दिल्ली-एनसीआर

आसमान से बरस रही आग, दिल्लीवालों को आज भी लू से नहीं मिलेगी राहत के

Renuka Sahu
7 Jun 2022 2:07 AM GMT
Fire raining from the sky, Delhiites will not get relief from heat even today
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फाइल फोटो 

दिल्ली के ज्यादातर हिस्से में लोगों को मंगलवार के दिन भी झुलसाने वाली लू का सामना करना पड़ेगा।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दिल्ली के ज्यादातर हिस्से में लोगों को मंगलवार के दिन भी झुलसाने वाली लू का सामना करना पड़ेगा। मौसम विभाग का अनुमान है कि इस दौरान अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। दिन के समय 25 से लेकर 35 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार वाली हवाएं चल सकती हैं। इसके चलते लोगों को लू के थपेड़ों का अहसास भी ज्यादा होगा।

इस बीच, सोमवार को तेज हवा के चलते दिल्ली के लोगों को प्रदूषित हवा से भी थोड़ी राहत मिली है। सोमवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक 195 के अंक पर रहा। इस स्तर की हवा को मध्यम श्रेणी में रखा जाता है।
सूखी गर्म हवाओं के चलते दिल्ली के लोगों की परेशानी बढ़ गई है। दिन के समय सफदरजंग में आर्द्रता अधिकतम स्तर 68 फीसदी और न्यूनतम स्तर 16 फीसदी रहा। दोपहर के समय गर्म हवा में नमी की मात्रा बेहद कम रही। इस दौरान हवा की गति भी 15 से 20 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रही। इसके चलते लोगों को ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ा।
अर्बन हीट आईलैंड का असर दिखा
नजफगढ़, जफरपुर और स्पोर्ट्स कांप्लेक्स क्षेत्र में लोगों को ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ा। दिल्ली के मौसम में अर्बन हीट आईलैंड का प्रभाव लगातार देखने को मिल रहा है। सोमवार के दिन भी लोधी रोड और पीतमपुरा के न्यूनतम तापमान में खासा अंतर देखने को मिला।
पीतमपुरा का न्यूनतम तापमान 33.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि, लोधी रोड का न्यूनतम तापमान 24.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। एक ही शहर में कुछ किलोमीटर की दूरी पर तापमान में इतने ज्यादा अंतर के लिए अर्बन हीटआईलैंड प्रभाव को ही जिम्मेदार माना जा रहा है।
मई में सिर्फ दस दिन ही मिल पाई साफ हवा
राजधानी में अप्रैल के बाद मई की हवा भी पांच सालों में सबसे ज्यादा प्रदूषित रही। मई के 31 दिनों में से 21 दिन वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) खराब श्रेणी में रहा। लोगों को सिर्फ दस दिन ही अपेक्षाकृत साफ हवा मिली है।
दिल्ली में आमतौर पर मार्च से लेकर मई के बीच नियमित अंतराल पर पश्चिमी विक्षोभ आते रहते हैं। इन विक्षोभों के चलते हल्की बारिश होती है और लोगों को गर्मी और प्रदूषण से राहत मिलती है। लेकिन, इस बार मार्च के महीने में सामान्य से 100 फीसदी और मई के महीने में 98 फीसदी कम बारिश हुई। मई के महीने में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई लेकिन यह बारिश भी दूसरे पखवाड़े में हुई। साथ ही, इस दौरान धूल भरी आंधी भी कई बार आई, जिसके चलते भी प्रदूषण का स्तर ज्यादा हुआ।
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