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मिस्र का 120 सदस्यीय मार्चिंग दल कर्तव्य पथ पर परेड का हिस्सा बनेगा, मिस्र के राष्ट्रपति भी समारोह में होंगे शामिल

Rani Sahu
21 Jan 2023 3:30 PM GMT
मिस्र का 120 सदस्यीय मार्चिंग दल कर्तव्य पथ पर परेड का हिस्सा बनेगा, मिस्र के राष्ट्रपति भी समारोह में होंगे शामिल
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नई दिल्ली (आईएएनएस)| 26 जनवरी को दिल्ली के कर्तव्य पथ पर होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह में मिस्र का 120 सदस्य माचिर्ंग दल भी कर्तव्य पद पर परेड करता दिखाई देगा। इसके अलावा गणतंत्र दिवस समारोह में मिस्र के राष्ट्रपति भी भाग लेने भारत आएंगे। दूसरी ओर आईएल 38 विमान पहली बार गणतंत्र दिवस परेड का हिस्सा होगा। आपको बता दें कि सितंबर 2022 में पुननिर्मित सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के उद्घाटन के दौरान जिस स्थल को पहले राजपथ कहा जाता था। उसका नाम बदलकर कर्तव्य पथ कर दिया गया था। राजपथ का नाम कर्तव्य पथ होने के बाद यह पहली परेड है, जो कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस के दिन आयोजित हो रही है। कर्तव्य पथ पर आयोजित होने वाली परेड में बहुत सारी विशेष बातें देखने को मिलेंगी, जैसे मिस्र देश का 120 सदस्य माचिर्ंग दल भी कर्तव्य पद पर परेड करेगा और मिस्र के राष्ट्रपति भी गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेंगे।
आईएल-38 विमान पहली बार गणतंत्र दिवस परेड का हिस्सा बनेगा। और इस समारोह में कुल 50 विमान हिस्सा लेने वाले हैं। जो कर्तव्य पथ पर जांबाजी के साथ करतब दिखाने के लिए तैयार हैं। इस बार कर्तव्य पथ पर होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह में 42 हजार लोगों के शामिल होने की संभावना है।
गौरतलब है कि सरकार ने इस बार गणतंत्र दिवस समारोह में आम आदमी के प्रतिनिधित्व को बढ़ावा देने पर जोर दिया है। सूत्रों के अनुसार ऐसे श्रमजीवी लोग जिन्होंने सेंट्रल विस्ता बनाने में मदद की वह भी गणतंत्र दिवस की परेड में सबसे आगे पहली पंक्ति में बैठेंगे। इसके अलावा इस गणतंत्र दिवस को होने वाली परेड पर सब्जी वाले, रिक्शा वाले, ठेला वाले लोग सबसे आगे वाली पंक्ति में बैठेंगे। जबकि यह सबसे आगे वाली पंक्ति वीवीआईपी लोगों के लिए रिजर्व होती थी। केंद्र सरकार के द्वारा जिन श्रमिकों ने सेंट्रल विस्टा बनाने में मदद की वह और उनके परिवार कर्तव्य पथ का रखरखाव करने वाले कर्मचारी, छोटे किराना वाले, सब्जी वाले, ठेले वाले गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस की परेड को देखने के लिए सबसे आगे पहली पंक्ति में बैठेंगे। जानकारों के अनुसार केंद्र सरकार के इस फैसले का उद्देश्य गणतंत्र दिवस कार्यक्रमों में ज्यादा से ज्यादा श्रमजीवी और आम लोगों को शामिल करना है।
--आईएएनएस
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