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ग्रेटर नोएडा में गुर्जर समाज के मेला की धूम, देखते रह गए विरोधी

Admin Delhi 1
4 March 2023 2:56 PM GMT
ग्रेटर नोएडा में गुर्जर समाज के मेला की धूम, देखते रह गए विरोधी
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ग्रेटर नॉएडा: ग्रेटर नोएडा में आयोजित गुर्जरी कार्निवाल धूमधाम से शुरू हुआ। हालांकि कुछ लोगों ने इस आयोजन का विरोध भी किया लेकिन कार्यक्रम पर विरोध का कुछ असर नहीं दिखा। विरोध करने वाले लोग कार्यक्रम को राजनीतिक मोड़ देना चाहते थे लेकिन असफल रहे। इस दौरान अनेक नेताओं ने कार्यक्रम में शिरकत की। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि केन्द्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला रहे।

विरोध का कार्यक्रम पर नहीं दिखा असर

गुर्जरी कार्निवाल का कार्यक्रम ग्रेटर नोएडा स्थित भारतीय गुर्जर शोध संस्थान में आयोजित किया गया। भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रकम सिंह भाटी और समाज के कुछ अन्य लोगों ने इस कार्यक्रम का विरोध किया। गुर्जरी कार्निवाल का गुर्जरी शब्द को लेकर विरोध किया गया था। कार्यक्रम को लेकर उन्होंने ग्रेटर नोएडा के क्यामपुर गांव में एक पंचायत का आयोजन भी किया था, लेकिन उनके विरोध का कार्यक्रम पर कोई असर नहीं दिखा। गुर्जर समाज के लोगों ने कार्यक्रम में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और बड़ी ही धूमधाम से कार्यक्रम को आगे बढ़ाया। कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों का ढोल नगाड़ो और देसी लोक गीतों द्वारा स्वागत किया गया।

देसी गीत गाकर किया अतिथियों का स्वागत

कार्यक्रम में गौतमबुद्धनगर के सांसद डॉ. महेश शर्मा, भाजपा विधायक व प्रदेश उपाध्यक्ष पंकज सिंह, केन्द्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला, उत्तर प्रदेश के ऊर्जा राज्य मंत्री डॉ. सोमेंद्र तोमर एवं गुर्जर समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष अंतराम तंवर आदि उपस्थित रहे। गुर्जरी कार्निवल में उपस्थित सभी अतिथियों को पुष्प गुच्छ व प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। वहीं गुर्जर समाज की माता और बहनों द्वारा अतिथियों के लिए एक देसी गीत “मां मत कर लड़ाई लड़ाई में बड़े-बड़े शहर उजड़ गए” गाकर स्वागत किया गया।

इतिहास के साथ छेड़खानी बर्दाश्त नहीं करेगा गुर्जर समाज

गुर्जरी कार्निवल के मुख्य अतिथि व केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने कहां कि गुर्जरों के इतिहास को मिटाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि गुर्जर समाज इतिहास के साथ छेड़खानी को कतई भी बर्दाश्त नहीं करेंगा। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि स्कूलों में बच्चों को भी गुर्जरों के इतिहास के बारे में पढ़ाना चाहिए। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान गुर्जरों के इतिहास के बारे में विस्तार से बताया।

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