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ऑनलाइन चल रहा था गोरखधंधा, एजुकेशन सेंटर में बनाई जा रहीं थीं फर्जी डिग्रियां

Admin4
24 Aug 2022 12:01 PM GMT
ऑनलाइन चल रहा था गोरखधंधा, एजुकेशन सेंटर में बनाई जा रहीं थीं फर्जी डिग्रियां
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न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला

पुलिस ने इस मामले में दो सेंटर मालिक व वहां कार्यरत चार युवतियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस अधिकारियों की मानें तो आरोपी अभी तक 500 से ज्यादा लोगों की फर्जी डिग्री व डिप्लोमा बना चुके हैं और इन डिग्रियों के बल पर काफी लोग प्राइवेट कंपनियों में बड़े पदों पर नौकरियां कर रहे हैं।

आश्रम के पास किलोकरी गांव में स्थित एजुकेशन सेंटर में फर्जी डिग्री व डिप्लोमा बनाए जाने का मामला प्रकाश में आया है। पुलिस ने इस मामले में दो सेंटर मालिक व वहां कार्यरत चार युवतियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस अधिकारियों की मानें तो आरोपी अभी तक 500 से ज्यादा लोगों की फर्जी डिग्री व डिप्लोमा बना चुके हैं और इन डिग्रियों के बल पर काफी लोग प्राइवेट कंपनियों में बड़े पदों पर नौकरियां कर रहे हैं। पुलिस इनसे पूछताछ में जुटी हुई है।

साइबर थाना पुलिस को सूचना मिली थी कि किलोकरी गांव, सनलाइट कॉलोनी स्थित एजुकेशन सेंटर माउंटेन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी में फर्जी डिग्री व डिप्लोमा बनाए जा रहे हैं। सूचना के बाद साइबर थाना प्रभारी कुलदीप शेखावत की देखरेख में इंस्पेक्टर मनोज भास्कर व एसआई मोहित की विशेष टीम बनाई गई। टीम ने सेंटर में दबिश दी।

यहां पर ग्राहकों से बात करती हुई चार युवतियां मिलीं। पुलिस ने गाजियाबाद, यूपी निवासी रेखा, जैतपुर, दिल्ली निवासी पूनम, सरोजनी नगर निवासी दीपिका और सफदरजंग एंक्लेव निवासी अमिता को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में पता लगा कि सेंटर में बैक डेट की बीबीए, बीसीए और एमसीए की डिग्री बनाई जाती थी। ये किसी भी यूनिवर्सिटी की डिग्री मात्रा आधा घंटे में दे देते थे।

इनके कब्जे से छह मोबाइल फोन, लैपटॉप, प्रिंटर, सील, फर्जी मार्कशीट, डिग्री, सर्टिफिकेट, रिकार्ड रजिस्टर व पेमेंट स्लिप बरामद की हैं। इनसे पूछताछ के बाद इंस्पेक्टर मनोज भास्कर की टीम ने सेंटर मालिक तैमूर नगर निवासी रेहान और उत्तम नगर निवासी कैफ को उनके घरों से सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस यहां से फर्जी डिग्री व डिप्लोमा बनवाने वालों का पता कर रही है। सेंटर मालिकों के बैंक खातों की जांच में लाखों रुपये के लेन-देन का पता लगा है।

ऑन लाइन लेते थे डिग्री बनाने की रकम

आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि ये सेंटर करीब एक वर्ष से चल रहा है। ये फर्जी डिग्री बनाने की एवज में पैसे यूपीआई या फिर ऑनलाइन लेते थे। पैसे लेने के बाद ये किसी भी अधिकृत व बड़ी यूनिवर्सिटी की डिग्री दे देते थे।

आरोपी वेबसाइट से लेते थे डाटा

दक्षिण-पूर्व जिला पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आरोपी डिग्री लेने वाले व कम पढ़े लिखे युवाओं का डाटा शिनेडॉटकॉम से लेते थे। डाटा लेने के बाद ये युवाओं से संपर्क करते थे। आरोपी डिप्लोमा 10 हजार व किसी भी यूनिवर्सिटी की डिग्री 25 हजार में देते थे। बताया जा रहा है कि यहां से डिग्री लेने वाले लोगों को ये प्राइवेट नौकरी करने की सलाह देेते थे। रेखा, दीपिका व अमिता सेंटर में टेलीफोन ऑपरेटर थीं।

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