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हर महीने एक कलाकार स्कूल का करेंगे दौरा, सप्ताह में अब चित्रकला और लोकनृत्य की होगी दो क्लास
न्यूज़क्रेडिट; अमरउजाला
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत भारतीय ज्ञान प्रणाली की नई पहल। हर महीने एक कलाकार स्कूल का दौरा करेंगे। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत स्कूली छात्रों को भारत की सांस्कृतिक विरासत और पांरपरिक खेलों से जोड़ने का फैसला लिया है।
स्कूली छात्र अब पढ़ाई के साथ-साथ भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी जानेंगे और सीखेंगे। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति(एनईपी) के तहत स्कूली छात्रों को भारत की सांस्कृतिक विरासत और पांरपरिक खेलों से जोड़ने का फैसला लिया है। भारतीय ज्ञान प्रणाली (इंडियन नालेज सिस्टम) ने इसका पूरा खाका तैयार किया है।
इसमें छात्र को भारत की चित्रकला, लोकनृत्य, लोककला शैली आदि के बारे सीखने का मौका मिलेगा। इसके अलावा हफ्ते में एक से दो क्लास अब चित्रकला, लोकनृत्य, लोककला शैली की होगी।इसके लिए बाकायदा हर महीने एक स्थानीय कलाकार स्कूल का दौरा करेंगे।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने संयुक्त रूप से कलाशाला योजना शुरू की है। इसके तहत साढ़े सात सौ स्कूल इसमें सहयोग कर रहे हैं। इसका मकसद लोकल आर्ट को प्रमोट करना है, ताकि छात्र भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरातस को जान सकें। इसके अलावा छात्रों को प्राचीन और पांरपरिक खेलों से जोड़ना है। खेलों से जोड़ने के लिए पांरपरिक स्थानीय व मौसमी 101 खेलों की सूची तैयार की गई है।
वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, स्कूली छात्रों को कलाशाला में भारत के विभिन्न कलाओं से जोड़ना है। इसके तहत हफ्ते में एक से दो क्लास में छात्रों को स्थानीय कलाओं की जानकारी मिलेगी।बाकायदा हर महीने स्थानीय कलाकार स्कूलों में आकर छात्रों से रूबरू होंगे। उन कलाओं के बारे में जानकारी देंगे।
कंचे, गिल्ली डंडा, पौशम पा खेल भी होगा
देशभर के राज्यों में पांरपरिक खेल होते हैं, जोकि मौसम पर आधारित होते हैं। इन्हीं से 101 खेलों को चयनित किया गया है। इसमें गिल्ली डंडा, राजा मंत्री चोर सिपाही, पोशम पा, यूबी लक्पी, कब्बडी, कंचे, लंगड़ी (हॉप्सकॉच), भाला फेंक, पतंग उदयन (पतंग उड़ाना), सीता उद्धर (कैदी का आधार), मर्दानी खेल (मार्शल आर्ट का रूप), विश अमृत आदि प्रमुख है।
शारीरिक प्रशिक्षण (पीटी) शिक्षकों के माध्यम से स्कूलों में मौसम के अनुसार उपयुक्त भारतीय खेल शुरू किये जाएंगे। पीटी शिक्षक खेलों की तस्वीरें और लघु वीडियो अपलोड करेंगे। सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले स्कूलों और पीटी शिक्षकों को प्रमाण पत्र के साथ मान्यता दी जाएगी।