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ग्रेटर नॉएडा में डार्कनेट के जरिये नशा तस्करी, गिरोह का पर्दाफाश करने के लिए हेल्पलाइन की शुरुआत
नोएडा न्यूज़: नोएडा-ग्रेटा नोएडा में डार्कनेट यानि डार्कवेब के जरिए ड्रग्स की तस्करी हो रही है. पुलिस की जांच में यह खुलासा हुआ है. नोएडा-ग्रेनो में होने वाली रेव पार्टी में इसी माध्यम से ड्रग्स की सप्लाई की गई थी. इस गिरोह का नेटवर्क तोड़ने के लिए ही गौतमबुद्ध नगर कमिश्नरेट में नारकोटिक्स हेल्पलाइन की शुरुआत की गई है.
पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह ने भी हेल्पलाइन के शुभारंभ के मौके पर ड्रग्स तस्करी में डार्कनेट के प्रयोग होने का जिक्र किया था. पिछले दिनों सामने आए ड्रग्स तस्करी के कई मामलों में भी डार्कनेट की भूमिका सामने आई है. इसके चलते ही पुलिस की एक विशेष टीम को ऐसे गिरोह का पर्दाफाश करने के लिए तैयार किया गया है. पुलिस ने कई गिरोह को भी चिह्नित किया है, जो पूर्व में ऐसे मामलों में पकड़े जा चुके हैं. इन गिरोह के तस्करों की वर्तमान लोकेशन का पता लगाया जा रहा है, ताकि उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा सके.
नोएडा में नए साल और क्रिसमस डे पर अवैध रूप से आयोजित होने वाली रेव पार्टियों में बड़े स्तर पर ड्रग्स की तस्करी होती है. एक्सप्रेसवे और फेज दो स्थित फार्म हाउस पर रेव पार्टियों का आयोजन किया जाता है. आयोजक युवकों के लिए 10 हजार रुपये की एंट्री फीस रखते हैं, जबकि युवतियों की एंट्री फ्री होती है. पुलिस इन पार्टियों में से ड्रग्स के अलावा नशीले पदार्थ भी बरामद कर चुकी है.
गांजा तस्कर भी सक्रिय नोएडा में गांजा तस्कर भी बड़े स्तर पर सक्रिय हैं. वे उड़ीसा, बिहार और झारखंड से गांजा लाकर दिल्ली और एनसीआर में गांजे की सप्लाई करते हैं. गिरोह ने एनसीआर में अलग-अलग क्षेत्र में अपने एजेंट बना रखे हैं. उनके माध्यम से वे एनसीआर की यूनिवर्सिटी, कॉलेज और स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को गांजा सप्लाई करते हैं. पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपी 500 से एक हजार रुपये में गांजे की पुड़िया बेचते हैं. वह अधिकतर नए विद्यार्थियों को शिकार बनाते हैं. पहले उन्हें मुफ्त में गांजा मुहैया कराते हैं. लत लगने के बाद उसे बेचना शुरू कर देते है.
ये भी एक तथ्य मादक पदार्थों की तस्करी पर तमाम पाबंदियों के बावजूद भारत डार्कनेट पर बिक रहे मादक पदार्थों की आपूर्ति के लिए दक्षिण एशिया में सबसे ज्यादा सूचीबद्ध किए जाने वाले देशों में से भारत एक है. विएना स्थित अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ नियंत्रण ब्यूरो (आईएनसीबी) ने साल 2021 की अपनी वार्षिक रिपोर्ट में 'वैश्विक स्थिति के विश्लेषण' विषय के तहत भारत और दक्षिण एशिया में मादक पदार्थों की तस्करी के परिदृश्य पर प्रकाश डाला है.