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मोबाइल फोन से लेकर चिप तक, भारत का विनिर्माण स्वर्ण युग में प्रवेश कर गया
नई दिल्ली, 27 मई (आईएएनएस)। दक्षिण कोरियाई दिग्गज सैमसंग ने साल 2018 में भारत में दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल फैक्ट्री का उद्घाटन किया। यूपी के नोएडा में सेक्टर 81 में 35 एकड़ में बनी इस फैक्ट्री का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जे-इन ने आधिकारिक रूप से उद्घाटन किया और देश को वैश्विक मैन्युफैक्च रिंग (विनिर्माण) मैप पर मजबूती से स्थापित किया।
इससे पहले भी देश ने मोबाइल मैन्युफैक्च रिंग में बड़े पैमाने पर टर्नअराउंड देखा था। 2014 से पहले दो मोबाइल मैन्युफैक्च रिंग फैक्ट्री थी और अब, 200 से अधिक मैन्युफैक्च रिंग इकाइयां भारत में स्थापित की गई हैं, जो लाखों उपकरणों का उत्पादन करती हैं और उन्हें अन्य देशों में निर्यात करती हैं।
लोकल मैन्युफैक्च र्ड मोबाइल फोन के नेतृत्व में भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग ने फाइनेंशियल ईयर (वित्त वर्ष) 22-23 में अनुमानित 1,85,000 करोड़ रुपये के इलेक्ट्रॉनिक सामानों का रिकॉर्ड निर्यात देखा, जबकि फाइनेंशियल ईयर 21-22 में यह 1,16,936 करोड़ रुपये था। यानी इसमें कुल 58 प्रतिशत की भारी वृद्धि देखी गई थी।
इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) के आंकड़ों के अनुसार, मोबाइल फोन निर्यात ने किसी भी वित्तीय वर्ष में पहली बार 10 बिलियन डॉलर की सीमा को पार करके वित्त वर्ष 2022-23 में अनुमानित 11.12 बिलियन डॉलर तक पहुंचकर इतिहास रच दिया। यह वृद्धि मुख्य रूप से एप्पल के कारण है जिसने वित्त वर्ष 2022-23 में अकेले भारत से निर्यात में रिकॉर्ड 5 बिलियन डॉलर को पार कर लिया है। देश ने अब आईटी हार्डवेयर (लैपटॉप, सर्वर, टैबलेट), सेमीकंडक्टर और अन्य चीजों के मैन्युफैक्च रिंग में छलांग लगा दी है।
Ashwandewangan
प्रकाश सिंह पिछले 3 सालों से पत्रकारिता में हैं। साल 2019 में उन्होंने मीडिया जगत में कदम रखा। फिलहाल, प्रकाश जनता से रिश्ता वेब साइट में बतौर content writer काम कर रहे हैं। उन्होंने श्री राम स्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी लखनऊ से हिंदी पत्रकारिता में मास्टर्स किया है। प्रकाश खेल के अलावा राजनीति और मनोरंजन की खबर लिखते हैं।