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नई दिल्ली : पंजाब के शिक्षा विभाग का प्रतिनिधिमंडल दिल्ली के दो दिवसीय दौरे पर आए हैं. इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों का दौरा किया. वे दिल्ली में होने वाले हैपीनेस उत्सव में भाग लेंगे.पंजाब के प्रतिनिधिमंडल ने स्कूल दौरा करने के बाद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से कालकाजी स्थित वीर सावरकर सर्वोदय विद्यालय में मुलाकात की. उन्हें ध्वज वाहक के रूप में पंजाब की शिक्षा प्रणाली में बदलाव लाने के लिए प्रेरित किया. मनीष सिसोदिया ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में जो कुछ भी करते हैं, उनका उद्देश्य देश की तरक्की होना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब दिल्ली में हमने शिक्षा पर काम करना शुरू किया तो हमारी टीम ने स्कूलों में प्रमुख और शिक्षकों के साथ बातचीत की. उनके आइडियाज लिए गए, जिसके कारण ही यह संभव हो सका.सिसोदिया ने कहा कि जिस तरह दिल्ली के स्कूल में शिक्षकों ने काम किया है. अब ठीक उसी तरह से पंजाब सरकार को सोचने की जरूरत है. इसलिए वे शिक्षा मंत्री के संपर्क में रहे और उन्हें अपना इनोवेटिव आइडियाज शेयर करते रहे. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यूके, यूएसए, जापान और फिनलैंड जैसे देश अपने मजबूत शिक्षा प्रणाली के कारण विकसित देशों की श्रेणी में है. पूरी दुनिया इनसे प्रेरणा लेती है. अगर अपने देश को विकसित देश के रूप में देखना चाहते हैं तो हमें विकसित देशों के इतिहास, वहां के शिक्षण संस्थानों की भूमिका की स्टडी करने की जरूरत है.उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार की टीम दुनिया भर के शिक्षा के विभिन्न मॉडलों को स्टडी किया. दिल्ली में शिक्षा की जमीनी जरूरतों को समझा, फिर दिल्ली का शिक्षा मॉडल तैयार किया. उन्होंने कहा कि दिल्ली कट एंड पेस्ट मॉडल नहीं था और न ही पंजाब होगा. पंजाब के शिक्षकों को शिक्षा मॉडल को डिजाइन करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि पंजाब से आए शिक्षक दिल्ली के शिक्षा मॉडल और खास तौर पर हैप्पीनेस क्लासेस को देखकर काफी खुश और उत्साहित दिखे. उन्होंने सरकार के 35 स्कूलों का दौरा किया. अपनी यात्रा के दौरान शिक्षकों ने छात्रों के साथ बातचीत की और माइंडसेट पाठ्यक्रम की कक्षाओं में भी भाग लिया.
पंजाब से आए एक शिक्षक ने अपना अनुभव शेयर करते हुए कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी क्रांति है, जो छात्रों के आत्मविश्वास और उनकी खुलकर बात करने की क्षमता को और उड़ान देता है. वह जानते हैं कि वास्तव में उन्हें क्या सिखाया जा रहा है. यह शिक्षा भविष्य में उनकी मदद करेगी, क्योंकि उन्हें सही मार्गदर्शन मिल रहा है. इसलिए पंजाब के स्कूलों में भी इस गाइडेंस को शुरू करना जरूरी है.
नई दिल्ली : पंजाब के शिक्षा विभाग का प्रतिनिधिमंडल दिल्ली के दो दिवसीय दौरे पर आए हैं. इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों का दौरा किया. वे दिल्ली में होने वाले हैपीनेस उत्सव में भाग लेंगे.पंजाब के प्रतिनिधिमंडल ने स्कूल दौरा करने के बाद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से कालकाजी स्थित वीर सावरकर सर्वोदय विद्यालय में मुलाकात की. उन्हें ध्वज वाहक के रूप में पंजाब की शिक्षा प्रणाली में बदलाव लाने के लिए प्रेरित किया. मनीष सिसोदिया ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में जो कुछ भी करते हैं, उनका उद्देश्य देश की तरक्की होना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब दिल्ली में हमने शिक्षा पर काम करना शुरू किया तो हमारी टीम ने स्कूलों में प्रमुख और शिक्षकों के साथ बातचीत की. उनके आइडियाज लिए गए, जिसके कारण ही यह संभव हो सका.सिसोदिया ने कहा कि जिस तरह दिल्ली के स्कूल में शिक्षकों ने काम किया है. अब ठीक उसी तरह से पंजाब सरकार को सोचने की जरूरत है. इसलिए वे शिक्षा मंत्री के संपर्क में रहे और उन्हें अपना इनोवेटिव आइडियाज शेयर करते रहे. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यूके, यूएसए, जापान और फिनलैंड जैसे देश अपने मजबूत शिक्षा प्रणाली के कारण विकसित देशों की श्रेणी में है. पूरी दुनिया इनसे प्रेरणा लेती है. अगर अपने देश को विकसित देश के रूप में देखना चाहते हैं तो हमें विकसित देशों के इतिहास, वहां के शिक्षण संस्थानों की भूमिका की स्टडी करने की जरूरत है.उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार की टीम दुनिया भर के शिक्षा के विभिन्न मॉडलों को स्टडी किया. दिल्ली में शिक्षा की जमीनी जरूरतों को समझा, फिर दिल्ली का शिक्षा मॉडल तैयार किया. उन्होंने कहा कि दिल्ली कट एंड पेस्ट मॉडल नहीं था और न ही पंजाब होगा. पंजाब के शिक्षकों को शिक्षा मॉडल को डिजाइन करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि पंजाब से आए शिक्षक दिल्ली के शिक्षा मॉडल और खास तौर पर हैप्पीनेस क्लासेस को देखकर काफी खुश और उत्साहित दिखे. उन्होंने सरकार के 35 स्कूलों का दौरा किया. अपनी यात्रा के दौरान शिक्षकों ने छात्रों के साथ बातचीत की और माइंडसेट पाठ्यक्रम की कक्षाओं में भी भाग लिया.
पंजाब से आए एक शिक्षक ने अपना अनुभव शेयर करते हुए कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी क्रांति है, जो छात्रों के आत्मविश्वास और उनकी खुलकर बात करने की क्षमता को और उड़ान देता है. वह जानते हैं कि वास्तव में उन्हें क्या सिखाया जा रहा है. यह शिक्षा भविष्य में उनकी मदद करेगी, क्योंकि उन्हें सही मार्गदर्शन मिल रहा है. इसलिए पंजाब के स्कूलों में भी इस गाइडेंस को शुरू करना जरूरी है.