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Gurugram: सौर ऊर्जा प्लांट से सोसाइटी को लाभ, बिजली में दो करोड़ की बचत

Admindelhi1
21 Jun 2025 10:18 AM GMT
Gurugram: सौर ऊर्जा प्लांट से सोसाइटी को लाभ, बिजली में दो करोड़ की बचत
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"बिजली बिल के रूप में करीब दो करोड़ रुपये की बचत भी की"

गुरुग्राम: जिले के डीएलएफ फेज पांच स्थित वेलिंगटन एस्टेट सोसाइटी ऐसी है, जिसने सौर ऊर्जा के बूते न केवल अपने क्षेत्र को रोशन किया, बल्कि बिजली बिल के रूप में करीब दो करोड़ रुपये की बचत भी की। यह अपने आप में एक मिसाल है।

सोसाइटी की छतों पर लगाए गए सोलर पैनल से सोसाइटी के कॉमन एरिया में जरूरत की 70 प्रतिशत बिजली बनाई जाती है। सालाना 33 लाख रुपये बिजली की बचत हो रही है। अभी तक सोसाइटी की छतों पर लगे सोलर पैनल से 2.79 जीडब्ल्यूएच (गीगा वाट आवर) बिजली का उत्पादन हो चुका है। इस तरह सोसाइटी के लोग अभी तक कुल दो करोड़ रुपये बिजली बिल के रूप में बचा चुके हैं।

इस सोसाइटी में रहने वाले 555 परिवारों ने मिलकर सामूहिक स्तर पर सोसाइटी की छतों पर सोलर पैनल लगवाने का फैसला किया था। प्लांट को दो चरणों में लगाया गया था। इसमें कुल 1.85 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। सोलर पैनल को लगवाने में प्रमुख भूमिका निभाने वाले तत्कालीन आरडब्ल्यूए अध्यक्ष विनीत बग्गा बताते हैं कि छह साल में सोलर प्लांट के लागत की कीमत वसूल हो चुकी है।

अगर पर्यावरण की बात करें तो इस प्लांट के माध्यम से सोसाइटी साल में 500 टन कार्बन उत्सर्जन को रोक रही है। यह 1600 पेड़ों द्वारा कार्बन डाईआॅक्साइड सोखने के बराबर है। यह शहर की किसी सोसाइटी में बनने वाला सबसे बड़ा संयंत्र था, जो जून 2017 से लगातार सफलता पूर्वक जारी है। पहले चरण में इस सोसाइटी ने 200 केडब्ल्यूपी का प्लांट लगाया गया जिससे सोसाइटी के लिए 40 प्रतिशत बिजली का उत्पादन हो रहा था। वर्ष 2019 में 150 केडब्ल्यूएपी के दूसरे प्लांट के साथ इसकी क्षमता 350 केडब्ल्यूपी कर दी गई। इस तरह सोसाइटी में प्रयोग की जाने वाली 70 प्रतिशत बिजली सौर उर्जा से प्राप्त हो रही थी।

हरियाणा सरकार कर चुकी पुरस्कृत: विनीत बग्गा बताते हैं कि वेलिंगटन एस्टेट सोलर प्लांट किसी रिहायशी सोसाइटी में लगा बड़ा प्लांट है। लोगों की इस हरित पहल का हरियाणा सरकार ने भी स्वागत किया था जिसके चलते सोसाइटी को वर्ष 2019 में पुरस्कृत किया था। हालांकि सोसाइटी के प्रतिनिधियों की शिकायत रही कि उनके इस प्रयास के लिए अक्षय उर्जा विभाग से 20 लाख रुपये की सब्सिडी सरकार से मिलनी थी, जिसे प्राप्त करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। सोसाइटी के इस सोलर प्लांट से सोसाइटी के कॉमन एरिया के बिजली के बिल में औसतन 33 लाख रुपये की बचत हो रही है। प्लांट की लागत का खर्च निकल चुका है और अब जो बिजली बन रही है वह सरप्लस है। इस तरह सोसाइटी के लोगों के प्रयास से सौर उर्जा का भरपूर प्रयोग हुआ है। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में प्रयास हुआ है और बिजली के बिल की बचत हुई है।

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