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दिल्ली सरकार की आबकारी नीति विवादों में आई, निजी कंपनियों ने नौ जोन में शराब की बिक्री का काम छोड़ा

Admin Delhi 1
23 July 2022 5:24 AM GMT
दिल्ली सरकार की आबकारी नीति विवादों में आई, निजी कंपनियों ने नौ जोन में शराब की बिक्री का काम छोड़ा
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दिल्ली न्यूज़: उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना द्वारा सीबीआई जांच की सिफारिश करने से दिल्ली सरकार की आबकारी नीति विवादों में आ गई है। मगर हम इस विवाद को अलग कर दें तो यह स्पष्ट तौर पर सामने आ रहा है कि जिस उत्साह के साथ दिल्ली सरकार इस नीति को लेकर उतरी थी, वह उत्साह अब कायम नहीं रह सका है। कारण चाहें जो भी हों, मगर निजी कंपनियां शराब ब्रिकी के 9 जोन छोड़ गई हैं। इस समय शराब बिक्री के ये जोन बंद हैं, इनके स्थान पर नई दुकानें अभी तक नहीं खोली जा सकी हैं। नई आबकारी नीति से प्रतिमाह जिस दर से राजस्व की उम्मीद थी, उतना राजस्व नहीं आ सका है। शराब के कारोबार से जुड़े शराब दुकानदार एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेश गोयल कहते हैं कि नौ जोन बंद हैं, उससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है और जनता को भी परेशानी हो रही है। सरकार को इन जोन की दुकानें शुरू कर देनी चाहिए।

स्थिति पर गौर करें तो नई आबकारी नीति के तहत दिल्ली में शराब बिक्री से वित्त वर्ष 2021-22 में आबकारी राजस्व 10 हजार करोड़ के करीब पहुंचने की उम्मीद थी। इसके लिए 32 जोन बनाए गए थे। शुरुआती दौर में आबकारी विभाग ने कुल 32 जोन में से 20 जोन का आवंटन कर करीब 5300 करोड़ रुपए जमा किए थे। नई दिल्ली जोन के लिए भी महंगी बोली लगी थी, इस जोन के लिए आरक्षित 221 करोड़ की जगह बोली 315 करोड़ रुपए पर छूटी थी। बचे हुए 12 जोन भी अच्छी बोली पर बिके थे। यहां तक कि इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की 10 दुकानों के लिए बोली निर्धारित राशि से 100 करोड़ अधिक में छूटी। मगर जिस कंपनी को काम मिला था, वह कंपनी अपनी एक भी दुकान नहीं खोल सकी। हैदराबाद की इस कंपनी ने अपने हाथ पीछे खींच लिए। बाद में दूसरी कंपनी को टेंडर की शर्तों पर काम दिया गया। बता दें कि नई आबकारी नीति आबकारी विभाग की विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों पर आधारित है। जिसमें बाद में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में मंत्रियों के एक समूह ने इस पर एक रिपोर्ट दी। दिल्ली मंत्रिमंडल ने इस साल 22 मार्च 2021 को अपनी बैठक में आबकारी विभाग को मंत्रियों के समूह (जीओएम) की रिपोर्ट को लागू करने और उसके अनुसार वर्ष 2021-22 के लिए आबकारी नीति तैयार करने का निर्देश दिया था।

विशेषज्ञ समिति ने इन बिंदुओं पर दिया था सुझाव:

शराब उत्पाद शुल्क राजस्व को संवर्धित करना

शराब मूल्य निर्धारण तंत्र को सरल बनाना

आबकारी कर की चोरी को रोकने के उपाय

शराब की आपूर्ति का न्यायसंगत उपयोग सुनिश्चित करना

दिल्ली के बदलते स्वरूप के अनुकूल शराब के व्यापार के प्रकृति को बदलने के उपाय तय करना

नई आबकारी नीति के प्रमुख बिंदु:

दिल्ली सरकार ने नवंबर 2021 से दिल्ली में शराब की बिक्री का काम पूरी तरह निजी हाथों में दे दिया था।

दिल्ली भर के लिए बनाए गए 32 जोन को बेचने के निकाले गए टेंडर का कुल रिजर्व प्राइस 7039 करोड़ रखा गया था। जबकि सभी जोन मिलाकर 8917 करोड़ में बिके।

सभी बोली ऑनलाइन लगाई गई थीं, पहली बार 20 जोन बिके थे, दूसरी बार किए गए टेंडर में 12 जोन बिक गए।

यूनिवर्सल कंपनी ने दो जोन खरीदे थे, जिसमें से उसने जोन नंबर 19 को 225 करोड़ की बोली पर 313 करोड़ में खरीदा था, जबकि दूसरा जोन नंबर 29 को 225 करोड़ की बोली पर 301 करोड़ में खरीदा।

सबसे ऊंची बोली वाली कंपनियों में चेनमीट लीजिंग से 223 करोड़ की बोली पर 357 करोड़ में जोन नंबर 28 खरीदा था।

एक-एक जोन के लिए 10-10 कंपनियों ने बोली लगाई थी।

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