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इंग्लैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल, एकेडेमिक कोलाब्रेशन के लिए पहुंची जामिया मिलिया इस्लामिया
Rani Sahu
23 Nov 2022 3:16 PM GMT
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नई दिल्ली, (आईएएनएस)| यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल, यूके के एक प्रतिनिधिमंडल ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया के फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी का दौरा किया है। ब्रिटिश यूनिवर्सिटी की इस विजिट का उद्देश्य दोनों संस्थानों के बीच एकेडेमिक और रिसर्च सहयोग की संभावनाएं तलाशना है। ब्रिटेन और भारत के यह प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय अर्थक्वेक (भूकंप) इंजीनियरिंग, मेटेरियल्स, सस्टेनेबिलिटी एंड एनवायरनमेंट, कम्युनिकेशंस जैसे विषयों पर साथ आ सकते हैं।
फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, जेएमआई की डीन, प्रोफेसर मिनी शाजी थॉमस का कहना है कि उन्होंने इस कदम के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल, यूके की इंजीनियरिंग फैकल्टी के डीन प्रो. इयान बॉन्ड, के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया है।
ब्रिटिश यूनिवर्सिटी के जामिया मिलिया इस्लामिया में पहुंचने पर प्रोफेसर थॉमस उनको विश्वविद्यालय के रिसर्च प्रोफाइल के बारे में विस्तार से बताया। इसके बाद यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल, यूके के रिसर्च हाइलाइट्स पर पर चर्चा की गई। बातचीत का मुख्य उद्देश्य उन क्षेत्रों की पहचान करना था जिनमें दोनों विश्वविद्यालय एक दूसरे के साथ अनुसंधान सहयोग कर सकते हैं। यह कॉमन एरिया - अर्थक्वेक इंजीनियरिंग, मेटेरियल्स, सस्टेनेबिलिटी एंड एनवायरनमेंट, कम्युनिकेशंस आदि हैं।
ब्रिटिश प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य प्रोफेसर चार्ल फॉल, फैकल्टी इंटरनेशनल डायरेक्टर, फैकल्टी ऑफ साइंस, यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल, यूके, ने पर्यावरण विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित 'मेटेरियल्स केमिस्ट्री अगेंस्ट क्लाइमेट चेंज-यूजिंग केमिस्ट्री फॉर गुड' पर जामिया में एक लेक्च र भी दिया। फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, जामिया में इस टॉक में बड़ी संख्या में स्कॉलर्स, छात्र और जामिया के विभिन्न विभागों के फैकल्टी प्रमुख शामिल हुए।
प्रोफेसर चार्ल फॉल का व्याख्यान मेटेरियल्स केमिस्ट्री पर उनके शोध पर केंद्रित था। इन मेटेरियल्स के पर्यावरण विज्ञान से लेकर विविध क्षेत्रों में अनुप्रयोग हैं जहां इसका उपयोग सीओ2 कैप्चर और जलवायु परिवर्तन के विरुद्ध मदद के लिए किया जा सकता है। इसका उपयोग लिथियम-आयन बैटरी को बदलने और एफ्फलुएंट ट्रीटमेंट में किया जा सकता है।
उन्होंने हैनसेन सोलुबिलिटी पैरामीटर्स के बारे में विस्तार से बताया और बताया कि कैसे वह और उनकी टीम एक टूलकिट का उपयोग करते हैं जो विशेष प्रतिक्रियाओं के लिए मापदंडों की गणना कर सकती है। प्रो. फॉल ने अपनी टीम द्वारा आगे उठाए जाने वाले कदमों बारे में बात करते हुए अपना व्याख्यान समाप्त किया। व्याख्यान के बाद एक गहन प्रश्नोत्तर सत्र का आयोजन किया गया।
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