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बैकफुट पर शिक्षा अधिकारी, स्कूलों को तिरंगा खरीदने का फरमान पड़ा भारी
न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
तिरंगा खरीद के लिए दान राशि जमा कराने की जोर-जबरदस्ती पर पूरे जिले में शिक्षा विभाग की जमकर आलोचना हुई। मामले को शांत करने के लिए जिला उपायुक्त को मधयस्तता करनी पड़ी।
राष्ट्र ध्वज तिरंगे को खरीदने के लिए दान राशि जमा कराने के आदेश देकर शिक्षा विभाग बुरा फंस गया। पहले विभाग ने निजी स्कूलों को तिरंगा खरीदने के लिए जबरन दान राशि जमा कराने के आदेश दिए। आदेशों की आलोचना हुई तो विभाग को आदेश निरस्त करने पड़े।
निजी स्कूल व राजनीतिक दल के विरोध के बाद आदेश वापस ले लिए गए। तिरंगा खरीद के लिए दान राशि जमा कराने की जोर-जबरदस्ती पर पूरे जिले में शिक्षा विभाग की जमकर आलोचना हुई। मामले को शांत करने के लिए जिला उपायुक्त को मधयस्तता करनी पड़ी। उन्होंने स्कूल एसोसिएशन को आश्वासन दिया कि यह ऐेच्छिक कार्य है। साथ ही विभाग को आदेश वापस लेने के निर्देश जारी करने के लिए कहा।
जिला शिक्षा विभाग ने हर घर तिरंगा अभियान के तहत स्कूलों को दस हजार रुपये की दान राशि जिला रेड क्रॉस के बैंक खाते में जमा करने के आदेश दिए। इसके लिए स्कूलवार राशि सुनिश्चित की गई। निजी स्कूलों ने आदेश का विरोध किया। इसके साथ ही आदेशों पर राजनीतिज्ञ भी सक्रिय हुए। आलोचना होने पर विभाग ने आदेश वापस लिए।
आदेश थे कि फरीदाबाद और बल्लभगढ़ खंड के स्कूलों को आजादी का अमृत महोत्सव मनाना है। इसके लिए झंडे खरीदने होंगे। इसके साथ ही दान स्वरूप राशि जिला रेडक्रॉस फंड में जमा करानी होगी। जिले के 11 स्कूलों से प्रति झंडा 25 रुपये के हिसाब से करीब आठ हजार झंडे खरीदने का टारगेट दिया गया। खरीद के बाद दो लाख रुपये की राशि रेडक्रॉस में जमा कराने के आदेश दिए गए। इसी तरह जिले के अलग-अलग स्कूलों को अलग-अलग टारगेट दिए गए। सीबीएसई और हरियाणा बोर्ड संबद्ध निजी स्कूलों को 400 झंडों के लिए एकमुश्त 10 हजार रुपये जमा कराने के आदेश दे दिए गए।
आदेश था कि झंडे की खरीदारी रेडक्रॉस से ही करें। इसके लिए एकमुश्त राशि जमा करें। वर्क ऑर्डर दें। स्कूल प्रबंधकों को कम विद्यार्थी होने के बावजूद एक जैसी खरीद के ऑर्डर टेंशन दे रहे थे। ऐसे में विरोध ने जोर पकड़ा। कांग्रेस से एनआईटी विधायक नीरज शर्मा ने मामले का खुलकर विरोध किया। साथ ही कहा कि झंड़ा खरीदने का कोई जबरन आदेश नहीं दिया जाना चाहिए। मुहिम व अभियान जागरूकता व इ्च्छाशक्ति के मुद्दे हैं। राजनीति या जबरजस्ती इसमें बर्दाश्त नहीं। उन्होंने घर-घर तिरंगा अभियान के लिए एक माह का विधायक वेतन इसके लिए दान किया है। साथ ही अन्य नेता व विधायकों से भी आगे आने की अपील की है।
हर घर तिरंगा अभियान जारी है। हर बच्चे को तिरंगा देने के मकसद से आदेश दिए गए। आदेशों की पालना पर विभागीय आदेश जारी किया गया। आदेश निरस्त करने के लिए कहा गया है। -डॉ. मुनेश चौधरी, जिला शिक्षा अधिकारी
तिरंगा खरीदने के लिए प्रशासन ने जिला शिक्षा विभाग को कोई आदेश नहीं दिए। यह ऐच्छिक कार्य है। सभी स्वतंत्र है। स्कूल की सभी एसोसिएशन को आश्वासन दे दिया गया है। शिक्षा विभाग ने आदेश भी वापस ले लिए हैं|