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डीयू ने किया इंतजाम, लाइब्रेरी से पुस्तक ले जाने की कोशिश की तो बजेगा अलार्म

न्यूज़क्रेडिट; अमरउजाला
RFID System : कॉलेज ने अपने पुस्तकालय में रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन सिस्टम (आरएफआईडी) सिस्टम लागू किया है। इस सिस्टम से लाइब्रेरी में उपलब्ध किताबों को बार कोड से टैग किया है। इस सिस्टम को लगाने के लिए कॉलेज ने दिल्ली लोक निर्माण विभाग का सहयोग लिया है।
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के लक्ष्मीबाई कॉलेज में अब पुस्तकें लेने व वापस करने के लिए लंबी लाइनों में लगने की आवश्यकता नहीं होगी। वहीं, बिना पंजीकरण कराए पुस्तक लाइब्रेरी से बाहर ले जाने की कोशिश की तो अलार्म बज उठेगा।
कॉलेज ने अपने पुस्तकालय में रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन सिस्टम (आरएफआईडी) सिस्टम लागू किया है। इस सिस्टम से लाइब्रेरी में उपलब्ध किताबों को बार कोड से टैग किया है। इस सिस्टम को लगाने के लिए कॉलेज ने दिल्ली लोक निर्माण विभाग का सहयोग लिया है।
इसके अलावा पुस्तकालय के मुख्य दरवाजे को भी शॉपिंग मॉल की तरह आरएफआईडी से टैग किया गया है। इससे कॉलेज को छात्रों को जारी की गई पुस्तकों पर नजर रखने में मदद मिलेगी। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. प्रत्युष वत्सला ने बताया कि कॉलेज की सेंट्रल लाइब्रेरी के स्वचालन के लिए आरएफआईडी सिस्टम शुरू किया है।
इसके तहत पुस्तकालय की सभी पुस्तकों को टैग किया गया है। चूंकि हर पुस्तक को टैग किया गया है इसलिए छात्र यदि पुस्तक को लाइब्रेरी से बाहर ले जाने का प्रयास करेंगे तो अलार्म बज जाएगा। इसके साथ ही सेल्फ इशू रिटर्न काउंटर भी बनाया गया है जहां से छात्र पुस्तक ले जा सकते हैं और वापस कर सकते हैं।
दो और कॉलेजों में है यह व्यवस्था
अभी डीयू के शहीद कॉलेज ऑफ एप्लॉयड साइंसेज फॉर वुमन और रामजस कॉलेज में इस तरह का सिस्टम है। दरअसल, अक्सर ऐसा होता कि छात्र तो पुस्तकें ले जाते हैं पर वापस नहीं करते हैं। वहीं, यदि लाइब्रेरी के काउंटर पर कोई नहीं होता तो बिना पंजीकरण कराए ही किताब ले जाते हैं। अब यह सिस्टम छात्रों को जारी की गई किताबों पर नजर रखने में मदद करेगा।
पुस्तकों के नुकसान पर भी रहेगी नजर
कॉलेज प्राचार्य ने बताया कि विद्यार्थियों को पहले सेे ही आरएफआईडी सिस्टम पर आधारित आईपकार्ड दिया जाता है। इसके सफल रहने पर ही पुस्तकालय को भी इस सिस्टम से जोड़ने की योजना बनाई गई थी। कोविड महामारी के कारण इसे लागू करने में देरी हुई। आरएफआईडी टैग का उपयोग यह जांचने के लिए भी किया जाएगा कि छात्र ने पुस्तक को किसी तरह का नुकसान तो नहीं पहुंचाया है।