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इस्लामिक संगठन के खिलाफ ED की कार्रवाई, पीएफआई के 23 बैंक खातों को अस्थायी रूप से किया सीज

jantaserishta.com
1 Jun 2022 2:04 PM GMT
इस्लामिक संगठन के खिलाफ ED की कार्रवाई, पीएफआई के 23 बैंक खातों को अस्थायी रूप से किया सीज
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नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर दी. ईडी ने पीएफआई के 23 बैंक खातों को अस्थायी रूप से सीज कर दिया है. इन खातों में 59.12 लाख रुपये हैं.

इतना ही नहीं पीएफआई के फ्रंट ऑर्गनाइजेशन रिहैब इंडिया फाउंडेशन (आरआईएफ) के 10 बैंक खातों को भी अटैच कर दिया गया है, जिनमें 9.50 लाख हैं. पीएफआई और उससे संबंधित संगठन के खिलाफ पीएमएलए जांच कर रही ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 की धारा 5 के तहत ईडी ने यह कार्रवाई की गई है.
खातों में ज्यादातर कैश जमा किया गया
ईडी की जांच से पता चला है कि 2009 से अब तक पीएफआई के खातों में 60 करोड़ रुपये जमा किए जा चुके हैं. इसमें आधे से ज्यादा नकद में जमा किए गए. इसी तरह आरआईएफ के खातों में 2010 से अब तक 58 करोड़ जमा किए जा चुके हैं.
PFI पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है केंद्र
सूत्रों ने अप्रैल में आजतक को सूचित किया है कि केंद्र (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) पीएफआई पर भी प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है. देश में हाल ही में हुए सांप्रदायिक दंगों में PFI से जुड़े लिंक की जांच पर सुरक्षा एजेंसियों की नजर है. मध्य प्रदेश के खरगोन में हुई हिंसा में PFI की भूमिका के आरोप मध्य प्रदेश भाजपा के नेता वीडी शर्मा ने लगाए थे. उत्तर प्रदेश ने पहले ही PFI को बैन करने की मांग केंद्र सरकार से कर चुका है.
PFI भारत में इस्लाम के तालिबानी संस्करण को थोपना चाहता है. उदारवादी मुस्लिम संगठनों को हटाना चाहता है. संगठन में आईईडी बम बनाने और जमीनी स्तर पर खुफिया जानकारी जुटाने के लिए प्रशिक्षक हैं.
PFI नेतृत्व अक्सर हज के नाम पर खाड़ी का दौरा करता है, लेकिन असली उद्देश्य फंड इकट्ठा करना है. अभी भी प्रतिबंध लगाने की कोई समय सीमा तय नहीं है, लेकिन समय-समय पर राज्यों और एजेंसियों से इनपुट के बाद इसे प्रतिबंधित करने पर विचार किया गया है.
2010 में चर्चा में आया था पीएफआई
पीएफआई 2010 में तब देश भर में चर्चा में आया था जब उसके लोगों ने केरल के एक प्रोफेसर टीजे जोसेफ पर ईशनिंदा का आरोप लगाते हुए उनकी हथेली काट दी थी. इसके बाद दिसंबर 2012 में पीएफआई के बारे में केरल पुलिस ने केरल हाई कोर्ट में कहा था कि पीएफआई सिमी का ही नया रूप है.
दिल्ली के शाहीन बाग धरने के पीछे पीएफआई का ही हाथ था. प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार शाहीन बाग धरने के दौरान पीएफआई के खातों में करोड़ों रुपये जमा किए गए थे, जिन्हें बाद में प्रदर्शनकारियों के खातों में ट्रांसफर किया गया था. वहीं कर्नाटक में हिजाब विवाद के भड़काने के पीछे उसकी छात्र शाखा कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया का नाम सामने आया था.
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