवलिना सरकार, दीपक कुमार, धर्मेन्द्र शर्मा, देवानन्द सिंह, दुर्गेश श्रीवास्तव, हर्षवर्धन कुमार, हरेन्द्र चौधरी, जय प्रकाश कुमार, जितेन्द्र सिंह, कल्याण जगनाणी, कौशलेश कुमार, कुमार समीर, कुमार गणपति, लतिका सिन्हा, मोहित प्रकाश, एजाज खान, निखिल नितेश, नीरज सिंह, नीरज कुमार, पंकज कुमार, पवन ठाकुर, प्रसेनजीत पण्डित, राहुल कुमार, रवि रंजन शर्मा, राकेश पाण्डे, रंजीत सिंह, रवि कुमार, राजीव कुमार, राहुल अग्रवाल, रोहित सिंह, समीर नायक, शाहिद अर्शद, सामिद अख्तर, संजीव पाण्डे, समरजीत प्रजापति, संतोष राय, संतोष चौधरी, सुजीत कुमार, सुनील गवस्कर, सुमन सिंह, शुभम गुप्त, समीर कुमार, शम्स तनवीर, सन्दीप शर्मा, सुधाकर कुमार, सन्दीप मेहरा, सरोज सिंह, समवीर राय, साँचरी सन्याल, सोमा सिंह, उमेश प्रसाद, वर्षा कुमारी, विकाश आनन्द केसरी, विकाश कुमार, विनोद कुमार का विशेष योगदान रहा सभी को एवं हार्दिक धन्यावाद । इस चिकित्सीय सम्मेलन को क्लायरनेट के मंच से संचालित किया गया ।
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