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आधुनिक उड्डयन में प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल पर जोर देना बेहद ज़रूरी: वायुसेना प्रमुख
दिल्ली: वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा है कि आधुनिक विमानन में प्रौद्योगिकी की तेजी ने नई चुनौतियों को जन्म दिया है। सबसे बड़ी चुनौती मानव मस्तिष्क को इन नई तकनीकों के लिए तेजी और व्यापक रूप से तैयार करना है। उन्होंने कहा कि भारतीय वायु सेना ने आधुनिक पीढ़ी के विमान और उच्च तकनीक वाले उपकरण शामिल किए हैं और साथ ही पुराने उपकरणों का भी संचालन जारी रखेगी। एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी मंगलवार को दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय एयरोस्पेस सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आधुनिक विमानन में प्रौद्योगिकी के तेजी से समावेश ने नई चुनौतियों को जन्म दिया है। सबसे बड़ी चुनौती मानव मस्तिष्क को इन नई तकनीकों के लिए तेजी से और व्यापक रूप से अनुकूलित करने के लिए तैयार करना है। उन्होंने कहा कि भारतीय वायु सेना ने आधुनिक पीढ़ी के विमान और उच्च तकनीक वाले उपकरण शामिल किए हैं और साथ ही पुराने उपकरणों का संचालन जारी रखेगी। वीआर चौधरी ने पुरानी और नई तकनीक को मिश्रित करने पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
भारतीय वायुसेना प्रमुख वीआर चौधरी ने आधुनिक उड्डयन में प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल पर जोर देते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी एक दोधारी हथियार हो सकती है। यह एक ओर मानव कार्यभार को कम करता है लेकिन यह दूसरी ओर अधिक त्रुटियों को उत्पन्न करने में संभावित रूप से सक्षम हो सकता है। बोइंग 737 मैक्स की हालिया दुर्घटनाओं ने इस बात को काफी हद तक साबित कर दिया है। उन्होंने कहा कि अपनी स्थापना के बाद से भारतीय वायुसेना ने अपने कामकाज में फ्लाइट सुरक्षा केंद्रित दृष्टिकोण अपनाया है। हमारी संगठन संस्कृति अपने मूल्यों में लिपटी हुई है, जो सुरक्षा संस्कृति को बढ़ावा देती है। आज भारतीय वायुसेना के कामकाज के सभी पहलू सुरक्षा के दायरे में हैं।