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बढ़ते प्रदूषण पर लगेगी लगाम! दिल्ली की सड़कों पर जल्द दौड़ेंगी प्रीमियम बसें, ऑनलाइन बुक होगी टिकट
Renuka Sahu
4 Aug 2022 2:05 AM GMT
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निजी कार का इस्तेमाल करने वाले बसों का प्रयोग करें। इसके लिए दिल्ली सरकार प्रीमियम बसें सड़कों पर उतारने जा रही है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। निजी कार का इस्तेमाल करने वाले बसों का प्रयोग करें। इसके लिए दिल्ली सरकार प्रीमियम बसें सड़कों पर उतारने जा रही है। इन बसों में खड़े होकर यात्रा की मंजूरी नहीं होगी। मोबाइल ऐप या वेबसाइट के जरिए डिजिटल टिकट बुकिंग वालों को ही सीट मिलेगी। सरकार निजी संचालकों को प्रीमियम बसों के लिए स्टेज कैरिज परमिट जारी करेगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को प्रीमियम बसों की योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।
केजरीवाल ने कहा कि हमारा मकसद लोगों को स्वच्छ, सुरक्षित और आरामदायक सार्वजनिक परिवहन उपलब्ध कराना है, जिससे लोग निजी कार को छोड़कर प्रीमियम बस से अपने गंतव्य तक पहुंच सकें। उन्होंने कहा कि ऐप आधारित ये प्रीमियम बसें अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होंगी। इसमें सिर्फ सीएनजी और इलेक्ट्रिक बस ही शामिल हों। केजरीवाल ने कहा कि योजना के तहत एक जनवरी 2024 के बाद प्रीमियम बसों के बेड़े में निजी संचालकों की शामिल सभी बसें केवल इलेक्ट्रिक होंगी।
बैठक में बताया गया कि ये बसें निजी एग्रीगेटर्स के साथ मिलकर लाया जाएगा। उन्हें सरकार की ओर से बसें चलाने के लिए परमिट दी जाएगी। बसों में सीट बुकिंग के लिए सरकार के वन दिल्ली ऐप से एकीकृत किया जाएगा। इनमें सिर्फ सीट बुक करने के बाद यात्रा की जा सकेंगी। बस में सीसीटीवी कैमरे के साथ पैनिक बटन भी लगेंगे। बस किस-किस बस क्यू शेल्टर पर रुकेगी उसकी जानकारी परिवहन विभाग देगा।
50 बसों से शुरू करना होगा फ्लीट
परिवहन विभाग जिन निजी बस संचालकों को परमिट जारी करेगी, उसके पास कम से कम 50 बस होनी चाहिए। परमिट मिलने के 90 दिनों के अंदर बसों की यह संख्या पूरी करनी होगी। बसों को रात में कहां पार्क किया जाएगा, उसके लिए जगह की उपलब्धता का प्रमाण पत्र भी देना होगा। इसके अलावा संचालकों को निगरानी और शिकायत निवारण प्रणाली की व्यवस्था भी करनी होगी। प्रीमियम बस किस रूट पर चलेगी यह निजी संचालक तय करने के लिए खुद फैसले कर सकता है। ऐसे मार्गों को पहले ही मोबाइल ऐप या वेबसाइट पर अधिसूचित किया जाएगा। एग्रीगेटर अगर कोई नया मार्ग शुरू करना चाहता है, संशोधित या समाप्त करना चाहता है तो उसे परिवहन विभाग को कम से कम सात दिन पहले सूचित करना पड़ेगा।
योजना क्या है
योजना का उद्देश्य दिल्ली में निजी संचालकों के जरिए ऐप-आधारित प्रीमियम बसें चलाना है। योजना का मुख्य उद्देश्य अंतर शहरीय फेरे लगाने वाले कार उपयोगकर्ताओं को चिन्हित कर उन्हें इन बसों से सफर कराना है। प्रीमियम बसों में सुविधाओं को बढ़ाकर निजी कार चालकों को इन बसों की ओर आकर्षित करना है, जिससे इंट्रा सिटी फेरे कम किए जा सके। इससे दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी।
37 लोग कर रहे सार्वजनिक परिवहन का प्रयोग
बसों के रूट रेशनलाइजेशन के लिए छह तरह के सर्वे किए गए। इस सर्वे में करीब दो लाख लोगों को शामिल किया गया। इस सर्वे के अनुसार, दो लाख लोगों में से 37 फीसद सार्वजनिक सेवा का इस्तेमाल करते पाए गए। सर्वे में कई बातें सामने निकल कर आईं। मसलन, लोगों की औसत यात्रा की लंबाई करीब 11.2 किलोमीटर है। दिल्ली के आनंद विहार आईएसबीटी, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन, कनॉट प्लेस, कश्मीरी गेट आईएसबीटी, बदरपुर जैसे ट्रांजिट सेंटरों पर यात्रियों की सबसे अधिक भीड़ होती है।
रूट की संख्या नहीं बढ़ेगी
बस रूट की संख्या 625 ही रहेगी। इसमें 274 रूट पर फ्रीक्वेंसी 5-10 मिनट की होगी। इसके अलावा 351 रूटों पर मौजूदा समय में जिस तरह से बसें चल रही हैं, उसी तरह से आगे भी चलती रहेंगी।
क्या होगा खास
- खड़े होकर प्रीमियम बस में यात्रा की अनुमति नहीं होगी।
- मोबाइल ऐप या वेब आधारित टिकट बुकिंग की सुविधा होगी।
- प्रीमियम बस में मिनी या मिड आकार की बसें ही चलेंगी।
- प्रत्येक बस में पैनिक बटन, सीसीटीवी कैमरा लगाना अनिवार्य होगा।
- बसें सिर्फ वातानुकूलित होंगी, सीएनजी और ई-बस ही चलेंगी।
- प्रीमियम बसों का रंग भी एक जैसा होगा।
परिवहन विभाग कर्ज में डूबा : कांग्रेस
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने आरोप लगाया है कि डीटीसी कर्ज में डूबी है। बीते साल वर्षों में डीटीसी की हालत खराब हो गई है। जरूरत के हिसाब से रूटों पर बसें उपलब्ध नहीं हैं। ऊपर से सरकार कमाई वाले रूटों को प्राइवेट लोगों को सौंपने जा रही है। इसी के लिए सरकार प्रीमियम बस सेवा शुरू करने जा रही है। सरकार महिलाओं को निशुल्क बस सेवा तो देती है लेकिन उनकी परेशानी समझ में नहीं आता है। महिलाओं को लंबे समय तक बस आने का इंतजार करना पड़ता है।
सरकार के पास कोई जवाब नहीं : भाजपा
दिल्ली में बसों की कमी को लेकर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने दिल्ली सरकार पर निशाना साधा है। गुप्ता ने कहा कि बसों में आई कमी को लेकर दिल्ली सरकार के पास कोई जवाब नहीं है। सरकार अब नया तरीका अपना रही है कि जनता का सुझाव लेंगे कि कितनी बसों की जरुरत है। जब दिल्ली सरकार की आरटीआई ही बता रही है कि पिछले सात सालों में बसों की संख्या 6600 से घटकर 3670 हो गई है तो फिर सुझाव की जगह पहले बसों में कमियों को पूरा कीजिए
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