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दिल्ली-एनसीआर
उपराज्यपाल और सरकार के टकराव में केजरीवाल के सिंगापुर दौरे पर ग्रहण, इसलिए रुका है मामला
Renuka Sahu
25 Jun 2022 1:33 AM GMT
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फाइल फोटो
नियुक्ति के एक महीने में ही दिल्ली के नए उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना और चुनी हुई सरकार के बीच विवाद खड़ा हो गया है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नियुक्ति के एक महीने में ही दिल्ली के नए उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना और चुनी हुई सरकार के बीच विवाद खड़ा हो गया है। रिश्तों की तल्खी का असर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सिंगापुर दौरे पर पड़ा है। सिंगापुर में वर्ल्ड सिटीज समिट में शामिल होने से जुड़ी फाइल बीते दो सप्ताह से उपराज्यपाल के पास पड़ी है।
दिल्ली सरकार के सूत्रों की मानें तो इसी तरह के दूसरे कई छोटे मामलों की फाइलें उपराज्यपाल ने रोक रखीं हैं, जिससे जनहित के फैसले नहीं हो पा रहे हैं। सिंगापुर के उच्चायुक्त साइमन वॉग ने गत एक जून को मुख्यमंत्री को दिल्ली सचिवालय पहुंचकर 2-3 अगस्त को होने वाले वर्ल्ड सिटीज समिट-2022 के लिए बुलावा दिया था। इसमें मुख्यमंत्री को दुनिया के सामने दिल्ली मॉडल पेश करना है।
मुख्यमंत्री ने उच्चायुक्त का आमंत्रण स्वीकार कर सिंगापुर दौरे की रूपरेखा तैयार की और इस संबंध में फाइल सात जून को उपराज्यपाल के पास भेजी, जिसे अब तक स्वीकृति नहीं मिली है। सूत्रों ने बताया कि इनसे पहले के उपराज्यपाल इस तरह की फाइलों को एक से दो दिन में दिल्ली सरकार को भेज देते थे।
जमीन रजिस्ट्री में अनियमितता के आरोप में सब रजिस्ट्रार और कानूनगो निलंबित
दक्षिण दिल्ली में जमीन की रजिस्ट्री के मामले में धोखाधड़ी और कदाचार में लिप्त सब रजिस्ट्रार और कानूनगो को निलंबित कर दिया गया है। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी प्रशासन सुनिश्चित करने के लिए अनियमितता में लिप्त अधिकारियों और कर्मचारियों पर लगातार शिकंजा कस रहे हैं। दिल्ली को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की दिशा में उपराज्यपाल ने कदम बढ़ाते हुए यह कार्रवाई की है।
सूत्रों का कहना है कि पॉश इलाके में दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की करोड़ों की जमीन को एक व्यक्ति की मिलीभगत से हस्तांतरित करने के मामले की निष्पक्ष जांच के लिए सब रजिस्ट्रार (5-ए, हौजखास) डीसी साहू को निलंबित कर दिया गया है। राजस्व रिकॉर्ड में गंभीर कदाचार करते हुए चिराग दिल्ली के जोसिप ब्रोज टीटो मार्ग में जमीन के हस्तांतरण के दौरान क्षेत्र के तत्कालीन कानूनगो रमेश कुमार को भी निलंबित कर दिया गया है। उपराज्यपाल को सांसदों और विधायकों समेत क्षेत्र के स्थानीय नागरिकों और समूहों की तरफ से लगातार सब रजिस्ट्रार की शिकायतें मिल रही थी। भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के तहत संपत्तियों के पंजीकरण के लिए रिश्वत की मांग, दस्तावेज जुड़े मामलों सहित कई और मामले संज्ञान में लाए गए थे।
सूत्र बताते हैं कि जांच में सामने आया कि इस मामले में सब-रजिस्ट्रार ने निजी व्यक्तियों और क्षेत्र के कानूनगो प्रभारी के साथ आपराधिक मिलीभगत से 1250 वर्ग मीटर की जमीन के जाली दस्तावेज भी बनाए थे। डीडीए से संबंधित फ्री होल्ड जमीन को फरवरी, 2022 में एक सेल डीड भी पंजीकृत किया। पूरे मामले की निष्पक्ष जांच के लिए दो अधिकारियों को निलंबित करने की सिफारिश के बाद 21 जून को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया।
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