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हरदीप पुरी ने दी जानकारी, रेहड़ी-पटरी विक्रेताओं के मुद्दे पर पुलिस से बात करेगी सरकार

न्यूज़क्रेडिट; अमरउजाला
दिल्ली नगर निगम की ओर से रेहड़ी-पटरी विक्रेताओं को स्वनिधि योजना के तहत लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है। एमसीडी में पंजीक्रित ऐसे दुकानदारों को चिन्हित कर उन्हें पीएम स्वनिधि योजना से जोड़ने का काम किया जा रहा है।
दिल्ली नगर निगम की ओर से रेहड़ी-पटरी विक्रेताओं को स्वनिधि योजना के तहत लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है। एमसीडी में पंजीक्रित ऐसे दुकानदारों को चिन्हित कर उन्हें पीएम स्वनिधि योजना से जोड़ने का काम किया जा रहा है। पिछले हफ्ते एमसीडी ने इसके लिए दो जगहों पर कैंप लगाया था।
करोल बाग जोन में पिछले हफ्ते रेहड़ी-पटरी विक्रेताओं को प्रोत्साहित करने के लिए लगाए गए कैंप में स्वनिधि योजना से सफल लोगों की कहानियां सुनाई गईं। केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने इस कैंप का उद्घाटन किया था। प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना को केंद्रीय आवास व शहरी मामलों के मंत्रालय ने शुरू किया है, जिसका उद्देश्य रेहड़ी-पटरी वालों को न केवल ऋण देकर सशक्त करना है, बल्कि उनका पूर्ण विकास और आर्थिक उन्नयन करना है।
एमसीडी के करोल बाग जोन की उपायुक्त शशंका आला ने बताया कि कैंप के दौरान कई रेहड़ी-पटरी वालों को डिजिटल माध्यम से जोड़ा गया और इस योजना की जानकारी दी गई, जो उन्हें आत्मनिर्भर बनाएगी। निगम रेहड़ी वालों की पहचान कर उन्हें योजना के तहत बैंक से ऋण दिलाने का भी प्रयास कर रहा है।
पटरी विक्रेताओं को मिला प्रोत्साहन
रेहड़ी-पटरी दुकानदारों की पहचान के लिए एक एमसीडी का ऑनलाइन पोर्टल है, जिस पर वो अपना पंजीकरण करवाते हैं। निगम की वेबसाइट mcdonline.nic.in/stvendor पर इसके लिए आवेदन कर पंजीकरण करते हैं। जोन के सहायक आयुक्त टाउन वेंडिंग कमेटियों को पंजीकृत रेहड़ी पटरी वालों की रिपोर्ट भेजते हैं। पंजीकृत दुकानदारों को ही सरकारी सुविधाओं का लाभ मिलता है। निगम के एकीकरण से पहले दिल्ली में करीब एक लाख रेहड़ी पटरी दुकानदारों का पंजीकरण हुआ था। एकीकरण के बाद इनके पंजीकरण की नई रिपोर्ट आनी बाकी है।
