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'कोयला खान पर्यटन' को बढ़ावा देने के लिए देश में आठ इको-पार्क

Shantanu Roy
30 Dec 2022 4:20 PM GMT
कोयला खान पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए देश में आठ इको-पार्क
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नई दिल्ली(आईएएनएस)| कोयला मंत्रालय ने 'खान पर्यटन' को बढ़ावा देने के लिए आठ इको-पार्क निर्मित किए है। खान पर्यटन यानी माइन टूरिज्म में लोगों की दिलचस्पी बढ़ाने के लिए वर्ष 2023 तक दो और ऐसे पार्क बनकर तैयार हो जायेंगे। कोयला मंत्रालय के मुताबिक पुनप्र्राप्त भूमि पर इको-पार्क विकसित करने और खान पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय के प्रयासों के तहत देश के विभिन्न हिस्सों में आठ इको-पार्क बनाए गए हैं। इन पार्कों में लोगों की रुचि को देखते हुए दो और पार्क बनाए जा रहे हैं। केंद्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने हाल ही में में डब्ल्यूसीएल के झुरे, बाल गंगाधर तिलक इको-पार्क का उद्घाटन किया था। खान-1और खान-2 में इको-पर्यटन को बढ़ावा देने और सतत खनन गतिविधियों को प्रदर्शित करने के लिए हाल ही में पांडिचेरी पर्यटन विकास निगम (पीटीडीसी) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी किए गए हैं। सिंगरौली इको-पर्यटन स*++++++++++++++++++++++++++++र*ट को प्रोत्साहन देने के लिए एनसीएल और मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड के बीच एमओयू और डब्ल्यूसीएल द्वारा महाराष्ट्र के पर्यटन निदेशालय के साथ एक अन्य एमओयू भी कोयला क्षेत्र में इको-पर्यटन को बढ़ावा देंगे।
वहीं सतत विकास और हरित पहल के अनुरूप कोयला, लिग्नाइट पीएसयू ने इस वर्ष जनवरी से नवंबर तक 2300 हेक्टेयर भूमि पर लगभग 47 लाख पौधे लगाए हैं। वहीं कोकिंग कोल उत्पादन को और बढ़ाने के लिए, कोयला मंत्रालय ने चार कोकिंग कोल ब्लॉकों की पहचान की है। इसके साथ ही सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट (सीएमपीडीआई) आने वाले महीनों में 4 से 6 नए कोकिंग कोल ब्लॉकों के लिए भूवैज्ञानिक रिपोर्ट (जीआर) को भी अंतिम रूप प्रदान करेगा। घरेलू कच्चे कोकिंग कोयले की आपूर्ति को और बढ़ाने के लिए निजी क्षेत्र के लिए बाद के दौर में की जाने वाली नीलामी में इन ब्लॉकों की पेशकश की जा सकती है। कोयला मंत्रालय द्वारा आत्मनिर्भर भारत के तहत किए जा रहे इन उपायों से, घरेलू कच्चे कोकिंग कोल का उत्पादन 2030 तक 140 मिलियन टन (एमटी) तक पहुंच जाने की संभावना है। कोयला मंत्रालय ने बताया कि कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने मौजूदा खानों से कच्चे कोकिंग कोल के उत्पादन को 26 मीट्रिक टन तक बढ़ाने की योजना बनाई है। वित्त वर्ष 2025 तक लगभग 22 मीट्रिक टन की पीक रेट क्षमता (पीआरसी) के साथ नौ नई खदानों की पहचान की है। इसके अलावा, सीआईएल ने बंद पड़ी कुल 30 खदानों में से आठ बंद पड़े कोकिंग कोल खदानों की पेशकश की है, जो 2 एमटी पीआरसी के साथ निजी क्षेत्र को राजस्व साझा करने के एक अभिनव मॉडल पर आधारित है।
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