- Home
- /
- दिल्ली-एनसीआर
- /
- यमुना अथॉरिटी के मुख्य...
यमुना अथॉरिटी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी के आदेश पर 50 कॉलोनाइजरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज
एनसीआर नॉएडा न्यूज़: यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (Yamuna Authority) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ.अरुणवीर सिंह के आदेश पर 50 कॉलोनाइजरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है। इन बिल्डरों और कॉलोनाइजरों ने अलीगढ़ जिले के टप्पल इलाके में अथॉरिटी की करीब 250 करोड़ रुपए की जमीन पर अवैध कब्जा किया था। आपको बता दें कि तीन दिन पहले प्राधिकरण में इन अवैध इमारतों और कॉलोनियों को ध्वस्त कर दिया था। जिसके बाद सीईओ ने कानूनी कार्रवाई करने का आदेश दिया था।
क्या है मामला: अलीगढ़ जिले में यमुना अथॉरिटी के अधिसूचित इलाकों में कॉलोनाइजर अवैध कॉलोनी बसा रहे हैं। टप्पल नगर पंचायत के आसपास बड़े पैमाने पर अतिक्रमण करके इस तरह का अवैध निर्माण किया गया है। दरअसल, राज्य सरकार ने करीब एक साल पहले टप्पल ग्राम पंचायत को नगर पंचायत घोषित कर दिया था। इसके लिए यमुना प्राधिकरण से जरूरी अनापत्ति नहीं ली गई। टप्पल क्षेत्र यमुना अथॉरिटी का अधिसूचित इलाका है। प्राधिकरण ने शासन में इसका विरोध किया। जिसके बाद पिछले महीने योगी सरकार ने टप्पल नगर पंचायत को खत्म करके दोबारा यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में शामिल कर दिया। इस फैसले के बाद पूरे इलाके में हुए अवैध निर्माण को ध्वस्त करने का निर्णय लिया गया। जिन लोगों ने अवैध अतिक्रमण किया है। उनके खिलाफ यह एफआईआर दर्ज करवाई गई है। एफआईआर में बताया गया है कि 50 कॉलोनाइजर ने यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में करीब 250 करोड़ रुपए की जमीन पर अवैध कब्जे किए हैं।
प्राधिकरण क्षेत्र में ठगी का शिकार ना हों: मोनिका रानी
यमुना अथॉरिटी की कार्यवाहक मुख्य कार्यपालक अधिकारी मोनिका रानी ने कहा, "हमें जानकारी मिली है कि बड़ी संख्या में बिल्डर और कॉलोनाइजर सक्रिय हैं। यह लोग यमुना एक्सप्रेसवे और जेवर में बन रहे नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से जुड़े लोकलुभावन वादे करके आम आदमी को ठग रहे हैं। ऐसे लोग प्राधिकरण के अधिसूचित इलाकों में अवैध कॉलोनी बसाने की कोशिश करते हैं। जानकारी मिलने पर प्राधिकरण उन्हें ध्वस्त कर देता है। इससे उन लोगों को नुकसान होता है, जो इनके झांसे में आकर अवैध कॉलोनी में अपनी गाढ़ी कमाई का निवेश कर देते हैं। लिहाजा, मैं आम आदमी से अपील करती हूं कि ऐसे जालसाजों झांसे में नहीं आएं। यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के दायरे में आवासीय, औद्योगिक और संस्थागत गतिविधियों के लिए केवल प्राधिकरण से भूमि आवंटन हासिल करें। अवैध निर्माण के खिलाफ प्राधिकरण की यह कार्रवाई जारी रहेगी। अभी गैरकानूनी गतिविधियां संचालित करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएंगी।"