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शाहदरा में 10 साल पुराने ठगी मामले में थाने पंहुचा था, हुई अचानक मौत
जालसाजी के एक मामले का आरोपी जांच में शामिल होने शाहदरा के फर्श बाजार थाने में पहुंचा। पिता और वकील भी साथ थे। जांच अधिकारी थाने में नहीं था तो दो घंटे तक इंतजार करते रहे। अचानक थाने की गैलरी में आरोपी बेहोश होकर गिर पड़ा। वकील और पिता तुरंत अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने मृत करार दिया। मृतक की पहचान वीनू वर्मा (57) के तौर पर हुई है। वह अपने परिवार के साथ गाजियाबाद के साहिबाबाद में रहते थे। पुलिस के मुताबिक, रोहिणी में डीडीए फ्लैट्स और प्लॉट्स दिलाने का झांसा देकर लाखों रुपये की ठगी के एक दशक पुराने केस में वह आरोपी थे। इसी केस की तफ्तीश में शामिल होने वह मंगलवार दोपहर करीब 3:00 बजे अपने पिता और वकील के साथ फर्श बाजार थाने पहुंचे थे। लेकिन जांच करने वाले पुलिस अफसर अपने कमरे में नहीं थे। लिहाजा तीनों कैंटीन में चाय पीने चले गए। शाम करीब 5:00 बजे जांच अधिकारी का इंतजार करते हुए वीनू थाने की पहली मंजिल की गैलरी में गश खाकर गिर पड़े।
पुलिस अफसरों ने बताया कि वह पूरी तरह से बेहोश हो गए। उनके वकील ने पुलिस और उनकी फैमिली के बाकी लोगों को कॉल किया। बेहोशी की हालत में आरोपी वीनू को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत करार दिया। शुरुआत में मौत की वजह दिल का दौरा पड़ना बताया जा रहा है। पुलिस का कहना है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत की असली वजह सामने आ पाएगी। मृतक के पिता ने पुलिस को बताया कि वीनू डायबिटीज के मरीज थे। भोला नाथ नगर शालीमार पार्क निवासी मनोज गर्ग का दावा था कि रोहिणी और विकास सदन समेत कई डीडीए ऑफिस में बुलाकर उनसे प्लॉट और फ्लैट्स के नाम पर पैसे लिए गए थे। डीडीए के कुछ फर्जी दस्तावेज भी पकड़ाए गए थे। इसके जरिए उनसे लाखों रुपये की ठगी की गई थी। वह इस मामले में अदालत गए थे, जिसके निर्देश पर 27 अगस्त 2014 को फर्श बाजार थाने में मुकदमा हुआ था। इस मामले में आरोपी वीनू बंसल को 2019 में न्यायिक हिरासत में जेल भी भेजा गया था।