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गाजियाबाद जिला अदालत ने नोएडा के हिस्ट्रीशीटर को 8 साल की सजा सुनाई, जानिए पूरी खबर

Admin Delhi 1
14 Jun 2022 10:56 AM GMT
गाजियाबाद जिला अदालत ने नोएडा के हिस्ट्रीशीटर को 8 साल की सजा सुनाई, जानिए पूरी खबर
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एनसीआर कोर्ट रूम: नोएडा के हिस्ट्रीशीटर को गाजियाबाद जिला अदालत ने सजा सुनाई है। नोएडा शहर के बीचोबीच चौड़ा रघुनाथपुर गांव में हत्या को अंजाम दिया था। उस हत्याकांड के चश्मदीद गवाह पर कातिलाना हमला किया गया था। हत्याकांड के लिए पहले ही अदालत आजीवन कारावास की सजा दे चुकी है। अब गवाह की हत्या के प्रयास में 8 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है। तीन दिन पहले जिला एवं सत्र न्यायालय ने दोषी ठहराया था। अब सोमवार को सजा का ऐलान किया गया है। बड़ी बात यह है कि पीड़ितों को न्याय के लिए 34 वर्ष, 2 महीने और 13 दिन इंतजार करना पड़ा है।

क्या है पूरा मामला: एडवोकेट मुकुल कुमार त्यागी ने बताया, 21 जनवरी 1988 को नोएडा शहर में चौड़ा रघुनाथपुर गांव के रहने वाले राजकुमार पुत्र चन्द्रभान ने ओमपाल पुत्र श्रीचंद की हत्या अपने साथियों के साथ मिलकर की थी। जिसमें राजकुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। उस घटना के चश्मदीद गवाह राजेश्वर प्रसाद के ऊपर 27 मार्च 1988 को राजकुमार ने जानलेवा हमला किया था। एडवोकेट मुकुल त्यागी ने बताया कि गवाह राजेश्वर प्रसाद पर किए गए कातिलाना हमले में राजकुमार शर्मा को दोषी करार दिया गया। उसे गाजियाबाद के एडीजे फास्ट ट्रैक प्रथम जयवीर सिंह नागर की अदालत ने आईपीसी की धारा 307 के तहत 8 वर्ष और धारा 452 के तहत 5 वर्ष की सजा सुनाई है। दोनों सजा साथ-साथ चलेंगी।

इंसाफ के लिए 34 वर्ष, 2 महीने और 13 दिन इंतजार करना पड़ा:एडवोकेट मुकुल त्यागी ने बताया कि घटना के 34 साल, 2 महीने और 13 दिन बाद फ़ास्टट्रैक प्रथम जयवीर नागर की अदालत ने राजकुमार को सजा सुनाई है। आरोपी पक्ष ने मुकदमे को उलझाने के लिए हर हथकंडा अपनाया। जिसकी वजह से पीड़ितों को इंसाफ मिलने में देरी हुई है। राजकुमार शर्मा को ओमपाल हत्याकांड में पहले ही आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है। जिस पर प्रयागराज हाईकोर्ट में अपील के तहत सुनवाई चल रही है।

उत्तर प्रदेश और दिल्ली में दो दर्जन मुकदमे: राजकुमार शर्मा और उसके परिवार के दूसरे सदस्यों के खिलाफ दिल्ली और उत्तर प्रदेश में करीब 2 दर्जन मुकदमें दर्ज किए गए हैं। यह सारे मामले आईपीसी की गंभीर धाराओं के अलावा आर्म्स एक्ट, गुंडा एक्ट, क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट, सार्वजनिक संपत्ति निवारण अधिनियम और रेवेन्यू एक्ट के तहत दर्ज किए गए हैं। यह मामले मारपीट, बलवा, हत्या, हत्या का प्रयास, घर में घुसकर मारपीट करने, जान से मारने की धमकी देने, धोखाधड़ी, जालसाजी और अपरहण जैसे आरोपों में दर्ज हैं।

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