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एनएसई घोटाले में पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण गिरफ्तार, आज कोर्ट में किया जाएगा पेश
Renuka Sahu
7 March 2022 1:14 AM GMT
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फाइल फोटो
एक हिमालयन योगी के इशारे पर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का संचालन करने वाली एनएसई की पूर्व सीएओ चित्रा रामकृष्ण को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने को-लोकेशन घोटाला मामले में रविवार को गिरफ्तार कर लिया है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। एक हिमालयन योगी के इशारे पर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का संचालन करने वाली एनएसई की पूर्व सीएओ चित्रा रामकृष्ण को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने को-लोकेशन घोटाला मामले में रविवार को गिरफ्तार कर लिया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि रामकृष्ण को दिल्ली में गिरफ्तार किया गया और उन्हें मेडिकल जांच के लिए ले जाया गया। उन्होंने बताया कि बाद में उन्हें सीबीआई मुख्यालय में हवालात में रखा गया है। चित्रा को सोमवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया जाएगा जहां सीबीआई आगे की पूछताछ के लिए रिमांड की मांग करेगी।अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई ने रामकृष्ण से लगातार तीन दिनों तक पूछताछ की और उनके आवास पर तलाशी ली।
अधिकारियों ने कहा कि वह उचित जवाब नहीं दे रही थीं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला के एक वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक की सेवाएं भी लीं, जिन्होंने भी उनसे पूछताछ की। अधिकारियों ने कहा कि मनोवैज्ञानिक भी इस निष्कर्ष पर पहुंचे थे कि एजेंसी के पास उन्हें गिरफ्तार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
एक दिन पहले ही विशेष सीबीआई अदालत ने पूर्व प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) चित्रा रामकृष्ण को बड़ा झटका दिया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) को-लोकेशन मामले में शनिवार को कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। चित्रा पर हिमालयन योगी के इशारे पर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का संचालन करने और संवेदनशील जानकारी साझा करने का आरोप है।
मामले में बीते दिनों सीबीआई ने एनएसई के पूर्व ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर (जीओओ) आनंद सुब्रमण्यम को चेन्नई स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया था और दावा किया था कि वही हिमालयन योगी हैं। आनंद सुब्रमण्यम पर आरोप है कि वह एनएसई के कामकाज में दखल देते थे।
इसके साथ ही वह एनएसई की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण को सलाह दिया करते थे और वह उनके इशारे पर काम किया करती थीं। चित्रा रामकृष्ण अप्रैल 2013 से दिसंबर 2016 तक एनएसई की एमडी और सीईओ थी।
क्या है को-लोकेशन स्कैम?
शेयर खरीद-बिक्री के केंद्र देश के प्रमुख नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के कुछ ब्रोकरों को ऐसी सुविधा दे दी गई थी, जिससे उन्हें बाकी के मुकाबले शेयरों की कीमतों की जानकारी कुछ पहले मिल जाती थी। इसका लाभ उठाकर वे भारी मुनाफा कमा रहे थे। इससे संभवत: एनएसई के डिम्यूचुलाइजेशन और पारदर्शिता आधारित ढांचे का उल्लंघन हो रहा था। धांधली करके अंदरूनी सूत्रों की मदद से उन्हें सर्वर को को-लोकेट करके सीधा एक्सेस दिया गया था। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड को इस संबंध में एक अज्ञात सूचना मिली। इसमें आरोप लगाया गया था कि एनएसई के अधिकारियों की मदद से कुछ ब्रोकर पहले ही जानकारी मिलने का लाभ उठा रहे हैं। एनएससी में खरीद-बिक्री तेजी को देखते हुए घपले की रकम पांच साल में 50,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
ऐसा दिया घोटाले को अंजाम
सीबीआई जांच में सामने आया है कि एक अप्रैल 2013 को चित्रा रामकृष्ण के एमडी और सीईओ बनने के बाद एनएसई में को-लोकेशन सुविधा की शुरुआत की गई थी। इसके तहत शेयर दलाल अपने सर्वर स्टॉक एक्सचेंज परिसर में स्थापित कर सकते थे जिससे उन्हें बाजार तक तेज पहुंच मिलती थी। इनमें से कुछ दलालों ने एक्सचेंज के अंदरुनी लोगों की मदद से एल्गोरिदम का दुरुपयोग किया और बहुत अधिक मुनाफा कमाया।
ई-वेस्ट में नष्ट करवा दिए कंप्यूटर, जांच कैसे होती?
2018 में अर्नेस्ट एंड यंग कंपनी ने इस मामले में फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट दी थी। लेकिन वह योगी या घपले पर निर्णायक जानकारी नहीं दे सकी क्योंकि आनंद सहित एनएसई के प्रमुख अधिकारियों के कंप्यूटर ई-वेस्ट के नाम पर डिस्पोज करवा दिए गए थे।
चित्रा के सलाहकार पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं
इससे पहले सीबीआई ने कार्रवाई करते हुए नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के पूर्व समूह संचालन अधिकारी और चित्रा रामकृष्ण के सलाहकार आनंद सुब्रमण्यम चेन्नई से गिरफ्तार किया गया था। आनंद सुब्रमण्यम पर आरोप है कि वे एनएसई के कामकाज में दखल देते थे। वो एनएसई की पूर्व सीईओ को सलाह दिया करते थे और वह उनके इशारे पर काम किया करती थीं।
अज्ञात योगी की रोचक कहानी... शरीर न आकार, जब चाहें आ जाते हैं सामने
देश के कुल बजट से करीब आठ गुना अधिक धनराशि वाले नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में करोड़ों लोगों की किस्मत संवरती-बिगड़ती है, लेकिन इसकी सीईओ व एमडी रही चित्रा रामकृष्णा एक गुमनाम योगी से एक्सचेंज की संवेदनशील जानकारियां साझा करती थी। 11 फरवरी को आए सेबी के आदेश में चित्रा के बयानों में यह खुलासे विस्तार से हुए।
सेबी को उन्होंने बताया था कि योगी हिमालय पर रहता है, उसका न शरीर है, न आकार और न ही पता। वह जब चाहे चित्रा के सामने उपस्थित होने की क्षमता रखता है। योगी की ही सलाह पर चित्रा ने सीओओ पद पर आनंद सुब्रमण्यन को तैनात किया, आनंद पहले 15 लाख सालाना वेतन पाता था, चित्रा ने वेतन 5 करोड़ रुपये तक करवा दी थी।
योगी को देती थी संवेदनशील जानकारियां
चित्रा ने योगी को एनएसई, कंपनियों के वित्तीय प्रदर्शन व परिणाम, पांच साल के लक्ष्यों, योजनाओं, डिविडेंड निर्धारण आदि संवेदनशील जानकारियां देती थीं। सेबी ने चित्रा से पूछा था कि किसी अनजान व्यक्ति से संवेदनशील जानकारियां साझा करते हुए उन्हें कोई झिझक महसूस नहीं हुआ? चित्रा ने इस आचरण को 'गैर-हानिकारक' बताया था।
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