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''मानवता'' के नाते भाजपा कार्यकर्ता के परिवार से की थी मुलाकात : योगेंद्र यादव
नई-दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) से निलंबित किए जाने के एक दिन बाद, सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव ने कहा कि वह मृत भाजपा कार्यकर्ता के परिवार का दुख साझा करने उनसे मिलने गए थे, क्योंकि यह भारतीय संस्कृति का हिस्सा है। यादव को तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ता शुभम मिश्रा के परिवार से मिलने के लिए एक महीने के लिए निलंबित कर दिया गया था। यादव ने कहा कि उन्हें इस मुलाकात से पहले एसकेएम के अन्य सदस्यों से परामर्श नहीं करने का खेद है और उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाकर उन्हें दुख हुआ है।
उन्होंने एक बयान के माध्यम से कहा, ''किसी भी आंदोलन में, सामूहिक राय व्यक्तिगत समझ से ऊपर होती है। मुझे खेद है कि मैंने यह निर्णय लेने से पहले एसकेएम के अन्य साथियों से बात नहीं की।'' यादव ने कहा, ''मैं एसकेएम की सामूहिक निर्णय लेने की प्रक्रिया का सम्मान करता हूं और इस प्रक्रिया के तहत दी गई सजा को सहर्ष स्वीकार करता हूं।'' उन्होंने कहा, ''मैं इस ऐतिहासिक किसान आंदोलन की सफलता के लिए पहले से कहीं अधिक लगन से काम करना जारी रखूंगा।''
यादव ने मिश्रा परिवार के साथ अपनी मुलाकात का बचाव करते हुए इसे ''मानवता'' का तकाजा बताया। उन्होंने कहा, ''यह मानवता और भारतीय संस्कृति के अनुरूप हुई मुलाकात थी। उन लोगों के दुखों में भी शामिल होना चाहिये, जो आपके शत्रु हैं।'' उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता के परिवार से मिलने के लिए आगे बढ़ने से पहल्रे उन्होंने उसी घटना में मारे गए किसानों और पत्रकार के परिवारों से मुलाकात की थी। यादव ने आशा व्यक्त की कि उनकी भावनाओं की सार्वजनिक अभिव्यक्ति किसान आंदोलन को मजबूत ही करेगी।
मैं संयुक्त किसान मोर्चा की सामूहिक निर्णय प्रक्रिया का सम्मान करता हूं और इस प्रक्रिया के तहत दी गई सजा को सहर्ष स्वीकार करता हूं।
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) October 22, 2021
किसान आंदोलन देश के लिए आशा की एक किरण बनकर आया है।इसकी एकता और सामूहिक निर्णय प्रक्रिया को बनाए रखना आज के वक्त की सबसे बड़ी जरूरत है।
मेरा बयानः pic.twitter.com/xasPeegFNo