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इलेक्ट्रिक गाड़ियों का बहुत जल्द दिल्ली की सड़कों पर होगा राज, जानिए पूरी खबर
दिल्ली ब्रेकिंग न्यूज़: दिल्ली में पिछले साल जून में केवल 944 इलेक्ट्रिक गाड़ियां रजिस्टर्ड हुई थीं, जिनमें 206 बाइक/स्कूटर और 143 प्राइवेट इलेक्ट्रिक कारें शामिल थीं। मगर पिछले एक साल के दौरान दिल्ली सरकार की इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी के प्रचार प्रसार और इलेक्ट्रिक गाड़ियों के प्रति लोगों के बढ़ते रुझान के चलते इस साल जून में इलेक्ट्रिक गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन में 5 गुना की बढ़ोतरी देखी गई है। पिछले महीने दिल्ली में कुल 4,455 ई-वीकल्स रजिस्टर्ड हुए, जिनमें 2,754 इलेक्ट्रिक स्कूटर और बाइक्स थे, जबकि 207 प्राइवेट कारें थीं। ई-रिक्शा, ई-कार्ट, इलेक्ट्रिक बस, इलेक्ट्रिक ऑटो, ई-कैब जैसे वाहन भी पिछले साल के मुकाबले अधिक संख्या में रजिस्टर्ड हुए हैं, जिसे एक अच्छा संकेत माना जा रहा है।
दिल्ली में इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी लागू होने के बाद से इलेक्ट्रिक गाड़ियों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। खासतौर से प्राइवेट इलेक्ट्रिक कार और टू वीलर्स इस्तेमाल करने वालों की तादाद तेजी से बढ़ी है। जनवरी 2006 से लेकर अब तक 1.55 लाख इलेक्ट्रिक गाड़ियां बिकी हैं, जिनमें से 56 हजार गाड़ियां पिछले दो सालों के दौरान ही बिकी हैं और यह संख्या तेजी से बढ़ रही है। दिल्ली सरकार सार्वजनिक परिवहन के ढांचे में भी बड़े बदलाव करने में जुटी हुई है। ऐसे में वह दिन दूर नहीं, जब आपको बड़ी तादाद में सड़कों पर ऐसी गाड़ियां चलती दिखेंगी, जो ना शोर करेंगी, ना धुआं छोड़ेंगी। दिल्ली को इलेक्ट्रिक गाड़ियों की राजधानी बनाने और इसके माध्यम से वायु और ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए भी दिल्ली सरकार तेजी से काम कर रही है, ताकि दो साल पहले लागू हुई इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी केवल कागजों तक सीमित ना रहे, बल्कि जमीनी स्तर पर भी प्रभावी तरीके से लागू हो। सरकार का लक्ष्य है कि 2024 तक दिल्ली में रजिस्टर्ड होने वाली हर 4 में से एक गाड़ी इलेक्ट्रिक व्हीकल हो। इसके लिए एक तरफ सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर सब्सिडी दे रही है, तो दूसरी तरफ बड़े पैमाने पर चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर भी तैयार करवा रही है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का सपना है कि दिल्ली इलेक्ट्रिक गाड़ियों की राजधानी बने। इसके लिए हम दिन-रात काम कर रहे हैं। यूरोप में भी इतने बड़े पैमाने पर काम नहीं हो रहा है, जितना दिल्ली में हो रहा है। खासकर नई इलेक्ट्रिक बसें लाने के लिए हम तेजी से काम कर रहे हैं। इसके लिए सरकार बड़े पैमाने पर निवेश भी कर रही है। 500 करोड़ से अधिक से प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है और करीब 250-300 करोड़ का निवेश किया जा चुका है। हम तमाम विभागों से तालमेल बनाकर काम कर रहे हैं। जल्द ही दिल्ली की सड़कों पर बदलाव साफतौर से नजर आने लगेगा।
2024 तक 10 हजार इलेक्ट्रिक बसें: सबसे बड़ा बदलाव सार्वजनिक बसों के बेड़े को इलेक्ट्रिक बसों के रूप में कन्वर्ट करके किया जा रहा है। इसकी शुरुआत इसी साल मई में 150 इलेक्ट्रिक बसों को सड़कों पर उतारकर की जा चुकी है। इस साल के अंत तक इनकी तादाद बढ़कर 300 से ज्यादा हो जाएगी। सरकार ने 1500 इलेक्ट्रिक बसें और खरीदने की मंजूरी दे दी है, जिनके लिए डिपो भी तैयार किए जा रहे हैं। मुंडेला कलां, रोहिणी सेक्टर-37 और राजघाट-2 डिपो में इलेक्ट्रिक बसों की चार्जिंग के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार हो चुका है। वहीं मंगलवार को हुई एक मीटिंग में 17 और डिपो के लिए डेडलाइंस तय कर दी गई है। इनमें से कुछ डिपो सितंबर तक तैयार हो जाएंगे और बाकी के अगले साल जून तक रेडी होंगे। इनमें से क्लस्टर बसों के लिए 4 डिपो डिम्ट्स के द्वारा तैयार किए जा रहे हैं, जबकि 13 डिपो डीटीसी बसों के लिए बनवाए जा रहे हैं। इस पूरे इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेपलमेंट पर सरकार 485.86 करोड़ रुपए खर्च कर रही है। अगले चरण के लिए 35 और डिपो तैयार करने की प्रक्रिया भी अभी से शुरू कर दी गई है। सरकार 2024-25 तक डीटीसी और क्लस्टर बसों का पूरा बेड़ा ही इलेक्ट्रिक बसों के रूप में कन्वर्ट करने की तैयारी कर रही है, इसलिए 10 हजार से अधिक बसों के हिसाब से इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है।
प्राइवेट गाड़ियों के लिए भी हो रही तैयारी: चूंकि अब दिल्ली में प्राइवेट इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की तादाद भी तेजी से बढ़ रही है, इसे देखते हुए सरकार केवल बसों के लिए ही नहीं, बल्कि प्राइवेट गाड़ियों की चार्जिंग के लिए भी इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करवा रही है। ईवी पॉलिसी में तो लोगों को अपने घरों में और हाउसिंग सोसायटी में चार्जिंग पॉइंट्स लगवाने तक की छूट दे दी गई है। सात जगहों पर प्राइेवट चार्जिंग स्टेशंस भी बनाकर तैयार हो गए हैं। जल्द ही सीएम इनका उद्घाटन करने वाले हैं। ये चार्जिंग स्टेशंस द्वारका सेक्टर-8, द्वारका सेक्टर-2, महरौली, कालकाजी, सुखदेव विहार, नेहरू प्लेस और ओखला में बनाए गए हैं। इन सभी स्टेशंस पर 3 से 4 चार्जिंग पॉइंट्स लगे होंगे, जहां जाकर लोग अपनी इलेक्ट्रिक गाड़ियों को चार्ज करवा सकेंगे। इसके अलावा 100 और साइट्स पर चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करवाने के लिए टेंडर जारी हो गया है। दिल्ली में अभी सरकारी और प्राइवेट, सब मिलाकर 812 चार्जिंग पॉइंट्स हैं। जल्द ही इनकी संख्या 2 हजार से अधिक हो जाएगी।
दिल्ली में रजिस्टर्ड इलेक्ट्रिक गाड़ियों की तादाद (7 अगस्त 2020 से 30 जून 2022 तक):
ई-रिक्शा पैसेंजर – 19,814
ई-रिक्शा कमर्शल – 5991
बाइक/स्कूटर – 23,140
कैब – 1626
प्राइवेट कारें – 3022
गुड्स ऑटो – 2727
पैसेंजर ऑटो – 279
बस – 256
अन्य इलेक्ट्रिक गाड़ियां – 312
टोटल – 56,888
दिल्ली में चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर:
चार्जिंग स्टेशंस – 573
चार्जिंग पॉइंट्स – 812
बैटरी स्वैपिंग स्टेशंस – 31