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दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय कैंपस में में आजादी के गुमनाम नायकों के नाम पर बनेगी फ्रीडम वॉल

Admin Delhi 1
5 Jan 2023 5:34 AM GMT
दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय कैंपस में में आजादी के गुमनाम नायकों के नाम पर बनेगी फ्रीडम वॉल
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दिल्ली न्यूज़: जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय कैंपस में आजादी का अमृत महोत्सव के तहत गुमनाम नायकों के नाम पर फ्रीडम वॉल बनेगी। इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक कमेटी गठित कर दी है। कमेटी इस फ्रीडम वॉल के लिए गुमनाम नायकों के नामों का चयन करेगी। खास बात यह है कि ऐसे नायकों के गांव से जेएनयू की टीम मिट्टी लेकर आएगी। इसी मिट्टी से जेएनयू कैंपस या आसपास उनके नाम पर पौधे भी लगाए जाएंगे। कुलपति प्रोफेसर शांतिश्री डी पंडित ने कहा कि देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। ऐसे में हम आजादी में योगदान देने वाले शहीदों को जानते हैं, लेकिन कई गुमनाम नायक भी हैं। यह भी आजादी और समाज को दिशा देने वाले नायक थे। ऐसे गुमनाम नायकों के बारे में भावी पीढि़यों को जानना जरूरी है। इसी के तहत विश्वविद्यालय प्रशासन की टीम देश की आजादी और समाज में बदलाव लाने वाले गुमनाम नायकों के नामों की पहचान कर रही है। इन नायकों को जेएनयू की फ्रीडम वॉल में प्रदर्शित किया जाएगा। यह फ्रीडम वॉल तकनीक पर आधारित होगी। यहां पर हर गुमनाम नायक की फोटो के साथ क्यूआर कोड दिया जाएगा। दर्शक जैसे ही मोबाइल से क्यूआर कोड को स्कैन करेंगे ताे स्क्रीन पर संबंधित गुमनाम नायक का नाम, गांव, जिला, प्रदेश समेत आजादी व बदलाव में योगदान की जानकारी आ जाएगी।

इससे युवा पीढ़ी को इन गुमनाम नायकों के जीवन से प्रेरणा मिलेगी और देशप्रेम की भावना जागृत होगी। वहीं, इन गुमनाम नायकों के गांव से मिट्टी भी लाई जाएगी। इसी मिट्टी को फ्रीडम वॉल के आसपास और उनके नाम पर पौधे लगाने के काम आएगी। इन पौधे के पास भी गुमनाम नायक का नाम, फोटो और क्यूआर कोड होगा।

छात्रों को देशभक्ति से जोड़ना मकसद: कुलपति प्रोफेसर शांतिश्री डी पंडित ने कहा कि जेएनयू देश और दुनिया का सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय है। अक्सर जेएनयू पर देश विरोधी होने के आरोप लगते रहते हैं, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। देश की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण, विदेशमंत्री एस जयशंकर समेत मैं स्वयं (कुलपति प्रोफेसर शांतिश्रीडी पंडित ) इसी विश्वविद्यालय से पासआउट हैं। इसके अलावा भारतीय सेना के सभी अधिकारियों के पास जेएनयू की डिग्री होती है। इसलिए बार-बार जेएनयू को देशद्रोही कहकर बुलाना गलत है। जेएनयू के प्रति लोगों की इस इमेज को बदलना मेरा सबसे मुख्य काम है। क्योंकि इससे छात्रों के दिल में भी आक्रोश उत्पन्न होता है। इसीलिए देशभक्ति से विश्वविद्यालय और छात्रों को जोड़ने पर हर तरह से काम होगा।

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