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एक्सपर्ट ने किया दावा: संपर्क में आने से फैल सकता है मंकीपॉक्स
दिल्ली न्यूज़: मंकीपॉक्स के दो मामले आने के बाद देश में इसके फैलने की संभावना और बढ़ गई है। डॉक्टरों का कहना है कि मंकीपॉक्स डीएनए वायरस है और यह समय पर इलाज न होने पर जानलेवा भी हो सकता है। हालांकि यह वायरस हवा में नहीं फैलता है, लेकिन संपर्क में आने से यह वायरस एक से दूसरे में जा सकता है। डॉक्टरों का कहना है कि अब तक 75 देशों में यह पहुंच चुका है, लेकिन 90 प्रतिशत समलैंगिक लोगों में ही यह संक्रमण मिला है। एम्स के पूर्व डायरेक्टर डॉक्टर एम.सी. मिश्रा ने कहा कि अब तक मंकीपॉक्स 75 देशों में पहुंच चुका है। अगर 100 मरीज की बात करें तो इसमें से 90 से ज्यादा मरीजों में वायरस का संक्रमण समलैंगिक वालों में देखा गया है। इसलिए, जिन लोगों में इसका संक्रमण हो, उन्हें दूसरों से दूरी बनाकर रहना चाहिए और खुद को आइसोलेट करना चाहिए। एलएनजेपी के मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर सुरेश कुमार ने कहा कि यह डीएनए वायरस है और ज्यादातर समलैंगिक लोगों को यह संक्रमण हो रहा है। उन्होंने कहा कि दरअसल यह वायरस हवा में नहीं फैलता है, लेकिन मरीज के संपर्क में आने से, उसके ड्रॉपलेट्स से और सेक्स की वजह से एक से दूसरे में जा सकता है। इसके अलावा मरीज के शरीर में बने रैश के पस, यूरिन के संपर्क से भी यह हो सकता है। इसलिए, इस वायरस से बचाव के लिए जरूरी है कि जो संक्रमित हैं उन्हें आइसोलेट कर दिया जाए और बाकी लोगों को उससे दूर रखा जाए।
डॉक्टर सुरेश कुमार ने कहा कि इसके टेस्ट का तरीका काफी अलग है। इसका भी आरटीपीसीआर टेस्ट करना होता है। लेकिन सैंपल लेने का तरीका अगल है। कोविड में वायरस की पहचान के लिए नाक सा गले का स्वैब लेते हैं, लेकिन इसमें मरीज के शरीर में बने रैश के अंदर का पानी निकालते हैं और उसकी पीसीआर जांच की जाती है। जिस प्रकार कोविड आरएनए वायरस है, उसी तरह यह डीएनए वायरस है। इस बीमारी की पहचान के लिए क्लीनिकल और डायग्नोस्टिक जांच दोनों जरूरी है। क्लीनिकल में यह देखा जाता है कि मरीज को फीवर के अलावा रैश या अन्य क्या क्या दिक्कत हैं। इसके अलावा लैब में इसका पीसीआर जांच में डीएनए का मिलान किया जाता है, अगर मिल जाता है तो मंकीपॉक्स की पुष्टि हो जाती है। डॉक्टर सुरेश ने कहा कि अभी तक राहत की बात है कि दिल्ली में एक भी मरीज नहीं मिला है। लेकिन अस्पताल में इसको लेकर तैयारी चल रही है। वार्ड बनाया जा रहा है और स्टाफ को ट्रेनिंग की तैयारी चल रही है। उन्होंने कहा कि अभी देश में एनआईवी पुणे में ही इसकी जांच हो रही है, लेकिन इसके अलावा 15 अन्य लैब को इसके लिए तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस मामले में संदिग्ध और संक्रमित दोनों प्रकार के मरीज मिलेंगे, इसके अनुसार ही तैयारी की जा रही है।