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सोशल मीडिया पर बैन के मामले में दिशा निर्देश बनाया जा सकता है

Admin4
17 Aug 2022 5:53 PM GMT
सोशल मीडिया पर बैन के मामले में दिशा निर्देश बनाया जा सकता है
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नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि क्या वो ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब अकाउंट बैन करने के मामले में कोई नियम बनाने पर विचार कर सकती है. जस्टिस यशवंत वर्मा की बेंच ने केंद्र सरकार को 7 सितंबर तक अपना रुख स्पष्ट कर कोर्ट को सूचित करने का निर्देश दिया है.हाईकोर्ट वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े और वोकफ्लिक्स के ट्विटर अकाउंट को सस्पेंड करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है. इस मामले में केंद्र सरकार ने हलफनामा दायर कर कहा था कि ट्विटर किसी यूजर का अकाउंट सस्पेंड करने का फैसला तभी कर सकता है जब यूजर के पोस्ट के अधिकांश कंटेंट गैर कानूनी हो.इस मामले में मेटा (फेसबुक) ने हलफनामा दायर कर कहा था कि वो सार्वजनिक कार्य नहीं करता, बल्कि एक निजी पक्षकार है और उस पर संविधान की धारा 19 के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार लागू नहीं होता है. मेटा ने कहा था कि उसके यूजर्स और कंपनी के बीच उसकी सेवाओं को लेकर एक करार होता है, जो एक निजी करार है. ये करार सेवा की शर्तों के तहत होते हैं. जैसे कोई यूजर साईन अप करता है तो उसके और कंपनी के बीच सेवा की शर्तों का करार होता है.पार्किंग मामले पर सुनवाईदिल्ली हाईकोर्ट ने 2 नवंबर 2019 में तीस हजारी कोर्ट में पार्किंग को लेकर वकीलों और पुलिस के बीच झड़प के मामले की जांच कर रहे जस्टिस एसपी गर्ग आयोग की मांग पर रिपोर्ट दायर करने की अवधि पांच महीने और बढ़ा दी है. चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश दिया है.जस्टिस एसपी गर्ग आयोग ने 25 जुलाई को हाईकोर्ट को पत्र लिखकर जांच के लिए पांच महीने का और समय मांगा था. इसके पहले भी हाईकोर्ट जांच करने की समय सीमा बढ़ा चुका है. 4 जनवरी को हाईकोर्ट ने जस्टिस गर्ग आयोग को जांच के लिए 31 जुलाई तक का समय बढ़ा दिया था. 25 फरवरी 2021 को हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच पूरी करने के लिए जांच कमेटी को 31 दिसंबर 2021 तक का समय दिया था.3 नवंबर 2019 को हाईकोर्ट ने इस घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिए थे. हाईकोर्ट ने रिटायर्ड जज जस्टिस एसपी गर्ग के नेतृत्व में जांच का आदेश दिया था. कोर्ट ने सीबीआई, आईबी और विजिलेंस के निदेशक को निर्देश दिया था कि वे जस्टिस एसपी गर्ग की कमेटी को सहयोग करें. कोर्ट ने दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया था कि वो जस्टिस एसपी गर्ग की कमेटी को जरुरी इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे आफिस, कार, क्लर्क, स्टेनोग्राफर, चपरासी इत्यादि उपलब्ध कराएं.C
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