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एक देश एक चुनाव कमेटी की पहली बैठक सम्पन्न, तय हुआ आगे की बैठकों का एजेंडा

SANTOSI TANDI
24 Sep 2023 7:41 AM GMT
एक देश एक चुनाव कमेटी की पहली बैठक सम्पन्न, तय हुआ आगे की बैठकों का एजेंडा
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तय हुआ आगे की बैठकों का एजेंडा
नई दिल्ली: एक देश एक चुनाव कमेटी की पहली बैठक शनिवार (23 सितंबर) को हुई। सूत्रों के मुताबिक, इस उच्च स्तरीय समिति की बैठक में आगे की मीटिंग के लिए एजेंडा तय किया गया। बैठक में आगे होने वाली बैठकों के एजेंडे को तय करने के साथ ही एक देश एक चुनाव समिति ने सबसे पहले इस बात पर जांच की कि एक साथ चुनाव के रास्ते में क्या अड़चने हैं और उन्हें कैसे सिलसिलेवार तरीक़े से समाप्त किया जाए।
सूत्रों के मुताबिक, हाई लेवल कमेटी एक साथ चुनाव कराने के लिए तमाम राजनीतिक दलों, विभिन्न राज्यों, चुनाव प्रक्रिया से जुड़े हुए चुनाव आयोग से सुझाव लेकर ज़रूरी उपायों की सिफ़ारिश सरकार से करेगी। एक राष्ट्र, एक चुनाव समिति के अध्यक्ष रामनाथ कोविद की अध्यक्षता में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पूर्व नेता विपक्ष राज्यसभा गुलाम नबी आज़ाद, 15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह, पूर्व लोकसभा महासचिव सुभाष कश्यप, वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे, पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी ने बैठक में हिस्सा लिया।
बयान में कहा गया है कि समिति ने मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय दलों, राज्यों में सत्तारूढ़ दलों, संसद में अपना प्रतिनिधित्व रखने वाले दलों, अन्य मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय दलों को ‘‘देश में एक साथ चुनाव कराने के मुद्दे पर सुझाव/राय देने के लिए’’आमंत्रित करने का निर्णय लिया है।
विधि आयोग को आमंत्रित कर मांगा जाएगा चुनाव
विधि मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इसके अलावा, समिति एक साथ चुनाव कराने के मुद्दे पर अपने सुझाव और राय के लिए विधि आयोग को भी आमंत्रित करेगी। वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ऑनलाइन तरीके से बैठक में शामिल हुए। बयान में कहा गया है कि लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी बैठक में मौजूद नहीं थे। चौधरी ने हाल में गृह मंत्री शाह को लिखे एक पत्र में समिति का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया था।
आम राय बनाने किया था समिति का गठन
सरकार ने लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, नगर निकायों और पंचायतों के चुनाव एक साथ कराने के मुद्दे पर सिफारिश करने के वास्ते दो सितंबर को आठ सदस्यीय ‘‘उच्च-स्तरीय समिति’’ गठित करने के संबंध में अधिसूचना जारी की थी।
अधिसूचना में कही गई हैं ये बातें
एक देश एक चुनाव के लिए बनी इस उच्चस्तरीय समिति के बारे में अधिसूचना जारी की गई है कि भारत के संविधान और क़ानून उपबंधों के अधीन विद्यमान् ढांचे को ध्यान में रखते हुए लोक सभा, राज्य की विधानसभाओं, नगर पालिकाओं और पंचायतों के एक साथ चुनाव कराने की जांच करना और सिफ़ारिश करना और उसके लिए संविधान लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के अधीन बनाए गए नियमों या फिर किसी दूसरे विधि-विधानों और नियमों में संशोधन करने की सिफ़ारिश करना है।
अधिसूचना के दूसरे पैरा में साफ़ लिखा गया है कि अगर कोई राज्य ऐसे संविधान संशोधन का समर्थन करता है तो उसकी जांच और सिफ़ारिश भी ये कमेटी कर सकती है। कमेटी के कार्यों के बारे में बताते हुए तीसरे खंड में ये बताया गया है कि त्रिशंकु सदन, अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार करना या दल-बदल या ऐसी किसी अन्य घटना के कारण एक साथ निर्वाचन के परिदृश्य में संभव-समाधान के लिए विश्लेषण जांच और सिफ़ारिश करना शामिल है।
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