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कोरियन नागरिक से 36 लाख की धोखाधड़ी मामले में महिला समेत 2 पर एफआईआर दर्ज, जानिए पूरी खबर

Admin Delhi 1
21 Jun 2022 7:22 AM GMT
कोरियन नागरिक से 36 लाख की धोखाधड़ी मामले में महिला समेत 2 पर एफआईआर दर्ज, जानिए पूरी खबर
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एनसीआर नॉएडा क्राइम न्यूज़: गौतमबुद्ध नगर कोर्ट के आदेश पर कोरियन नागरिक के साथ धोखाधड़ी के मामले में नॉलेज पार्क थाना पुलिस ने एक कंपनी की महिला डायरेक्टर समेत दो लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। कंपनी की महिला डायरेक्टर पर कोरियन नागरिक के साथ 36 लाख रुपए धोखाधड़ी करने का आरोप है। कोरियन नागरिक ने महिला से एक इंडस्ट्री का प्लॉट खरीदा था। जिसमें प्राधिकरण का बकाया भुगतान किए बगैर प्रॉपर्टी को बेच दिया गया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू कर दी है।

क्या है पूरा मामला: अधिवक्ता एमके राणा ने बताया कि कोरियन नागरिक ने ग्रेटर नोएडा के ईकोटेक वन एक्सटेंशन में इंडस्ट्री का प्लॉट खरीदने के लिए 12 जून 2019 को एग्रीमेंट किया था। यह एग्रीमेंट ओगान कंपनी और कोरियन नागरिक की सेनेटेक कंपनी के बीच हुआ था। जिसमें तय हुआ था कि प्लॉट पर बकाया प्राधिकरण का भुगतान ओगान कंपनी द्वारा जमा किया जाएगा। जिसके बाद 16 जुलाई 2019 को यह प्लॉट ओगान कंपनी से कोरियन नागरिक की कंपनी सेनेटेक के नाम ट्रांसफर हो गया। 02 अगस्त 2019 को प्लॉट की रजिस्ट्री हो गई। जिसके बाद कोरियन नागरिक कि कंपनी ने प्लॉट पर निर्माण कार्य के लिए नक्शा आदि के लिए प्राधिकरण में आवेदन किया।

कोरियन नागरिक ने कोर्ट से मांगी मदद: आवेदन करने पर पता चला कि इस प्लॉट पर प्राधिकरण का करीब 36 लाख रुपया पुराना बकाया है। कोरियन नागरिक ने इस संबंध में ओगान कंपनी की डायरेक्टर कविता भरतीया से संपर्क किया तो उन्होंने पैसा देने से मना कर दिया। इसके बाद कोरियन नागरिक ने पुलिस से संपर्क किया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। मजबूरन कोरियन नागरिक ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज: कोर्ट के आदेश पर अब इस मामले में नॉलेज पार्क थाना पुलिस ने कंपनी की डायरेक्टर कविता भरतीया और ताकेश माथुर के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू कर दी है।

प्राधिकरण के अफसरों तक पहुंचा मामला: इस मामले में कोरियन नागरिक के अधिवक्ता एमके राणा ने बताया कि विदेशी नागरिक पिछले काफी दिनों से न्याय के लिए भटक रहा है, लेकिन पुलिस द्वारा कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। इस मामले में प्राधिकरण की लापरवाही भी सामने आई है। पीड़ित पक्ष द्वारा इस संबंध में प्राधिकरण के अधिकारियों से भी शिकायत की गई है।

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