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सरकार ने कहा - 'उच्चतर न्यायालयों के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं'

Deepa Sahu
21 July 2022 1:13 PM GMT
सरकार ने कहा - उच्चतर न्यायालयों के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं
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सरकार ने बृहस्पतिवार को स्पष्ट किया कि उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

नयी दिल्ली, सरकार ने बृहस्पतिवार को स्पष्ट किया कि उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रीजीजू ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उनसे सवाल किया गया था कि क्या सरकार के पास उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने का कोई प्रस्ताव है।


इसके जवाब में मंत्री ने कहा, ''जी नहीं। उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।'' उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृति की आयु 65 वर्ष तक बढाने के लिए 2010 में संविधान (114वां संशोधन) विधेयक पेश किया गया था। लेकिन संसद में उस पर विचार नहीं किया जा सका और 15वीं लोकसभा के विघटन के साथ ही इसकी अवधि समाप्त (लेप्स) हो गई। उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश 65 वर्ष की आयु में अवकाशग्रहण करते हैं वहीं उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश 62 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होते हैं।


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