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ऑक्सीजन सिलेंडर के नाम पर ठगी, 9 लोग गिरफ्तार

Gulabi
27 Nov 2021 1:46 PM GMT
ऑक्सीजन सिलेंडर के नाम पर ठगी, 9 लोग गिरफ्तार
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एक आरोपी को कोर्ट ने भगोड़ा घोषित कर दिया है
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल साइबर क्राइम यूनिट ने कोविड-19 महामारी के दौरान जरूरतमंद मरीजों को ऑक्सीजन सिलेंडर की बिक्री के बहाने उन्हें ठगने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. पुलिस अब तक कुल 9 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है जबकि एक आरोपी को कोर्ट ने भगोड़ा घोषित कर दिया है.
साइबर क्राइम यूनिट के डीसीपी केपीएस मल्होत्रा के मुताबिक विनोद कुमार नाम के एक शख्स ने आरोप लगाया कि उनकी पत्नी COVID-19 से पीड़ित थीं और उन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर की आवश्यकता थी क्योंकि उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही थी.
सोशल मीडिया से मिला नंबर
विनोद ने सोशल मीडिया से मिले एक मोबाइल नंबर पर फोन किया. फोन के रिसीवर ने उन्हें एसबीआई के एक बैंक खाते में रुपये जमा करने के लिए कहा और ऑक्सीजन सिलेंडर की जल्द डिलीवरी का आश्वासन दिया. इसके बाद विनोद ने इस खाते में पैसा जमा कर दिया. लेकिन उनको न तो ऑक्सीजन सिलेंडर मिला और न ही पैसा वापस किया गया.
शुरुआती जांच के बाद पुलिस ने केस दर्ज कर लिया. मोबाइल फोन नंबरों और बैंक खातों की जांच के बाद 3 आरोपियों की पहचान हुई, जिन्हें बिहार के अलग-अलग जिलों से गिरफ्तार किया गया था. पूछताछ के दौरान यह पता चला कि उनके खिलाफ स्पेशल सेल में धोखाधड़ी का एक मामला पहले से ही दर्ज है.
संगठित तरीके से काम कर रहा गिरोह
संदिग्धों से लगातार पूछताछ में पता चला कि गिरोह संगठित तरीके से काम कर रहा था और उसके अलग-अलग मॉड्यूल थे. गिरफ्तार लोगों से मिली सूचना के आधार पर 6 और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया जो पश्चिम बंगाल और बिहार के निवासी हैं.
गिरोह के कई अलग-अलग मॉड्यूल
पुलिस के मुताबिक इस गिरोह में अलग-अलग मॉड्यूल हैं. इन केस का मास्टरमाइंड सभी मॉड्यूल से संपर्क में रहता था. उसने सोशल मीडिया में अपने फोन नंबरों को फैलाते हुए कहा कि वे ऑक्सीजन सिलेंडर की होम डिलीवरी करते हैं. दूसरा मॉड्यूल टेली कॉलर का है और जो ग्राहकों से बात करता था. तीसरा मॉड्यूल उन लोगों का था जो ठगी के पैसों को अलग-अलग खातों में जमा करवाते थे.
चौथा मॉड्यूल उन लोगों का है जो कमीशन के आधार पर काम करते थे और जमा की गई राशि के 10% कमीशन पर, गरीबों से खाते की खरीद करते थे, इसके अलावा गरीब तबके के लोग पैसे के लालच में कमीशन बेस पर ठगी का पैसा अपने खाते में जमा करवाते थे. इसके बदले उन्हें कमीशन मिलता था. गैंग से जुड़े कुछ लोग फर्जी आईडी पर फर्जी तरीके से सिम कार्ड मुहैया कराते थे. इस मामले का मास्टमाइंड कमलकांत सिन्हा बिहार के नालंदा का रहने वाला है और उसने पीजी किया है. वह कोचिंग सेंटर चलाता है, उसके पास एमसीए की डिग्री है. आगे की जांच जारी है.
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