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न मिला यौन संबंधों का सुबूत, मरीजों में नहीं मिली ट्रैवल हिस्ट्री
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न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
इतना ही नहीं, मंकीपॉक्स संक्रमण के प्रसार को लेकर समलैंगिकों के बीच यौन संबंधों को एक मुख्य कारण माना जा रहा है लेकिन दिल्ली के सभी मरीजों ने संक्रमित होने से करीब महीने भर पहले तक समलैंगिक संबंध से साफ इन्कार किया है।
दिल्ली में अब तक मंकीपॉक्स संक्रमित मिले मरीजों को लेकर वैज्ञानिकों ने पुष्टि की है कि इनमें से कोई भी व्यक्ति संक्रमित होने से पहले विदेश यात्रा पर नहीं था। इतना ही नहीं, मंकीपॉक्स संक्रमण के प्रसार को लेकर समलैंगिकों के बीच यौन संबंधों को एक मुख्य कारण माना जा रहा है लेकिन दिल्ली के सभी मरीजों ने संक्रमित होने से करीब महीने भर पहले तक समलैंगिक संबंध से साफ इन्कार किया है।
दूसरी तरफ इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर)-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी), पुणे द्वारा किए गए प्रारंभिक अध्ययन में कहा गया है कि दिल्ली से रिपोर्ट किए गए पांच मंकीपॉक्स मामलों में से तीन में विषमलैंगिक संपर्क का इतिहास था।
दिल्ली स्थित लोकनायक, एम्स, आईसीएमआर व पुणे स्थित एनआईवी के वैज्ञानिकों ने मिलकर देश के 10 मंकीपॉक्स संक्रमित मरीजों पर अध्ययन पूरा किया है। इनमें से पांच मरीज केरल और अन्य पांच दिल्ली में मिले थे। केरल में जिन पांच मरीजों की पहचान हुई, वे सभी विदेश यात्रा से लौटकर आए थे और वापस आने पर तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें भर्ती किया गया। इनमें से एक युवक की मौत भी हुई थी लेकिन दिल्ली के सभी पांच मरीजों को लक्षण मिलने के बाद लोकनायक अस्पताल में दाखिल कराया गया।
संक्रमित मरीज डर, कलंक, चिंता तनाव और अवसाद से पीड़ित
पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) की निदेशक डॉ. प्रिया अब्राहम ने कहा, 'हमारे अध्ययन में यह साफ पता चलता है कि मंकीपॉक्स के मरीज डर, कलंक, चिंता, तनाव और अवसाद से पीड़ित हैं। इसे यौन संबंधों के साथ जोड़ा जा रहा है जिसे लेकर मरीजों में काफी तनाव की स्थिति है। इन रोगियों को अस्पताल में भर्ती करने के बाद सही परामर्श की आवश्यकता है।
बृहस्पतिवार को लोकनायक में भर्ती मंकीपॉक्स के एक मरीज को स्वस्थ होने पर अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। वहीं एक अन्य की रिपोर्ट निगेटिव आई है।
निगरानी की आवश्यकता
नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के वरिष्ठ डॉ. ललित धर ने कहा, 'यह भी मुमकिन है कि समुदाय में बगैर ट्रैवल हिस्ट्री वाले भी मंकीपॉक्स संक्रमित मिल सकते हैं। इसके लिए समलैंगिक यौन संबंध भी वजह नहीं है। इसलिए हमें निगरानी की आवश्यकता है।
तौर तरीके सीखना जरूरी
मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के डॉ. बीएल साहू ने कहा, 'मरीजों से बातचीत के बाद समझ आया है कि जनता के साथ स्वास्थ्य कर्मियों में भी संक्रमण को लेकर जागरूकता की आवश्यकता है। इस बीमारी के नए नए लक्षण, दुष्प्रभाव और उपचार के अलावा खुद का बचाव करने के तौर तरीके सीखना बहुत जरूरी है।
बफर जोन बनाने से नियंत्रण में होगा संक्रमण
डॉ. प्रिया अब्राहम ने कहा, 'हमें जल्द से जल्द मंकीपॉक्स के अलावा उनके आसपास के लोगों की निगरानी रखना भी करनी चाहिए। साथ ही एक बफर जोन बनाते हुए वहां मौजूद किसी भी संदिग्ध रोगी को निगरानी से बाहर नहीं रखना है। ऐसा करने से संक्रमण स्रोत हमारे नियंत्रण में रहेगा।
न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला