ग्रेटर नोएडा नियुक्ति घोटाला: रितु महेश्वरी भी रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं
नॉएडा न्यूज़: ग्रेेटर नोएडा अथॉरिटी (Greater Noida Authority) में हुए फर्जी नियुक्ति घोटाले में जल्दी जनहित याचिका दायर की जाएगी। मामले की शिकायत करने वाले अब इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। इन लोगों का कहना है, "ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के अफसर जांच के नाम पर लीपापोती कर रहे हैं। इस घोटाले में फंसे अफसरों को बचाने की पुरजोर कोशिश की जा रही हैं। यही वजह है कि आधी अधूरी रिपोर्ट जांच समिति ने मुख्य कार्यपालक अधिकारी को नहीं सौंपी है। जिस पर नाराजगी जाहिर करते हुए रितु महेश्वरी ने रिपोर्ट वापस समिति को लौटा दी है।"
मामले में 75 दिनों से चल रही है जांच, रितु महेश्वरी रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं: इस घोटाले के मुख्य शिकायतकर्ता राजेंद्र सिंह का कहना है, "75 दिन बीत जाने के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई है। जांच की आंच में फंसे अफसरों को बचाने में दूसरे अफसर जुटे हुए हैं। अब हाईकोर्ट में पीआईएल दायर करने का निर्णय लिया है। मैं इलाहाबाद गया था। दो दिनों इलाहाबाद में रहकर वकीलों से सलाह लेकर लौट आया हूं। मुझे पता चला है कि ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी की सीईओ अभी तक हुई जांच से संतुष्ट नहीं हैं। सीईओ ने जांच को वापस समिति के पास लौटा दिया है।" दूसरी ओर राजेंद्र सिंह ने जांच समिति से एसीईओ अमनदीप डुली को हटाने की मांग सीईओ से की है। दरअसल सारी विवादित भर्तियां अमनदीप ने की हैं। वह प्राधिकरण में बतौर एसईओ मानव संसाधन विभाग के मुखिया हैं।
'फर्जी नियुक्ति हासिल करने वालों को जानते हैं एसीईओ': राजेंद्र सिंह ने कहा, "मैंने 28 नंवबर 2022 को एसीईओ प्रेरणा शर्मा की अध्यक्षता में बनी जांच समिति के सामने फर्जी नियुक्ति से संबंधित साक्ष्य बाकायदा लिखित रूप से सौंप दिए थे। हमने करीब 20 लोगों के नाम समिति को सौंपे थे। जिनको एसीईओ अमनदीप दुली भलीभांति जानते हैं। फर्जी नियुक्ति घोटाले में ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के स्टाफ अफसर वीपी नवानी का बेटा, एसीईओ अमनदीप डुली के स्टाफ अफसर राजा राम मौर्य ने के दो भतीजे, अमनदीप डुली के चपरासी ध्रुव सिंह के दो बेटे, एंप्लाईज असोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष गजेंद्र चौधरी का बेटा, बहू, भतीजा, रिश्तेेदार समेत 10 लोग भर्ती किए गए। इसके अलावा सर्विस प्रोवाईडर एजेंसी राधा कृष्ना ने 35 लोगों की फर्जी भर्ती की हैं। इस तरह से कुल 70 लोगों की भर्ती की गई हैं।"
'पीएमओ और सीएमओ से जांच के आदेश बेमायने': राजेंद्र सिंह ने बताया कि उन्होंने इस मामले की शिकायत सीएम योगी आदित्यनाथ और मेरठ मेडिकल क्षेत्र में रहने वाले नीलकमल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की थी। जांच आईबी ने भी की है।प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की ओर से जांच करके दो सप्ताह में देने के लिए कहा था, लेकिन जांच अभी तक पूरी नहीं हुई है। राजेंद्र सिंह ने बताया कि अब हम हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए मजबूर हैं। वह हाईकोर्ट में पीआईएल दायर करेंगे।