दिल्ली-एनसीआर

सरकार को सरकारी बैंकों के निजीकरण से दूर रहने की ज़रूरत

Admin Delhi 1
19 July 2022 6:22 AM GMT
सरकार को सरकारी बैंकों के निजीकरण से दूर रहने की ज़रूरत
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दिल्ली: देश की आजादी के 75 वर्षों और बैंकों के राष्ट्रीयकरण के 53 वर्षों के बाद आज कहा जा रहा है कि सरकार को भारतीय स्टेट बैंक को छोड़कर सभी पब्लिक सेक्टर के बैंकों का निजीकरण कर देना चाहिए। नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले दशक के दौरान एसबीआई को छोड़कर अधिकांश सरकारी बैंक, प्राइवेट बैंकों से पिछड़ गए हैं। एनसीएईआर की पूनम गुप्ता और अर्थशास्त्री अरविंद पनगढिय़ा द्वारा लिखित रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकारी बैंकों ने अपने प्राइवेट सेक्टर के बैंकों की तुलना में संपत्ति और इक्विटी पर कम रिटर्न प्राप्त किया है। सरकार आने वाले दिनों में बैंकिंग संशोधन बिल भी लाने की योजना बना रही है, इस बिल के द्वारा सरकार बैंकों में अपना हिस्सा 26 प्रतिशत तक कम करेगी बैंकों का नियंत्रण अपने हाथ में रखेगी। सरकार बाकी बचे बैंकों को एक बार फिर मर्ज करके इनकी संख्या कम करने के बार में भी सोच रही है।

वॉएस ऑफ बैंकिंग के अश्वनी राणा ने कहा कि आजादी के 75 वर्षों और बैंकों के राष्ट्रीयकरण के 53 वर्षों के बाद आज सरकारी बैंकों की संख्या घटकर 12 रह गई है। निजी क्षेत्र में चल रहे बैंकों के इतिहास और उनकी कार्य प्रणाली के कारण, आये दिन कुछ न कुछ गड़बडिय़ां और घोटालों को देखते हुए सरकार का सरकारी क्षेत्र के बैंकों को निजी हाथों में सोंपना उचित नहीं रहेगा।

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