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नेताओं के प्रवास के कार्यक्रम तय किए गए हैं।
विदेश मंत्री | एस जयशंकर इस बार दिल्ली की किसी भी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि यह बात अलग है उनके राज्यसभा का कार्यकाल अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों के एक साल बाद तक का बचा हुआ है। लेकिन जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को दिल्ली में जनता के बीच में उतारकर महा जनसंपर्क अभियान में जिम्मेदारी दी है उससे सियासी गलियारों में तो यही कयास लगाए जाने लगे हैं। वहीं भारतीय जनता पार्टी के सूत्रों के मुताबिक इस बार लोकसभा के चुनाव में दिल्ली की लोकसभा सीटों में से कुछ पर प्रत्याशी बदले जाने की भी चर्चा हो रही है।
ऐसे में अनुमान लगाया लगाया जा रहा है कि एस जयशंकर को सियासी मैदान में जनता के बीच चुनाव लड़ने के लिए दिल्ली की किसी प्रमुख लोकसभा सीट से उतारा जा सकता है।मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने पर भारतीय जनता पार्टी ने जन जागरण अभियान शुरू किया है। 30 जून तक चलने वाले इस जनजागरण अभियान में देश के अलग-अलग शहरों महानगरों गांव नगर और तहसीलों में बड़े नेताओं के प्रवास के कार्यक्रम तय किए गए हैं। इसी कड़ी में विदेश मंत्री एस जयशंकर को दिल्ली में जनजागरण अभियान के दौरान जनता के बीच में उतारा गया है। पार्टी की नीति के मुताबिक एस जयशंकर केंद्र सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए न सिर्फ लोगों से मुलाकात कर रहे हैं बल्कि उनके बीच जाकर मोदी सरकार के किए गए कामों के बारे में चर्चा भी कर रहे हैं।
सियासी जानकार भी मानते हैं कि विदेश मंत्री एस जयशंकर को पहली दफा जनता के बीच में सीधे तौर पर डोर टू डोर अभियान के लिए मैदान में उतारा गया है। राजनीतिक विश्लेषक ओम द्विवेदी कहते हैं कि अभी तक विदेश मंत्री जनता से रूबरू तो होते थे लेकिन उसका ज्यादातर दायरा वही होता था जो विदेशी मामलों से जुड़ा हुआ हो। उनका मानना है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर जब दिल्ली के गली मोहल्लों में लोगों से विदेश की बजाय उनकी अपनी जरूरत की समस्याओं को सुन रहे हैं तो सियासत के गलियारों में चर्चाएं होना लाजमी भी हैं।
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