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आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह कोविड के समय डीएलएफ अंकुर विहार लोनी गाजियाबाद निवासी अशोक यादव व रोहित राघव के संपर्क में आया और ठगी करने लगा। ये एटीएम में जाता था और लोगों खासकर बुजुर्ग व महिलाओं से किसी बहाने से एटीएम व डेबिट कार्ड बदल लेता था और पिन कोड देख लेता था।
आईआईटी डिप्लोमा होल्डर युवक लोगों से खासकर महिला व बुजुर्ग लोगों से ठगी करने में लगा हुआ था। वह एक एटीएम या डेबिट कार्ड बदलकर ठगी करता था और पीओएस स्वैप मशीन से एक घंटे में एकाउंट को खाली कर देता था। वह करीब दो वर्ष में 500 से ज्यादा लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी कर चुका है। दक्षिण जिले की साइबर थाना पुलिस ने इस जालसाज को गिरफ्तार किया है। इसके कब्जे से मोबाइल व लैपटॉप समेत अन्य सामान बरामद किया गया है।
दक्षिण जिला पुलिस अधिकारियों के अनुसार शीला नाम की महिला ने जिले की साइबर पुलिस को शिकायत दी थी। उन्होंने बताया कि वह 28 फरवरी, 2022 को सुबह करीब 11 बजे एचडीएफसी के एटीएम में नए डेबिट कार्ड का पिन कोड सैट करने गई थी।
जब वह एटीएम से बाहर निकल रही थी तभी उसे एक युवक ने आवाज देकर बुलाया और कहा कि एटीएम मशीन का कैश बटन बिल्किंग कर रहा है। उनका पिन नंबर सैट नहीं हुआ है। युवक ने पिन नंबर सैट करने के लिए बोला। पिन सैट करने के दौरान आरोपी ने महिला का डेबिट कार्ड बदल लिया और पिन कोड नंबर देख लिया।
उसी दौरान शीला के पास बेंगलूरुएचडीएफसी बैंक से फोन आया कि उसके बैंक खाते से एक लाख रुपये निकल गए है। महिला की शिकायत पर थानाध्यक्ष अरुण कुमार वर्मा की देखरेख में एसआई संदीप सैनी व एएसआई जितेंद्र की टीम ने जांच शुरू की। पुलिस को पता लगा कि शीला के बैंक खाते से पीओएस नीलकंठ स्टोर के खाते में 28 फरवरी को ट्रांसफर किए गए हैं।
पता लगा कि ये शार्मिला कुमार का बैंक खाता है। इस बैंक खाते से शार्मिला के पति वरुण कौशिक का मोबाइल नंबर कनेक्ट है। इसके बाद एसआई संदीप सैनी की टीम ने सेक्टर-सी-2, कश्मीरी एंक्लेव, टॉनिका सिटी लोनी, गाजियाबाद यूपी निवासी वरुण कौशिक को गिरफ्तार किया था। उसे एक दिन के पुलिस रिमांड पर लिया था। इसके बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इसके पास से एक पीओएस स्वैप मशीन बरामद की गई है।
आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह कोविड के समय डीएलएफ अंकुर विहार लोनी गाजियाबाद निवासी अशोक यादव व रोहित राघव के संपर्क में आया और ठगी करने लगा। ये एटीएम में जाता था और लोगों खासकर बुजुर्ग व महिलाओं से किसी बहाने से एटीएम व डेबिट कार्ड बदल लेता था और पिन कोड देख लेता था।
इसके बाद ये एटीएम कार्ड से पैसे निकालता था। जब एटीएम से पैसे निकालने की लिमिट खत्म हो जाती थी तो आरोपी पोओएस मशीन पर स्वैप कर एकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर लेता था।
न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला